शराब पीकर लोग अक्सर अंग्रेजी क्यों बोलने लग जाते हैं
शराब पीकर लोग अक्सर अंग्रेजी क्यों बोलने लग जाते हैं
शराब सेहत के लिए नुकसानदेह है. इसको पीने का नतीजा निश्चित तौर पर अच्छा नहीं होता. कई बार ज्यादा पीने वाले ऐसी हरकतें करते हैं कि या तो हास्य का पात्र बन जाते हैं या पिटाई के आसपास भी पहुंच जाते हैं लेकिन कई बार पीने के बाद मस्तिष्क से कुछ हद तक नियंत्रण खत्म होना एक नई पर्सनालिटी को भी सामने लाता है.
हेलो! हाउ आर यू ब्रो? लॉन्ग टाइम, नो सी. आई मिस यू यार! वेयर हैव यू बीन?
अब्बे तू पीया हुआ है न?
शराब पीकर जब किसी ने दूर-दराज बैठे किसी दोस्त को फ़ोन करके ये कहा? और फिर उसे ये जवाब मिला. क्या आप जानते हैं कि उस दोस्त ने ऐसा क्यों कहा होगा? क्या आपने भी महसूस किया है कि शराब पीने के बाद लोग अक्सर अंग्रेजी में बातें करने लगते हैं.
‘शोले’ में वीरू के टंकी पर चढ़ने के बाद बोले गए ‘चक्की पीसिंग एंड पीसिंग एंड पीसिंग’ को कौन भूल सकता है? पीने के बाद बहुत से लोगों के अंदर का वीरू बाहर आने लगता है.
साइंस मैगजीन ‘जर्नल ऑफ़ साइकोफ़ार्माकोलॉजी’ में छपे एक शोध के मुताबिक, थोड़ी सी शराब पीने के बाद जो नशा होता है वो दूसरी भाषा को बोलने में मददगार साबित होता है. यूनिवर्सिटी ऑफ लीवरपूल, ब्रिटेन के किंग्स कॉलेज और नीदरलैंड्स के यूनिवर्सिटी ऑफ़ मास्ट्रिच के शोधकर्ताओं ने करीब 50 जर्मन लोगों के एक समूह को अध्ययन में शामिल किया, जिन्होंने हाल ही में डच भाषा सीखी थी और वे नीदरलैंड में पढ़ाई कर रहे थे जहां डच ही बोली जाती है.
आखिर पीने के बाद हमारी भाषा क्यों बदल जाती है? भाषा है क्या? भाषा हमारे व्यवहार का भी एक तरीका होती है. वह व्यवहार जिससे हम एक दूसरे तक अपनी बात पहुंचाते हैं. पीने के बाद हमारे व्यवहार में ही बदलाव आता है, जिस व्यवहार का एक हिस्सा भाषा में बदलाव है.
साइंस मैगजीन ‘जर्नल ऑफ़ साइकोफ़ार्माकोलॉजी’ में छपे एक शोध के मुताबिक, थोड़ी सी शराब पीने के बाद जो नशा होता है वो दूसरी भाषा को बोलने में मददगार साबित होता है
दरअसल शराब को सेहत के लिए घातक माना जाता है लेकिन जो लोग शराब पीते हैं उनमें अक्सर ये देखा जाता है कि पीने के बाद उनका आत्मविश्वास पहले से ज्यादा बढ़ जाता है. शराब के नशे में टल्ली होकर ये लोग किसी के भी सामने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी बात को रखते हैं. अगर हिंदी आपकी मातृभाषा है और अंग्रेजी आपकी दूसरी भाषा है तो बहुत बार आप किसी के सामने अंग्रेजी बोलने में संकोच कर जाते हैं कि कहीं गलती न हो जाए. जो लोग एक नई भाषा सीखने में डरते हैं उन्हें शराब वो नई भाषा बोलने और सीखने में मदद करती है.
मेमोरी और एकाग्रता को प्रभावित करती है
लेकिन दूसरी तरफ, शराब को नकारात्मक रूप से स्मृति और ध्यान को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है. यह अतिसंवेदनशीलता और आत्म-मूल्यांकन भी करने को मजबूर करती है. तो क्या लोग वास्तव में पीने के बाद अंग्रेजी या और विदेशी भाषाएं बोलते हैं, या यह सिर्फ बोलने के लिए जिस हिम्मत या कॉन्फिडेंस की ज़रूरत होती है उसकी बात है ?
क्या तब अंग्रेजी बोलने का डर भाग जाता है
आमतौर पर जिन लोगों की अंग्रेजी भाषा पर पकड़ कमजोर होती है वो लोग किसी के सामने अंग्रेजी भाषा में बात करने से डरते हैं. लेकिन शराब पीने के बाद वही लोग बिना किसी डर के फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगते हैं क्योंकि शराब पीने के बाद उनका डर भाग जाता है और वो खुलकर बात कर पाते हैं. यह सरल सा कारण है कि आप पीते ही अंग्रेजी में बात करने लगते हैं.
इस बात पर किया गया शोध
जो लोग शराब नहीं पीते हैं वो अक्सर किसी के सामने बात करते हुए किसी ना किसी बात पर संकोच करते हुए दिखाई देते हैं लेकिन अगर वही लोग थोड़ी सी शराब पी लेते हैं तो फिर उनका व्यवहारिक संकोच अपने आप दूर हो जाता है और वो बिना किसी संकोच के बात करते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि आप सब काम शराब पीकर ही करें. शराब सेहत के लिए बहुत बुरी है लेकिन पीने के बाद जो अंग्रेजी निकलती है उसी के बारे में जानने के लिए यह शोध किया गया.
दरअसल शराब का नशा जब सिर चढ़ता है तो वो अक्सर आपकी चेतना और सतर्कता के साथ खुद पर कंट्रोल करने की स्थिति पर असर डालती है. इसके चलते अक्सर संकोची व्यक्ति की एक नई पर्सनालिटी बाहर निकलती है, जिसमें वह अपने संकोच की दीवारें तोड़ने लगता है.
आमतौर पर अंग्रेजी भाषा में कई ऐसे मुश्किल शब्द भी होते हैं जिनका उच्चारण हर कोई ठीक ढंग से नहीं कर पाता है लेकिन अध्ययन में यह पाया गया है कि जिन व्यक्तियों का उच्चारण सही नहीं है वो भी शराब पीने के बाद शब्दों का सही तरीके से उच्चारण करने लगते हैं यानी शराब के नशे में बोलते वक्त व्यक्ति के मुंह से शब्दों का उच्चारण पहले से बेहतर होने लगता है.
शोध के अनुसार जिन लोगों को अंग्रेजी या फिर किसी भी आम भाषा में सही उच्चारण के साथ बात करना किसी चुनौती से कम नहीं लगता है शराब पीने के बाद वही लोग आत्मविश्वास के साथ अंग्रेजी या फिर कोई भी दूसरी भाषा फर्राटेदार तरीके से बोलने लगतै हैं. शोध जर्मन और डच लोगों पर किया गया लेकिन आप इसे हिंदी और अंग्रेजी से जोड़कर समझ सकते हैं.
शोध किया कैसे गया?
इस समूह में शामिल कुछ लोगों को शराब दी गई जबकि कुछ लोगों को ऐसी ड्रिंक्स दी गई जिसमें एल्कोहल नहीं था. उसके बाद उन लोगों को आपस में डच भाषा में बात करने के लिए कहा गया.
जिन्होंने शराब पी रखी थी वो बेहतर उच्चारण के साथ बात कर रहे थे जबकि सिर्फ ड्रिंक पीने वाले लोग शराब पीने वालों की तुलना में कुछ हिचकिचाहट के साथ बात कर रहे थे.
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Tags: Alcohol, Liquor, Liquor shopFIRST PUBLISHED : August 02, 2022, 16:38 IST