खटाखटईडीमंगलसूत्रगारंटी12 शब्द जो इस चुनावों में खूब बोले गए
खटाखटईडीमंगलसूत्रगारंटी12 शब्द जो इस चुनावों में खूब बोले गए
सात चरणों वाले इस लोकसभा चुनाव में कुछ बातें और कुछ शब्द खूब बोले गए. ये भी कह सकते हैं कि इन शब्दों के इर्द गिर्द ही ये चुनाव घूमता रहा. इनके जरिए वार-पलटवार हुआ तो नारे भी लगे और प्रहार भी हुए
हाइलाइट्स खटाखट पहले राहुल गांधी ने बोला तो जवाब में मोदी ने क्या कहा 400 पार का मोदी का नारा चुनावों में छाया रहा मंगलसूत्र का जिक्र विरासत के संदर्भ में हुआ
18वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में चुनावों में वोटिंग हो चुकी है. वोटिंग का पहला चरण 17 अप्रैल को शुरू हुआ और 01 जून को खत्म हो गया. अब 04 जून को वोटिंग की बारी है. इसके बाद नई सरकार सत्ता में आएगी. 47 दिनों तक चले चुनाव अभियान में तमाम भाषण हुए. तमाम बातें हुई. नारे लगे लेकिन 12 शब्द या 12 बातें सबसे ज्यादा हावी रहीं.
इसमें खटाखट से लेकर टैंपो, गारंटी, 400 पार से लेकर गारंटी, मंगलसूत्र, ईडी जैसे शब्दों और बातों का खूब इस्तेमाल हुआ. कह सकते हैं कि इन 12 शब्दों और बातों के आसपास चुनाव अभियान और नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप और भाषण घूमते रहे. हम भी जानते हैं कि ये 12 शब्द या बातें क्या हैं. और इनका क्या प्रभाव पड़ा.
400 पार – बीजेपी ने इस चुनावों के लिए ये नारा चुनावों की घोषणा से पहले बजट सत्र के दौरान ही दे दिया था. फिर पूरे देश में बीजेपी के 400 पार के होर्डिंग और पोस्टर भी लग गए. चुनावों के दौरान पहले और दूसरे चरण में बीजेपी ने 400 पार के नारे को खूब उछाला. हालांकि उसके बाद ये नारा उसके बाद से चरणों में बीजेपी के नेताओं ने कम लिया लेकिन आखिर दो चरणों में ये नारा फिर जोर शोर से लिया जाने लगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव से पहले ही बीजेपी के लिए अबकी बार 400 पार का नारा दिया.
मंदिर – उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत में बीजेपी नेताओं ने अगर जनता को सबसे ज्यादा किसी बात की याद दिलाई तो ये राम मंदिर था. इसका असर भी देखा गया. सबसे बड़ी बात ये है कि जब वर्ष 2014 में बीजेपी सत्ता में जीतकर आई थी तो उसने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का वादा किया था. वो वर्ष 2019 का चुनाव जीतने के बाद फिर दोहराया और चुनाव से ठीक पहले अयोध्या में राम मंदिर ना बनकर तैयार हुआ बल्कि मंदिर का बहुत शानदार प्राण प्रतिष्ठा समारोह भी हुआ.
चुनावों में इसके बाद भी ये मंदिर इसलिए मुद्दा बना रहा कि बीजेपी ने कहा कि अगर कांग्रेस चुनावों में जीती तो मंदिर को बंद करा देगी. हालांकि कांग्रेस को तुरंत कहना पड़ा वो बिल्कुल ऐसा नहीं करेगी. लिहाजा मंदिर एक बड़ा मुद्दा था जो चुनावों में छाया रहा. राम मंदिर
कच्चाथिरू – ये भारत और श्रीलंका के बीच वो द्वीप है, जो चुनाव के दौरान बडा़ मुद्दा बना. तमिलनाडु में बीजेपी के नेता अन्नामलाई ने कहा कि कच्चाथिरू नाम का ये द्वीप भारत का था लेकिन 1974 में इंदिरा गांधी की कांग्रेस सरकार ने इसे श्रीलंका को दे दिया, जो देश के साथ बड़ा खिलवाड़ है. इसके बाद ये मुद्दा छा गया. हालांकि दक्षिण भारत में ही इस पर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं हुई. लेकिन उत्तर भारत में ये जरूर छाया रहा.
गारंटी – चुनावों के दौरान पूरे भारत में मोदी के चित्र के साथ जो पोस्ट लगा उसका स्लोगन यही था – मोदी की गारंटी. दरअसल ये गारंटी शब्द मोदी सरकार द्वारा कोरोना दौर से लाभार्थियों और गरीबों के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं से आया, जिसमें मुफ्त अनाज, सिलेंडर और मकान शामिल है. मोदी की गारंटी वाली बात अगर बीजेपी के नेताओं से जोर शोर से लगातार कही तो खुद प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में इसको दोहराया.
हक – हक का मतलब होता है अधिकार. ये शब्द इस चुनावों में कांग्रेस के घोषणापत्र से निकला. उसने जाति जनगणना के आधार पर नारा दिया, जितनी आबादी उतना हक. इंडिया गठबंधन ने सीट शेयरिंग में भी ऐसा करने की कोशिश की. चुनावों के दौरान मंगलसूत्र ऐसा शब्द था, जो खूब उछला.
मंगलसूत्र – अगर इंडिया गठबंधन हक शब्द को नारे की उछाल रहा था तो बीजेपी ने तुरंत विरासत पर सैम पित्रोदा के एक इंटरव्यू के बाद पलटवार किया. वो और उसके नेता भाषणों में विरासत टैक्स की बात करते हुए कहने लगे कि आपकी खून पसीने से कमाई गई संपत्ति कांग्रेस दूसरों में बांट देगी. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे महिलाओं के मंगलसूत्र से जोड़ा. उन्होंने कहा आपका मंगलसूत्र भी कांग्रेस छीन कर दूसरों को देगी. आभूषण भी नहीं बचेंगे.
मंगलसूत्र भारतीय विवाहित महिलाओं का सबसे कीमती गहना माना जाता है. इस गोल्ड के खास हार को वह शादी के प्रतीक के तौर पर गले में हमेशा पहनती हैं. तो प्रियंका गांधी ने इससे अपनी मां का मगलसूत्र जोड़ा और कहा कि इसका दर्द वही जानते हैं, जिनके घर कोई शहीद होता है.
सनातन – चुनावों से पहले अगर डीएमके नेता और स्तालिन के बेटे उदयगिरी स्तालिन ने बीजेपी के हिंदूत्व की आलोचना की तो बीजेपी ने इसे तुरंत लपकते हुए पलटवार किया कि इंडिया गठबंधन वाली पार्टियां सनातन धर्म का अपमान कर रही हैं. उत्तर भारत में इंडिया गठबंधन के सियासी दल इस पर चुप्पी साध गए लेकिन चुनावों में लगातार बीजेपी के नेता इस मुद्दे को उठाते रहे.
खटाखट – राहुल गांधी ने चुनाव कैंपेन के दौरान ये शब्द उछाला. उन्होंने इसे इस संदर्भ में कहा कि हम पहले ही दिन से खटाखट काम करेंगे. इसका जवाब मोदी ने तुरंत दिया. उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, जनता विपक्षियों को खटाखट बाहर कर देगी. इस पर खूब मेम्स बनने लगे. खूब पैरोड़ी रची गई.
टैंपो – मोदी ने भ्रष्टाचार पर वार करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियां टैंपो पर लादकर भ्रष्ट धन को अपने आफिसों में पहुंचा रही हैं. बस इसके बाद टैंपो और एसयूवी को लेकर भी मेम्स बनने लगे. ऐसे भी टैंपो भारत में हमारे जनजीवन से गहरे तक जुड़े हुए हैं. वैसे भारत में टैंपो को पहली बार 1958 में बनाया था. इसके बाद से अब तक टैंपो हमारी संस्कृति में शामिल हो गया. भारत में पहला टैंपो 1958 में पहली बार बना था लेकिन अब भारतीय जीवन में पूरी तरह रच बस चुका है
किडनी वाली बेटी – पूरे भारत में एक लड़की को इस चुनावों में किडनी वाली बेटी के तौर पर पहचाना गया. ये रोहिणी आचार्य थीं, जिन्होंने अपने पिता लालू यादव के लिए किडनी डोनेट कर दी. वह सारण से चुनाव लड़ रही हैं. लालू यादव ने खुद पहली बार अपने भाषण में उन्हें किडनी देने वाली बेटी कहा. बाद में हर किसी ने इसे अपनी तरह से इस्तेमाल किया. ईडी के बारे में चुनावों में खुूब चर्चा हुई. (सांकेतिक तस्वीर)
ईडी – ये देश का पहला ऐसा चुनाव भी था, जिसमें एक सरकार जांच एजेंसी को चाहे पक्ष हो या विपक्ष सबने नाम लिया. ये ईडी के असर वाला चुनाव रहा. अरविंद केजरीवाल चुनावों से ठीक पहले ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए. फिर तिहाड़ भेज दिए. फिर अंतरिम जमानत पर छूटे. विपक्ष ने चुनावों में लगातार आरोप लगाया कि ईडी सरकार के लिए काम करने वाली सेल हो गई है तो बीजेपी ने पलटवार किया कि ईडी वही कर रही है, जो करना चाहिए. किसी भ्रष्टाचारी को नहीं बख्शा जाएगा.
एम शब्द – एम शब्द का भी खूब इस्तेमाल हुुआ. एम फॉर मोदी, एम फॉर ममता…..और माटी, मानुष, मटन, मदरसा, मिसरुल, माफिया, मुस्लिम, मां काली और महाकाल.
Tags: 2024 Loksabha Election, Ayodhya Mandir, BJP, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Modi newsFIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 16:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed