18 दिन 45 मॉक टेस्ट रिजल्ट 977%दोस्तों के दम पर पहले डिप्रेशन को हराया

सफल वही हुआ है, जो अपनी पुरानी गलतियों को सुधार कर आगे बढ़ा है. कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी है उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के गौरव यादव की, जिन्होंने अपनी गलती से सीखा और दूसरे ही अटेम्प्ट में JEE Mains के परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की.

18 दिन 45 मॉक टेस्ट रिजल्ट 977%दोस्तों के दम पर पहले डिप्रेशन को हराया
रिषभ चौरसिया/ लखनऊ: जब कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प संग मिलते हैं, तब सफलता की कहानी जन्म लेती है. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है कतरारी, महाराजगंज के रहने वाले गौरव यादव की. दरअसल,गौरव ने जनवरी में आयोजित JEE Mains की परीक्षा में अच्छा स्कोर किया था. लेकिन वह अपने स्कोर से संतुष्ट नहीं थे. उनकी इस असंतोष ने उन्हें अप्रैल की JEE Mains परीक्षा में और भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया. JEE Mains 2024 में गौरव ने न सिर्फ पहले की तुलना में बेहतर परसेंटाइल हासिल किया, बल्कि अपने परिवार और जिले का नाम भी रोशन किया. आइए सिलसिलेवार तरीके से जानते हैं गौरव की कहानी उनकी जुबानी डिप्रेस्ड था,लेकिन हार नहीं मानी गौरव बताते हैं, “वह महाराजगंज के एक छोटे से कस्बे कतरारी से हैं, जहां संसाधन बहुत सीमित है. लेकिन उनके सपने हमेशा बड़े थे. उन्होंने अपनी 11वीं और 12वीं की पढ़ाई गोरखपुर के पादरी बाजार में अपने मामा के घर पर रहकर की, इस दौरान उन्होंने ABC Classes  में दाखिला लिया. दरअसल जेईई की परिक्षा साल में दो बार होती है. पहले प्रयास में कम स्कोर आने के बाद, गौरव बहुत काफी निराश हो गया थे. शायद “वह डिप्रेस्ड थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. वह अपने दोस्त सूर्याशु और सिद्धांत के साथ मिलकर एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया और जनवरी अटेम्प्ट की गलतियों को पहचानकर उसे सुधारने के लिए 18 दिनों में 45 से अधिक मॉक टेस्ट दिए.  बोर्ड एग्जाम के बाद वह रोजाना 15-16 घंटे पढाई करते थे. जिसका परिणाम अच्छा आया सूर्यांशु का 96% से 98.2%, सिद्धांत का 97.3% से 97.8% और उनका 87% से 97.7 % नंबर आया. भाई और माता-पिता का मिला सपोर्ट  गौरव बताते है उनके बड़े भाई IIT Bhopal  में कंप्यूटर साइंस के छात्र हैं, उन्होंने परीक्षा की तैयारी में मार्गदर्शन और सहायता की. जबकि उनके माता-पिता भी उनकी सफलता में एक मजबूत स्तम्भ की तहर खड़े रहे. गौरव का सपना है कि वह कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें और एक प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनें. उनकी यह ख्वाहिश है कि वह अपने माता-पिता और अपने गांव का नाम रोशन करें. गौरव चाहते हैं कि उनकी सफलता से उनके समाज में शिक्षा की महत्वता बढ़े और अन्य युवा भी प्रेरित होकर उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हो. . Tags: Gorakhpur news, Local18FIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 12:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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