क्यों कानूनी तौर पर बिल्कुल गलत है 14 अगस्त को पाकिस्तान का आजादी दिवस
क्यों कानूनी तौर पर बिल्कुल गलत है 14 अगस्त को पाकिस्तान का आजादी दिवस
अगर कानूनी तौर पर बात करें तो पाकिस्तान का आजादी दिवस 14 अगस्त को मनाया जाना ही गलत है. कानूनी तौर पर तो पाकिस्तान इस दिन आजाद हुआ ही नहीं बल्कि उस दिन तक ये भारत का ही हिस्सा था.
हाइलाइट्स ब्रिटेन के इंडीपेंडेंस एक्ट ने भारत और पाकिस्तान दोनों को 15 अगस्त को आजाद किया दस्तावेजों में तो आज भी दोनों देशों की आजादी का दिन 15 अगस्त ही है, उससे पहले नहीं भारत का बंटवारा 15 अगस्त 1947 से हरकत में आया यानि उसके बाद ही दो मुल्क बने
पाकिस्तान 14 अगस्त को अपनी आजादी का दिन मना रहा है. उसने आजादी के 77 साल पूरे कर लिये हैं लेकिन अगर ये कहा जाए कि पाकिस्तान जिस दिन हर साल आजादी का दिन मनाता है, उस दिन तो वो आजाद ही नहीं था बल्कि आज भी कागजों और दस्तावेजों पर 14 अगस्त तक उसका स्टेटस गुलाम देश का ही है. लिहाजा कानूनी तौर पर पाकिस्तान की आजादी का दिन ही तथ्यात्मक तौर पर गलत है. दरअसल भारत का बंटवारा करके बने दोनों देशों को ब्रिटेन एक ही दिन यानि 15 अगस्त को आजाद करने की घोषणा की थी. दस्तावेजी तौर पर उस दिन तक पाकिस्तान बना ही था बल्कि भारत में था, क्योंकि विभाजन भी 15 अगस्त 1947 से हरकत में आया था.
कानूनी तौर पर इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 (Indian independence act 1947) के अनुसार 14 अगस्त को पाकिस्तान की आजादी एकदम सिरे से गलत है. खुद पाकिस्तान के इतिहासकार इस पर सवाल उठाते रहे हैं. तमाम दस्तावेज और किताबें भी पाकिस्तान के आजादी के दिन को 15 अगस्त ही मानती हैं.
आखिर इसकी वजह क्या है. क्यों 15 अगस्त को आजादी मिलने के बावजूद पाकिस्तान ने भारत से एक दिन पहले खुद को आजाद घोषित कर दिया. हालांकि पाकिस्तान में अगले 02-03 सालों तक ये असमंजसम बना रहा कि स्वतंत्रता दिवस 14 को मनाया जाए या फिर 15 को. वैसे जिन्ना जब तक जिंदा रहे, तब तक वो पाकिस्तान की आजादी के दिन को 15 अगस्त ही मानते थे.
14-15 अगस्त की ये दुविधा सरकारी स्तर पर भी पाकिस्तान में शुरुआती सालों में खूब रही. जिन्ना के निधन के बाद पाकिस्तान ने हुक्मरानों ने इसे अपनी मर्जी से 14 अगस्त कर दिया.
रमज़ान का 27वां दिन भी है अहम वजह
एक और मान्यता यह भी है कि साल 1947 में 14 अगस्त को रमज़ान का 27वां दिन यानी शब-ए-क़द्र पड़ रहा था. शब-ए-क़द्र मुसलमानों के लिए काफी पवित्र रात होती है. माना जाता है कि इसी रात क़ुरआन मुकम्मल हुई थी. इसलिए पाकिस्तान आज भी 14 अगस्त को ही स्वतंत्रता दिवस मनाने की परंपरा को बरकरार रखे हुए है. जिन्ना के अपने भाषणों में पाकिस्तान की आजादी का दिन 15 अगस्त ही कहा है
जिन्ना ने भी 15 अगस्त को ही आजादी का दिन कहा था
पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने पहले स्वतंत्रता दिवस पर अपने संदेश में 15 अगस्त को ही पाकिस्तान के आज़ादी का दिन कहा था. पाकिस्तान में पहले 14 और 15 अगस्त दोनों ही दिन स्वतंत्रता दिवस मनाए गए. मगर इसके बाद पाकिस्तान ने अपना स्वतंत्रता दिवस एक दिन पहले 14 अगस्त को मनाना शुरू कर दिया. जिन्ना का स्वतंत्रता दिवस संदेश भी 14 अगस्त को ही सुनाया जाता है.
पाकिस्तान के ही इतिहासकार उठाते हैं सवाल
हालांकि पाकिस्तान के 14 अगस्त को आजादी का दिन मनाने पर वहीं के इतिहासकार सवाल उठाते हैं. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने 14 अगस्त 2015 को इसको लेकर एक बड़ी रिपोर्ट दी थी. गौरतलब है कि डॉन को वो अखबार है, जिसकी स्थापना खुद जिन्ना ने की थी.
पाकिस्तान के जाने-माने इतिहासकार केके अजीज ने अपनी किताब मर्डर ऑफ हिस्ट्री ें में इस पर विस्तार से लिखा-
“आमतौर पर सामान्य धारणा ये है, जिसे समय के आधिकारिक तौर पर मान भी लिया गया है कि पाकिस्तान को आजादी 14 अगस्त को मिली लेकिन ये गलत है. पाकिस्तान 14 अगस्त को आजाद नहीं हुआ. उनकी किताब कहती है कि ब्रिटिश संसद में 04 जुलाई को द इंडियन इंडिपेंडेंस बिल पेश हुआ. ये 15 जुलाई को कानून बन गया. ये साफ कहता है कि 14-15 अगस्त की आधी रात से भारत और पाकिस्तान दो नए डोमिनियन आजाद हो जाएंगे.” भारत में अंग्रेजी राज के आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन 14 अगस्त को कराची केवल सत्ता का हस्तांतरण गए थे लेकिन इसको प्रभाव में आधी रात के बाद से यानि 15 अगस्त से ही आना था
“ये कानून ये भी कहता है, सत्ता का हस्तांतरण व्यक्तिगत तौर पर वायसराय द्वारा कराया जाएगा, जो भारत में ब्रिटिश किंग का अकेला प्रतिनिधि है. लेकिन ये सही है कि तत्कालीन वायसराय लार्ड माउंटबेटन व्यक्तिगत तौर पर कराची औ नई दिल्ली में एक ही समय मौजूद नहीं रह सकते थे. और ना ही 15 अगस्त को भारत को सत्ता हस्तांरित करके कराची आ सकते थे, क्योंकि उस समय वो नए भारत डोमिनियन के गवर्नर जनरल बन जाते.”
“इसलिए उनके लिए व्यावहारिक तौर पर यही संभव था कि पाकिस्तान को सत्ता का हस्तांतरण 14 अगस्त को कर दें लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पाकिस्तान को 14 अगस्त को आजादी मिल गई. द इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट कतई इसकी इजाजत नहीं देता. वो पाकिस्तान को 15 अगस्त को ही स्वतंत्र मानता है.”
जानिए क्या कहता है कि इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट
15 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद में कानून के तौर पर अस्तित्व में आया ये एक्ट साफतौर पर कहता है “1947 के अगस्त के 15वें दिन से भारत में दो स्वतंत्र डोमिनियन बन जाएंगे, जिन्हें भारत और पाकिस्तान के तौर पर जाना जाएगा.” पाकिस्तान में कई इतिहासकार और दस्तावेज खुद 14 अगस्त को आजादी का जश्न मनाने को गलत ठहराते रहे हैं
और भी कई प्रमाण
और केवल द इंडियन इंडिपेंडेंट एक्ट ही ऐसा नहीं कहता बल्कि इसके कई और भी प्रमाण हैं. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी मोहम्मद अली की किताब 1967 में प्रकाशित हुई. इसका नाम है- “द इमर्जेंस ऑफ पाकिस्तान”. ये आत्मकथात्मक किताब है. इसका उर्दू में ट्रांसलेशन हुआ और जो किताब सामने आई उसका नाम था “जहूर – ए- पाकिस्तान”. इसमें लिखा है-
“15 अगस्त 1947 रमजान मुबारक का आखिरी शुक्रवार यानि जुमा का दिन था यानि इस्लाम के अनुसार पवित्र दिन. इन खास दिन कायदेआजम पाकिस्तान के गवर्नर जनरल बने और उन्होंने अपनी कैबिनेट को शपथ दिलाई. इसी दिन पाकिस्तान का झंडा फहरा और पाकिस्तान विश्व के नक्शे पर आया.”
“15 अगस्त 1947 के दिन ही कायदेआजम ने देश को ये संदेश दिया, आज के दिन मैं उन लोगों को याद कर रहा हूं और उनका आभारी हूं, जिन्होंने एक उ्ददेश्य के लिए लड़ाई की और पाकिस्तान के सपने को साकार किया. मैं उन सभी के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करता हूं, जो अब नहीं हैं.”
इस पूर्व प्रधानमंत्री ने हमेशा 15 अगस्त को आजादी का दिन माना
चौधरी मोहम्मद अली 1980 तक जिंदा रहे और हमेशा अपनी बात पर अडिग रहे कि पाकिस्तान की आजादी का दिन 15 अगस्त है. हालांकि उन्हीं के जीवन के दौरान पाकिस्तान ने आजादी का जश्न 14 अगस्त को मुकम्मल करके मनाना शुरू कर दिया था.
जिन्ना के भाषण साफतौर पर यही कहते हैं
1989 में पाकिस्तान ने मुहम्मद अली जिन्ना के भाषणों का संकलन प्रकाशित किया. इसे फिल्म्स और पब्लिकेशन डिविजन ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत प्रकाशित किया. इसमें जिन्ना का 15 अगस्त का भाषण भी है. उन्होंने 15 अगस्त 1947 के दिन पाकिस्तान की ब्राडकास्टिंग सेवाओं की शुरुआत करते हुए देश को ये संदेश दिया,“आपको आज के दिन अपना संदेश देते हुए मुझको बेइंतिहा खुशी हो रही है. मैं पाकिस्तान के जन्म के अवसर पर 15अगस्त को आपको बधाई देता हूं. ये वो दिन है, जब हम आजाद और संप्रभु हुए हैं. “
एक औऱ किताब भी यही तसदीक करती है. ये किताब मंजूर ए बट की “कायदे आजम रहमतुल्लाह अल्लाह-आखिरी दो साल “है. वो अपनी किताब की प्रस्तावना में लिखते हैं, “पाकिस्तान 14अगस्त 1947 को मुस्लिम देश बना और इसकी घोषणा उसी रात 12 बजे लाहौर, कराची और पेशावर रेडियो स्टेशनों से हुई. तब जिन्ना का आजादी का संदेश पूरे देश में प्रसारित किया गया.”
जिन्ना ने आजादी का संदेश 15 दिन पहले ही रिकॉर्ड कर दिया था
हालांकि इस संदेश को जुलाई के आखिर में तभी रिकॉर्ड कर लिया गया था जब ये स्पष्ट हो गया था कि पाकिस्तान बनना तय हो गया है. इस संदेश के तीन रिकॉर्ड बनाए गए और उन्हें विश्वस्त लोगों के जरिए लाहौर, कराची औऱ पेशावर के रेडियो स्टेशन भेज दिया गया.
बट कहते हैं कि जिन्ना का ये भाषण 14-15 अगस्त की आधी रात यानि 12 बजे के बाद प्रसारित हुआ. यानि ठीक उस समय जबकि 15 अगस्त की शुरुआत हो रही थी.
पाकिस्तान के सार ऐतिहासिक दस्तावेज, भाषण और किताबें यही कहती हैं कि पाकिस्तान का आजादी का दिन 15 अगस्त है ना कि 14. भारत के आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन के आधिकारिक जीवनी लेखक फिलिप जिगलर ने भी “माउंटबेटन-द आफिशियल बॉयोग्राफी” में यही लिखा है कि पाकिस्तान 15 अगस्त को अस्तित्व में आया.
Tags: 15 August, Freedom Movement, Independence day, India and Pakistan, India pakistanFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 12:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed