देश के दो बड़े नेता जिन्हें मारने से पहले हत्यारों ने झुककर किया था प्रणाम
देश के दो बड़े नेता जिन्हें मारने से पहले हत्यारों ने झुककर किया था प्रणाम
क्या आपको मालूम है कि देश में दो ऐसे बड़े नेता हुए हैं, जिनकी हत्या से पहले हत्यारों ने उन्हें झुककर प्रणाम किया था. बाद में इसका कारण भी बताया. इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी शामिल हैं
हाइलाइट्स दोनों मामलों में हत्यारे प्लान बनाकर आए थे, उन्हें मालूम था कि सुरक्षा नहीं है झुककर प्रणाम करते हुए उन्होंने तुरंत प्राणघातक हमला किया दोनों ही मामलों से किसी को अंदाज नहीं था कि ये हो सकता है
21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि होती है. क्या आपको मालूम है कि देश के दो बड़े नेता ऐसे हुए, जिनकी आजाद भारत में हत्या की गई. हत्यारे ने उन्हें इससे पहले प्रणाम किया. दोनों ही स्थितियों में इन नेताओं को अंदाज भी नहीं हुआ कि उन्हें प्रणाम करने के बाद अगला ही क्षण उनके लिए जानलेवा साबित होने जा रहा है.
पहला वाकया
पहला मामला महात्मा गांधी का है. 31 जनवरी 1948 का दिन था. शाम के 05 बजने वाले थे. महात्मा गांधी प्रार्थना सभा की ओर बढ़ रहे थे. इसी दौरान एक युवक आता है और उन्हें प्रणाम करता है.
गांधीजी के साथ चल रही मनु उस युवक को परे हटाने की कोशिश करती है, भाई हटो, गांधीजी की प्रार्थना सभा का समय हो गया है, उन्हें देर हो रही है, जब तक वो इतना कह पातीं, तब तक वह युवक गांधीजी के सामने झुका ही हुआ था.
अचानक वह उठा और उसने वहां से पीछे हटते हुए पिस्तौल को सामने किया और गांधी जी के सीने में दनादन तीन गोलियां दाग दीं. गांधीजी हेराम कहते हुए गिरे. फिर कुछ ही समय में उन्होंने प्राण पखेरू छोड़ दिए. गोडसे ने अदालत में फिर बताया कि उसने क्यों गांधीजी को झुककर प्रणाम किया था.
गोडसे ने अदालत को बताया – क्यों झुका था वो
जैसे जैसे मुकदमा आगे बढ़ा तो नाथूराम ने अदालत में बोलना शुरू किया. उसने पूरी बात को धर्मयुद्ध से जोड़ा. उसने कई बार भगवतगीता को उद्धृत किया.
लोगों को अचरज था कि वो गांधी को मारने से पहले उनके आगे झुका क्यों था. गोडसे ने इसका जवाब यों दिया, जैसे अर्जुन ने पहले द्रोणाचार्य के चरणों में बाण मारकर उन्हें प्रणाम किया. फिर अगले बाण से उनका वध किया, वैसे ही उसने भी पहले गांधीजी को प्रणाम किया और फिर उन्हें मारा. हालांकि नाथूराम ने जब गांधीजी को झुकते हुए प्रणाम किया तो उन्हें नमस्ते गांधीजी कहा.
गोडसे ने अपने भाषण में महाभारत के सभी योद्धाओं के नामों को बार बार दोहराया. वो खुद को पौराणिक कथाओं से बाहर नहीं निकाल पा रहा था. विभाजन के बाद त्रासद खूनी खेल को भी वो एक काल्पनिक कुरुक्षेत्र में हुए युद्ध के रूप में देख रहा था, जिसमें वो खुद अर्जुन था.
दूसरा वाकया
इसके बाद दूसरा वाकया 33 साल पहले हुआ. ये वाकया राजीव गांधी के साथ हुआ. 21 मई 1991 में राजीव गांधी चुनाव के दौरान प्रचार यात्रा पर थे. वह उस दिन लेट थे. रात में वह चेन्नई के करीब श्रीपेरांबुदूर की सभा में भाषण के लिए पहुंचे. जब वह वहां पहुंचे तो पहले से कुछ भीड़ इकट्ठी थी.
अचानक दूसरे लोगों को पीछे छोड़ते हुए एक युवा लड़की आगे बढ़ी. उसने भी झुककर राजीव गांधी को प्रणाम करने् का उपक्रम किया. राजीव गांधी उसे उठा ही रहे थे कि उसने अपनी पीठ में लगे बम का ट्रिगर दबा दिया. तेज विस्फोट हुआ. उस युवा लड़की ने इसके जरिए राजीव गांधी की हत्या कर दी. हालांकि इस विस्फोट में 16 लोग और मारे गए थे.
इस लड़की का नाम धनु था. उसने राजीव गांधी को प्रणाम इसलिए किया था, ताकि झुककर पीठ में लगे बम से विस्फोट कर सके.
दोनों ही मामलों में सुरक्षा में ढील थी
कहना चाहिए कि दोनों ही मामलों में सुरक्षा में ढील थी. गांधीजी के आसपास जो सुरक्षा घेरा बनाया जाना चाहिए था, वो नहीं था, जबकि ये माना जा रहा था कि गांधीजी के प्राणों को खतरा है. हालांकि तब गृह मंत्रालय गांधीजी को सुरक्षा देना चाहता था लेकिन उन्होंने इसे लेने से साफ इनकार कर दिया था.
दूसरे मामले में वीपी सिंह सरकार ने राहुल गांधी की सुरक्षा को वापस ले लिया था. उनके आसपास भी कोई सुरक्षा घेरा नहीं था, लिहाजा उनकी हत्या करना बहुत आसान हो गया था. उनकी हत्या लिट्टे ने की थी और उसे मालूम था कि राजीव गांधी के पास सुरक्षा नहीं है, लिहाजा उनके पास पहुंचना बहुत आसान होगा.
Tags: Mahatma gandhi, Rajiv GandhiFIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 16:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed