इस आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा में शुरू हुई रजिस्ट्री कई परिवारों को मिलेगा घर
इस आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा में शुरू हुई रजिस्ट्री कई परिवारों को मिलेगा घर
Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा जिला प्रशासन की तरफ से 2020 में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया था. जिसमें डूब क्षेत्र में कृषि जमीन की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गया था...
रिपोर्ट- धीरेंद्र कुमार शुक्ला
ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के डूब क्षेत्र का मामला हाई कोर्ट में चल रहा था. अब हाई कोर्ट की तरफ से आदेश जारी किया गया है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद डूब क्षेत्र की कृषि भूमि की रजिस्ट्री प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है. रजिस्ट्री के पहले दिन पांच रजिस्ट्री हुई. जबकि डूब क्षेत्र में खेती किसानी करने वाली जमीन की रजिस्ट्री शर्तों के साथ की जा रही है जिससे किसी भी तरीके का कोई भी अवैध निर्माण ना हो सके और इसे रोका जा सके.
4 साल पहले लगी थी रजिस्ट्री पर रोक
ग्रेटर नोएडा जिला प्रशासन की तरफ से 2020 में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया था. जिसमें डूब क्षेत्र में कृषि जमीन की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद जुलाई 2024 में एक नई व्यवस्था प्रशासन की तरफ से लागू की गई. जिसमें रजिस्ट्री के लिए एडीएम के पास आवेदन करना होता था. उसके बाद एडीएम स्तर पर प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी जाती थी और 30 दिनों के अंदर रिपोर्ट न आने पर आवेदन को निरस्त माना जाता था. अगर स्वीकृति मिलती तो तहसील और सिंचाई विभाग द्वारा उसका सत्यापन किया जाता था.
हाई कोर्ट के आदेश बदली प्रक्रिया
डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर लगे इस प्रतिबंध को लेकर लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उसके बाद उच्च न्यायालय ने प्रशासन के इस आदेश को रद्द कर दिया. जिसके बाद डूब क्षेत्र की खेती किसानी करने वाली जमीन की रजिस्ट्री फिर से शुरू कर दी गई है. हालांकि, दादरी और जेवर तहसील क्षेत्र में पहले दिन कोई रजिस्ट्री नहीं हो सकी जबकि यहां काफी आवेदन पहले से लंबित है.
अधिकारियों ने दी जानकारी
सदर अप निबंधन प्रेम प्रकाश ने लोकल 18 से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि डूब क्षेत्र में खेती किसानी करने वाली जमीन की रजिस्ट्री शर्तों के साथ की जा रही है. शर्तों के अनुसार जिस जमीन की खरीद और बिक्री होनी है उस पर कोई पक्का निर्माण नहीं होना चाहिए और भविष्य में भी कोई अस्थाई निर्माण नहीं किया जा सकेगा. इसके अलावा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के दिशा निर्देशों और नियमों को पूरी तरह से पालन करना आवश्यक होगा. रजिस्ट्री से के लिए खतौनी और खसरे की मूल प्रति के साथ-साथ जीपीएस के माध्यम से जमीन की फोटो भी संलग्न करनी होगी जो मौके पर ली गई हो.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 20:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed