J&K में मिली स्टेयर एयूजी राइफल कहां से आई आतंकियों के पास कैसी मारक क्षमता

Steyr AUG Rifle: जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में मारे गए आतंकवादियों के पास से ऑस्ट्रिया निर्मित स्टेयर एयूजी बुलपप असॉल्ट राइफल बरामद हुई है. यह राइफल पहली बार कश्मीर में किसी आतंकवादी से बरामद हुई.

J&K में मिली स्टेयर एयूजी राइफल कहां से आई आतंकियों के पास कैसी मारक क्षमता
Steyr AUG rifle: जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में मारे गए आतंकवादियों के पास से ऑस्ट्रिया निर्मित स्टेयर एयूजी बुलपप असॉल्ट राइफल बरामद हुई है. सेना ने बताया, “केरन में हुई मुठभेड़ में दो विदेशी आतंकवादी मारे गए. उनके पास से एक स्टेयर एयूजी ए-3 सीरीज राइफल, पांच ग्रेनेड और अन्य सामग्री सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया. बरामद हुई स्टेयर एयूजी बुलपप असॉल्ट राइफल ऑस्ट्रिया में बनती है. यह राइफल कश्मीर में पहली बार किसी आतंकवादी से बरामद हुई है. स्टेयर एयूजी एक ऑस्ट्रियाई बुलपप असॉल्ट राइफल है, जिसके चैंबर में 5.56×45 मिमी का कारतूस इस्तेमाल किया जाता है. स्टेयर एयूजी राइफल को 1960 के दशक में स्टेयर-डेमलर-पुच द्वारा डिजाइन किया गया था. अब इसे स्टेयर आर्म्स जीएमबीएच एंड कंपनी केजी द्वारा बनाया जा रहा है. इस हथियार को दुनिया के चुनिंदा खतरनाक राइफलों में शुमार किया जाता है. इसे दुनिया के काफी देशों में सेना और पुलिस इस्तेमाल कर रहे हैं.  सबसे पहले ऑस्ट्रियाई सेना ने अपनाया साल 1977 में ऑस्ट्रियाई सेना ने इसका StG 77 वर्जन अपनाया था. तब इस राइफल ने StG 58 ऑटोमैटिक राइफल को रिप्लेस किया था. साल 1977 से उत्पादन के बाद से यह विभिन्न ऑस्ट्रियाई संघीय पुलिस का खास हथियार बनी हुई है. इसके अन्य वेरिएंट को दर्जनों देशों के सशस्त्र बलों द्वारा भी अपनाया गया है. कुछ देश इसे सर्विस राइफल के रूप में उपयोग करते हैं. ये भी पढ़ें- परिवार से बच्चा उठाने पर ब्रिटेन में क्यों भड़की हिंसा, क्यों खराब पेरेंटिंग है क्राइम, एशियाई ही क्यों बनते हैं निशाना? अमेरिका भी करता रहा आयात 1980 के दशक में अमेरिका ने स्टेयर AUG का आयात किया. लेकिन फिर 1989 में राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश के आदेश के बाद इसके आयात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. बुश के इस आदेश के बाद  विदेश में निर्मित सेमीऑटोमैटिक राइफलों के आयात को प्रतिबंधित कर दिया गया था. प्रतिबंध के छह साल बाद, AUG खरीदारों को राहत मिली क्योंकि कार्बाइन के डिजाइन में बदलावों के बाद एक बार फिर उसके आयात की अनुमति मिल गई.  कई जंगों में किया गया इसे इस्तेमाल स्टेयर एयूजी का उपयोग दुनिया भर में कई जंगों में किया गया है. इसे खाड़ी युद्ध, सोमाली गृहयुद्ध (यूनिफाइड टास्क फोर्स द्वारा, 1993), 1999 के कोसोवो युद्ध और 2006 के पूर्वी तिमोरिस संकट, मिलिशिया-कोमांडो वर्मेल्हो संघर्ष, सीरियाई सिविल वार, इराक में युद्ध और पापुआ संघर्ष में किया गया. इससे पता चलता है कि यह राइफल दुनिया भर में भरोसेमंद मानी गई है. ये भी पढ़ें- Explainer: क्या है सेना का वो ‘पीर पंजाल पंच’ जिसकी जम्मू में आतंक की कमर तोड़ने के लिए जरूरत  कितनी है इसकी रेंज स्टेयर एयूजी राइफल की इफेक्टिव फायरिंग रेंज 300 मीटर है. जबकि इसकी अधिकतम मारक क्षमता 2,700 मीटर है. इसकी मैगजीन में एक बार में 5.56×45 मिमी के लगभग 25 से 32 कारतूस भरे जा सकते हैं. इसकी लंबाई महज 31.1 इंच है. जो इसे इस्तेमाल करने में आसान बनाती है. इसकी बैरल की लंबाई 20 इंच है. . इसकी कीमत लगभग 1700 यूएस डॉलर या करीब 1,50000 रुपये है. Tags: Jaamu kashmir, Jammu Kashmir Terrorist, Kashmir Terror, Terrorist EncounterFIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 18:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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