निगाहें क्यों चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार पर क्या ये फिर पलटेंगे बाजी
निगाहें क्यों चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार पर क्या ये फिर पलटेंगे बाजी
लोकसभा चुनावों के परिणामों के रुझान दोपहर एक बजे के आसपास बहुत साफ हो चुके हैं. क्या ये माना जाना चाहिए कि अब नई सरकार की चाबी चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार पर है. कांग्रेस ने भी उनसे बातचीत शुरू करने का संकेत दिया है.
हाइलाइट्स जेडीयू और टीडीपी मिलाकर 30 से ज्यादा सीटें हासिल करने की ओर कांग्रेस ने जेडीयू और टीडीपी के साथ बातचीत की पहल शुरू की बीजेपी के नंबर को लेकर संशय़, शायद ही बहुमत हासिल कर पाए
लोकसभा चुनावों के जो परिणाम और रुझान अब तक सामने आए हैं, उससे साफ है कि कोई भी अकेला दल सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हासिल करने की स्थिति में नहीं है. दोपहर एक बजे तक जो स्थिति है, उसमें सत्तारुढ़ बीजेपी 240 सीटों के आंकड़े के आसपास है. हालांकि एनडीए का आंकड़ा फिलहाल रुझानों में 295 है लेकिन इसमें 55 सीटें उन दलों की हैं जो बीजेपी की सहयोगी पार्टियां हैं. ऐसे में सबकी नजर एनडीए के उन दो दलों पर है, जो अब नई सरकार बनाने में किंग मेकर की भूमिका निभाएंगे. ये दोनों दल हैं तेलुगुदेशम और जेडीयू.
ताजा चुनावी रुझानों के अनुसार चंद्रबाबू नायडू की तेलुगुदेशम पार्टी आंध्र प्रदेश में बड़ी ताकत के तौर पर उभऱी है. वह अगर वहां विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करके सरकार राज्य में सरकार बनाने जा रही है तो लोकसभा की 16-17 सीटों पर जीतने की स्थिति की ओर बढ़ रही है.
कुछ ऐसा ही बिहार में नीतीश कुमार की जेडीयू का है, जो लोकसभा चुनावों में 15 सीटों पर बढ़त की स्थिति में है. नीतीश कुमार ने कुछ दिनों पहले ही आरजेडी से पल्ला झाड़कर बिहार में बीजेपी से गलबहियां की थी.
दोनों पार्टियां साथ मिलकर 30-32 सीटें जीत सकती हैं
इन दोनों पार्टियों के करीब 30-32 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद ये तय है कि ये दोनों पार्टियां अब केंद्र में किसी भी सरकार के गठन में किंगमेकर बन सकती हैं.
दोनों पार्टियां सियासी मोलभाव खूब करती हैं
हालांकि दोनों पार्टियों ने लोकसभा का चुनाव बीजेपी के साथ गठजोड़ करके लड़ा था लेकिन दोनों ही दल ऐसे हैं जो अपने सियासी फायदे नुकसान के लिए मोलभाव करने में कभी पीछे नहीं रहते. लिहाजा ये बार बार पाला भी बदलते रहे हैं. बीजेपी से दोनों ही सियासी दलों के रिश्ते लव हेट वाले रहे हैं.
नीतीश कई बार पाला बदल चुके हैं
नीतीश कुमार ने एक बार नहीं बल्कि पांच बार से ज्यादा पाला बदला और कभी बीजेपी के साथ गए तो कभी आरजेडी के साथ. उन्होंने कुछ समय पहले बीजेपी के साथ गठजोड़ इसलिए किया था, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि बीजेपी के साथ जाना उनके लिए फायदेमंद रहेगा और इससे वो राज्य में भी अपनी सरकार बचाए रखेंगे. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है.
बिहार में नीतीश बड़े विजेता बनकर उभरे
बिहार में 40 लोकसभा सीटों पर नीतीश कुमार की पार्टी सबसे बड़ी विजेता बनकर उभर रही है. वो वहां 15-16 सीटें जीतने की स्थिति में हैं तो बीजेपी 13 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. ये बात सही है कि नीतीश कुमार ने समय समय जो संकेत दिये हैं, उसके अनुसार बीजेपी से उनके दिल नहीं मिलते लेकिन सियासत की मजबूरी उन्हें मिलाकर रखती है. जब बीजेपी इस समय इस चुनावों में उतनी मजबूत नहीं रह गई तो ये देखने वाली बात होगी कि नीतीश कुमार क्या करते हैं.
चंद्रबाबू नायडू भी मंझे हुए नेता
यही स्थिति चंद्रबाबू नायडू के साथ भी है. वह बीजेपी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद कभी उनके सहयोगी दल रहे तो कभी विपक्ष में उनके खिलाफ बैठे. नायडू की तेलुगुदेशम तो मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला चुकी है. आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी की राजनीति के चलते उन्हें फिर बीजेपी के साथ आने को मजबूर किया लेकिन अब जबकि वो आंध्र प्रदेश में विधानसभा में जीत हासिल कर चुके हैं और लोकसभा चुनावों में भी करीब 16-17 सीटें हासिल करने की स्थिति में हैं तो वह अब उस स्थिति में हैं जहां वह कड़ा सियासी मोलभाव कर सकते हैं.
कांग्रेस भी करेगी दोनों से बात
कांग्रेस चुनाव परिणामों के बीच संकेत दे चुकी है कि वह अब जेडीयू और तेलुगुदेशम से बातचीत शुरू करने जा रही है. जाहिर है कि ये दोनों ही पार्टियां ऐसी हैं कि अपने सियासी फायदे नुकसान के लिए किसी के साथ भी जा सकती हैं.
अगले कुछ दिनों इन पर रहेगी नजर
अगर वो मोदी और बीजेपी का साथ छोड़कर कांग्रेस और इंडिया के साथ चली जाएं तो हैरान नहीं होना चाहिए और अगर वो एनडीए में रुके भी रहे तो उसकी कीमत बहुत ज्यादा होगी.
तो ये पक्का माानिए कि ये दोनों दल अगले कुछ दिनों में कई करवटें बदल सकते हैं और ये किधर जाएंगे अभी कुछ नहीं कहा जा सकता.
Tags: 2024 Loksabha Election, Chandrababu Naidu, JDU nitish kumar, Loksabha Election 2024, Nitish kumarFIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 13:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed