क्या है वो रम्पा क्रांति और क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम जिसे मोदी ने याद किया

पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश में एक ऐसे क्रांतिकारी को याद किया, जो वहां का किवंदती पुरुष बन चुका है, उन्हें वहां अल्लूरी सीताराम राजू के नाम से याद किया जाता है. उनके नाम पर ना जानी कितनी कहानियां और काव्य रचे जा चुके हैं. वैसे अल्लूरी विलक्षण पुरुष थे. प्यार के चलते वह संन्यासी बने और फिर क्रांतिकारी

क्या है वो रम्पा क्रांति और क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम जिसे मोदी ने याद किया
आंध्र प्रदेश के भीमवरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 फीट ऊंची कांस्य की प्रतिमा का अनावरण करते हुए क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू और रम्पा विद्रोह को याद किया. कौन थे अल्लूरी, जिनके नाम पर आंध्र और तेलंगाना से लेकर तमिलनाडु तक ढेरों कहानियां कही जाती हैं. कविताएं सुनाई जाती हैं. वो ऐसे नायक थे, जिनकी क्षमता को लेकर अब भी खूब बखान होता है. दरअसल अल्लूरी ने पिछली सदी के दूसरे दशक में अंग्रेजी राज के खिलाफ ऐसी लड़ाई लड़ी थी, जिसने अंग्रेजों के होश फाख्ता कर दिये थे. वह गुरिल्ला युद्ध के विशेषज्ञ थे. कम उम्र में ही उनके अंदर एक नेतृत्व क्षमता थी. वह आंध्र प्रदेश के गोदावरी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के नेता बने. वह तब 20 के युवक ही रहे होंगे. संन्यास लेकर साधू बन चुके थे लेकिन उनकी आंखों में गजब का तेज था तो शरीर में बला की तेजी और फुर्ती. असंभव को संभव में बदलने वाले. जब वो बोलते थे तो समां बंध जाता था. अच्छे रसूखदार परिवार से थे अल्लूरी अच्छे परिवार से थे. उनके पिता फोटोग्राफर थे. जो उस जमाने और तकनीक के लिहाज से एक नया और अनोखा काम था. चाचा तहसीलदार. हाईस्कूल में ही घोड़े की सवारी करते हुए कब वह ग्रुप के नेता बन चुके थे, खुद उन्हें भी पता नहीं लगा. आंध्र प्रदेश के पंडरागिनी में अल्लूरी का घर, जो अब किसी पवित्र स्थल से कम नहीं. (विकीकॉमंस) प्यार हो गया लेकिन लड़की का निधन हो गया वह जब विशाखापट्टनम पढ़ने गए, तभी एक लड़की सीता से उन्हें प्यार हो गया. दुर्भाग्य से सीता का निधन हो गया और अल्लारी का दिल टूट गया. उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. हालांकि बताते हैं कि पढ़ाई में वह असाधारण स्टूडेंट थे. संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी के विद्वान थे. लेकिन पढ़ाई छोड़ने के बाद उनका ध्यान ज्योतिष, हस्तरेखा और घुड़सवारी में रमने लगा. जिस लड़की से उन्होंने प्यार किया था, उसका नाम अपने नाम से जोड़ लिया. 18 साल की उम्र में संन्यासी  18 साल की उम्र में अल्लूरी संन्यासी बन गए. इसी दौरान अंग्रेजों ने जब गोदावरी इलाके के जंगलों में जब आदिवासियों की खेती पर पाबंदी लगाकर खुद बड़े पैमाने पर वन काटना शुरू किया तो उन्होंने आदिवासियों को इकट्ठा करना शुरू  किया. वह बहुत विचलित थे कि अंग्रेजों की मनमानी से आदिवासी भूखे मरने की स्थिति में पहुंच रहे हैं. रम्पा विद्रोह के नायक तब 1922 के आसपास अल्लूरी ने जो विद्रोह शुरू किया, उसको रम्पा विद्रोह कहा गया. हालांकि इसी नाम का एक कुछ साल पहले भी हो चुका था और उसकी यादें ताजा थीं. रम्पा गोदावरी जिले में एक पहाड़ी अंचल का नाम था. अल्लूरी ने आदिवासियों को शस्त्रकला में दक्ष किया. आदिवासी उन्हें चमत्कारी मानते थे आदिवासी उन्हें भगवान मानते थे. ये माना जाता था कि वह चमत्कारिक पुरुष हैं. उनके पास कुछ ऐसी शक्तियां हैं, जो मानवों में नहीं होतीं. अल्लूरी की अगुवाई में गुरिल्ला युद्ध 700 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फैल गया. इस इलाके में 28000 से ज्यादा आदिवासी रहते थे. उन्होंने इलाके से पुलिस थानों पर हमला करना शुरू किया. थानों पर गुरिल्ला हमला करते थे हमले के दौरान वह थाने का शस्त्रागार लूट लेते थे. फिर जाते समय लूट का विवरण देने वाली चिट्टी जरूर छेड़ जाते थे. कई पुलिस वाले भी इस दौरान मारे गए. अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ने के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया. रिकार्ड बताते हैं कि पुलिस वाले उन्हें तलाशने के लिए जाते थे और वह नहीं मिलते थे. उन्हें तलाशने के अभियान पर तब अंग्रेजों ने 40 लाख खर्चे थे दो सालों में अंग्रेजों ने उन्हें ढूंढने के अभियान में 40 लाख रुपए खर्च कर दिये थे. वह अबूझ पहेली बने हुए थे. घने जंगलों में वह अपनी सेना के साथ कहां रहते हैं किसी को पता नहीं चलता था. ठिकाने बहुत तेजी से बदलते रहते थे. 25 साल की उम्र में फांसी  खैर अंग्रेजों ने उन्हें चिंतापाले के जंगलों में ढूंढ निकाला. अल्लूरी को गिरफ्तार कर लिया गया. उस समय उनकी उम्र 24-25 साल की ही थी लेकिन पूरे दक्षिण भारत में वह किवंदती बन चुके थे. उनकी गाथाएं सुनाई जाने लगी थीं. जब अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ा तो वह हमेशा की तरह निर्भीक थे. अल्लूरी का जन्म 04 जुलाई 1897 को हुआ था. 07 मई 1924 को उन्हें फांसी दे दी गई. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Andhra Pradesh, Modi, Revolutionary Freedom FighterFIRST PUBLISHED : July 04, 2022, 16:18 IST