क्या होता है बादल का फटना जिसने अरुणाचल प्रदेश में मचाई तबाही
क्या होता है बादल का फटना जिसने अरुणाचल प्रदेश में मचाई तबाही
What is Cloud Burst: तीन दिन पहले अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में बादल फटने की घटनाएं हुईं. जिससे वहां पर हालात काफी भयावह हो गए. कई इलाके जल मग्न हो गए. संपत्ति को काफी नुकसान हुआ. ऐसी ही एक विभीषका 11 साल पहले उत्तराखंड में आई थी. जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी. आइये जानते हैं क्या होता है बादल फटना और ये क्यों और कैसे बनते हैं?
What is Cloud Burst: कुदरत के विभिन्न रूप हैं, कुछ खुशनुमा और कुछ डरावने. प्रकृति जब अपने खुशनुमा रूप में होती है तो जिंदगी मुस्कराती है, लेकिन जब वो रौद्र रूप धारण करती है तो सब कुछ मटियामेट हो जाता है. कुदरत अपना कहर भी अलग-अलग रूपों में बरपाती है. उन्हीं में से एक है बादल फटना. रविवार को अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में बादल फट गये, जिससे वहां पर स्थिति भयावह हो गई. बादल फटने से ईटानगर शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए. संपत्ति को काफी नुकसान हुआ. बाढ़ का पानी भरने से काफी घर और गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गए. बादल फटने से आई सबसे बड़ी विभीषका को लोग अभी तक भूले नहीं हैं. 11 साल पहले 16 जून को उत्तराखंड में बादल फटेने से आई विनाशकारी बाढ़ ने केदारनाथ सहित कई शहरों और गांवों को तबाह कर दिया था. इस विभीषका में हजारों की संख्या में लोग बह गए.
कुदरत का यह कहर बरसात के मौसम में देखने को मिलता है. खास तौर पर पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं. लेकिन यह उत्सुकता का विषय है कि आखिर क्या है बादल फटना और क्या वाकई बादल फटता है. आखिर जब बादल फटता है तो क्या होता है? इस लेख के माध्यम से इस बारे में सभी जानकारी देने की कोशिश की जाएगी.
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कैसे फटता है बादल
बारिश गिरने के उच्चतम स्तर को बादल फटना कहते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार जब एक घंटे में दस सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश होती है तो उसे बादल फटने की कैटेगरी में रखा जाता है. बादल फटने से काफी कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होती है. यानी जिस इलाके में बादल फटते हैं वहां पर भारी से अतिभारी बारिश होती है. इसकी वजह से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. अमूमन बादल फटने की घटना धरती से करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर देखने को मिलती हैं.
वैज्ञानिक शब्द है क्लाउडबर्स्ट
बादल फटना शब्द को मुहावरे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. मौसम वैज्ञानिक अपनी भाषा में इस शब्द का प्रयोग करते हैं. इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कोई बादल गुब्बारे की तरह या किसी सिलेंडर की तरह फट जाता हो. बादल फटने का आशय यह होता कि जिस तरह पानी से भरा कोई गुब्बारा अगर फूट जाए तो जिस तरह एक साथ एक जगह बहुत सारा पानी गिरता है. ठीक वैसी ही स्थिति बादल फटने की घटना के समय देखने को मिलती है. इस प्राकृतिक घटना को ‘क्लाउडबर्स्ट या फ्लैश फ्लड भी कहा जाता है.
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कब होती है बादल फटने की घटना
जैसे कि हम जानते हैं कि बादलों में नमी होती है. जब यह नमी बढ़ जाती है तो बादलों का घनत्व बढ़ जाता है. भार अधिक हो जाने के कारण यह नमी पानी की बूंदों के रूप में बरसती है. इसे हम सामान्य बारिश कहते हैं. लेकिन जब भारी संख्या में नमी वाले बादल एक जगह इकट्ठा हो जाते हैं तो बादल फटने की घटना होती है. क्योंकि वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में एक साथ मिल जाती हैं तो घनत्व बढ़ने से तेज बारिश होती है.
पहाड़ों पर क्यों फटते हैं बादल
दूसरे स्थानों की बनिस्पत पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं ज्यादा देखने को मिलती हैं. दरअसल जब पानी से भरे बादल हवा के साथ आगे बढ़ते हैं तो पहाड़ों के बीच फंस जाते हैं. ऊंचे-ऊंचे पहाड़ उन बादलों को आगे नहीं जाने देते हैं. इस तरह पहाड़ों के बीच फंसकर बादलों का पानी बारिश के रूप में गिरने लगता है. क्योंकि इन बादलों का घनत्व सामान्य से ज्यादा होता है तो बारिश भी मूसलाधार होती है.
Tags: Heavy rain, Heavy rain and cloudburst, Heavy rain fall, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 13:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed