हाइलाइट्स भारत के इस राज्य का गठन 1956 में हुआ लेकिन फिर ये 10 साल पहले दो राज्यों में टूट गया ये क्षेत्रफल के लिहाज से देश का पांचवां बड़ा राज्य है इसकी तीन राजधानी को लेकर विवाद भी चल रहा है
भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं. हर राज्य अपने आपमें एकदम अलग है. हरएक का कल्चर अलग. कुछ राज्य ऐसे भी हैं जिनकी दो राजधानियां हैं. एक ग्रीष्मकालीन राजधानी तो दूसरी शीतकालीन राजधानी. कुछ राज्यों की केवल राजधानी है. एक राज्य ऐसा भी है, जिसकी तीन राजधानियां हैं.
आगे बढ़ने से पहले हम आपको पहले ये बताएंगे कि किन राज्यों की दो राजधानियां हैं. फिर उस राज्य के बारे में बताएंगे जो कुछ साल पहले ही बना है लेकिन उसकी तीन राजधानियां हैं. हालांकि तीन राजधानियां हमेशा रह पाएंगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इस राज्य के बारे में भी बताएंगे कि इसकी खासियतें क्या हैं और इसके पास कितने जिले हैं.
किन राज्यों की दो राजधानियां
महाराष्ट्र की दो राजधानियाँ हैं – मुंबई और नागपुर – जिनमें से नागपुर राज्य की शीतकालीन राजधानी है.
जम्मू और कश्मीर की भी दो राजधानियां हैं – ग्रीष्मकाल में श्रीनगर और शीतकाल में जम्मू. हर साल मई से अक्टूबर तक सभी विधायी बैठकें श्रीनगर में होती हैं तो नवंबर से अप्रैल तक राजधानी जम्मू में स्थानांतरित हो जाती हैं. इस द्विवार्षिक बदलाव को दरबार मूव के नाम से जाना जाता है.
हिमाचल प्रदेश की राजधानियां हैं – धर्मशाला और शिमला. शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी माना जाता है क्योंकि इस क्षेत्र में सर्दियों के दौरान भारी बर्फबारी होती है. 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि धर्मशाला शहर राज्य की दूसरी राजधानी होगी.
इसी तरह उत्तराखंड की दो राजधानियां हैं – देहरादून और गेरसैंड़. कर्नाटक की दो राजधानियां बेंगलुरु और बेलगाम हैं. इसी तरह लद्दाख की भी दो राजधानियां हैं – लेह और कारगिल
किस राज्य की तीन राजधानियां
अब हम आपको बताते हैं कि किस राज्य की तीन राजधानियां हैं. और हैरानी की बात है कि ये तीनों राजधानियां एक दूसरे से दूर हैं. ये हैं कुरनूल, विशाखापत्तनम और अमरावती. अमरावती शहर जो आंध्र के सबसे आधुनिक शहर के तौर पर विकसित हुआ है.
कुरनूल और विशाखापत्तनम 700 किलोमीटर की दूरी पर हैं और बीच में अमरावती है. अधिकारियों का मानना है कि अलग-अलग राजधानियां होने से आर्थिक विकास को फैलाने में मदद मिल सकती है. पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापत्तनम को अपनी नई राजधानी घोषित किया. आंध्र प्रदेश की तीसरी राजधानी के रूप में विशाखापत्तनम के प्रस्ताव को कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है. आंध्र प्रदेश की एक राजधानी कुरनूल है, ये पुराना शहर है. (विकी कामंस)
आंध्र प्रदेश की पहली राजधानी
आंध्र प्रदेश की पहली राजधानी विशाखापट्टनम है.ये हलचल भरा तटीय शहर है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और औद्योगिक कौशल के लिए प्रसिद्ध है. विशाखापत्तनम राज्य सरकार के कार्यकारी कार्यों, प्रशासनिक मुख्यालयों और शासन संचालन को सुविधाजनक बनाने की मेजबानी करता है.
आंध्र प्रदेश की दूसरी राजधानी
आंध्र प्रदेश की दूसरी राजधानी अमरावती राज्य के विधायी केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण है. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर इस शहर में राज्य की विधान सभा है, जहाँ नीति निर्माता विभिन्न नीतियों और पहलों पर विचार-विमर्श करने और उन्हें लागू करने के लिए एकत्रित होते हैं. अमरावती एक आवश्यक प्रशासनिक केंद्र के रूप में खड़ा है, जो राज्य की विधायी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाता है. आंध्र प्रदेश का तटीय औद्योगिक शहर विशाखापट्टनम (विकी कामंस)
आंध्र प्रदेश की तीसरी राजधानी
राजधानियों की तिकड़ी को पूरा करने वाला शहर है आंध्र प्रदेश की न्यायिक राजधानी कुरनूल. सुंदर प्राकृतिक दृश्यों और समृद्ध विरासत स्थलों के बीच बसा कुरनूल राज्य के उच्च न्यायालय की सीट के रूप में कार्य करता है, जहां महत्वपूर्ण कानूनी मामलों पर विचार-विमर्श किया जाता है और उन पर निर्णय लिए जाते हैं. न्यायिक राजधानी के रूप में, कुरनूल न्याय और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए आंध्र प्रदेश की प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां क्यों हैं?
आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियाँ स्थापित करने के निर्णय का उद्देश्य संतुलित विकास को बढ़ावा देना, सत्ता का विकेंद्रीकरण करना और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है. अमरावती के शुरुआती प्रस्ताव को चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण विशाखापत्तनम, अमरावती और कुरनूल का चयन किया गया.
आंध्र के बारे में कुछ खास बातें
आंध्र प्रदेश राज्य का गठन 1 नवंबर, 1956 को हुआ था. यह भारत का पहला राज्य था जो 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत बना था. बाद में इस राज्य का बंटवारा हो गया. इसमें से नया राज्य बना तेलंगाना.
– यह भारत का पांचवां सबसे बड़ा राज्य है.
– आंध्र प्रदेश की तटरेखा सबसे लंबी है.
– आंध्र प्रदेश की सीमाएं उत्तर में छत्तीसगढ़ और ओडिशा, दक्षिण में तमिलनाडु, पश्चिम में कर्नाटक और महाराष्ट्र से लगती हैं.
– आंध्र प्रदेश की जनसंख्या के मामले में भारत में यह 10वें नंबर पर है.
– आंध्र प्रदेश की साक्षरता दर 2011 में 67.35 प्रतिशत थी.
क्या हैं राज्य की राज्य की राजधानियों के लिए नियम
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के अनुसार, केवल संसद के पास नए राज्य बनाने या मौजूदा राज्यों में बदलाव करने का अधिकार है, जिसमें उनकी राजधानियां भी शामिल हैं. इसका मतलब है कि किसी राज्य की राजधानी के बारे में कोई भी महत्वपूर्ण बदलाव संसद द्वारा कानून बनाकर किया जाना चाहिए, न कि केवल राज्य सरकारों या विधानसभाओं द्वारा तय किया जाना चाहिए.
राज्य कर सकते हैं प्रस्ताव
राज्य विधानमंडल अपनी राजधानियों के बारे में बदलाव या संकल्प प्रस्तावित कर सकते हैं, लेकिन उनके पास स्वतंत्र रूप से राजधानी बदलने वाले कानून बनाने का कानूनी अधिकार नहीं है. उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश विधानसभा ने अमरावती को अपनी राजधानी घोषित करने वाला प्रस्ताव पारित किया, लेकिन इसे संसद द्वारा औपचारिक रूप नहीं दिया गया, जिससे इसकी स्थिति के बारे में बहस जारी है.
Tags: Andhra paradesh, Andhra Pradesh, Andhra pradesh newsFIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 16:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed