पिता किसान और बेटा वर्ल्ड चैंपियन! चुनौतियों के सामने नहीं मानी हार
पिता किसान और बेटा वर्ल्ड चैंपियन! चुनौतियों के सामने नहीं मानी हार
Success Story: वर्ल्ड चैंपियन दीपेंद्र संभल जिले के असमोली स्थित गांव भटपुरा के रहने वाले हैं. दीपेंद्र ने शूटिंग में जाने का मन बचपन से ही बनाया था. वो बताते है कि जब भी मां-बाप खिलौने आदि थे तो मेरा आकर्षण बंदूक था. जब उम्र बढ़ती गई तो शूटिंग के प्रति लगाव बढ़ता गया.
विशाल झा /गाज़ियाबाद: अपनी आज की स्थिति को स्वीकार कर उसको बेहतर बनाने वाला ही कल का विजेता कहलाता है. यही पंक्तियां किसान के बेटे दीपेंद्र पर भी लागू होती दिख रही . बस अपने आप को मजबूत बनाकर दीपेंद्र ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि दिव्यांग होना अभिशाप नहीं बल्कि अभिमान है. जी, हां! आज कहानी एक ऐसे वर्ल्ड चैंपियन निशानेबाज की जिसका दाए पैर पोलियो ग्रस्त होने के बावजूद भी ऊर्जा कम होती हुई नजर नहीं आती. देश- विदेश में निशानेबाजी स्पर्धा में अपने टैलेंट का लोहा दीपेंद्र कई बार मनवा चुके हैं.
वर्ल्ड चैंपियन दीपेंद्र संभल जिले के असमोली स्थित गांव भटपुरा के रहने वाले हैं. दीपेंद्र ने शूटिंग में जाने का मन बचपन से ही बनाया था. वो बताते है कि जब भी मां-बाप खिलौने आदि थे तो मेरा आकर्षण बंदूक था. जब उम्र बढ़ती गई तो शूटिंग के प्रति लगाव बढ़ता गया. इसके बाद ही शूटिंग में आने का फैसला लिया और यह सफर टोक्यो पैरालंपिक तक जा पहुंचा.
रिकॉर्ड पर एक नजर
वर्ष 2015 में अप स्टेट शूंटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला है. इस वर्ष नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल, वर्ष 2016 में नॉर्थ जोन शूटिंग चैंपियनशिप में लगातार गोल्ड, वर्ष 2017 में थाईलैंड में संपन्न हुई इंटरनेशनल वर्ल्ड शूटिंग पर स्पोर्ट वर्ल्ड कप में निशानेबाजी स्पर्धा में एशियन और वर्ल्ड रिकॉर्ड है. वर्ष 2018 में फ्रांस में गोल्ड मेडल, वर्ष 2021 टोक्यो पैरा ओलंपिक में दसवां स्थान.
नए खिलाड़ियों को सलाह
दीपेंद्र बताते हैं कि शूटिंग एक महंगा खेल है. इस खेल में ट्रेनिंग फीस और इक्विपमेंट के खर्चों को मिलाकर औसतन एक खिलाड़ी को हर महीने 10 हजार रुपए की जरूरत पड़ती है. ऐसे में अभिभावकों के इतने पैसे खर्च होने के बावजूद भी अगर आपका शूटिंग में गहन इंटरेस्ट है, तो सबसे पहले खुद पर फोकस करना जरूरी है. यह सारा खेल सिर्फ फोकस का है. सबसे पहले एक खिलाड़ी को अपने मोबाइल फोन से दूरी बना लेनी चाहिए. क्योंकि ज्यादा फोन का इस्तेमाल करना आपके कंसंट्रेशन को खराब करता है. इसके अलावा प्रैक्टिस में गैप न आए ऐसी कोशिश रखनी चाहिए.
Tags: Ghaziabad News, Local18, Success Story, UP newsFIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 12:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed