Explainer: क्या है प्रोबा 3 इसे यूरोप की जगह भारत में इसरो क्यों कर रहा लॉन्च

यूरोप का प्रोबा 3 दुनिया के 13 देशों का तैयार किया गया स्पेस मिशन है जिसे यूरोपीय स्पेस एजेंसी ESA संचालित करेगी. इसे अगले महीने भारत का इसरो भारत के श्रीहरिकोटा से लॉन्च करेगा. अजीब बात ये है कि यह यान ESA खुद ही यूरोप से लॉन्च क्यों नहीं कर रहा है और भारत से क्यों लॉन्च करवा रहा है.

Explainer: क्या है प्रोबा 3 इसे यूरोप की जगह भारत में इसरो क्यों कर रहा लॉन्च
हाल ही में यूरोप से यूरोपीय स्पेस एजेंसी का एक सैटेलाइट भारत में पहुंचा है जिसे भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अगले महीने श्रीहरिकोटा से लॉन्च करेगी. प्रोबा -3 नाम के इस अभियान में 13 देशों की भूमिका है, जिसमें कुल 14 देशों  और 40 कंपनियों की भागीदारी है जिन्होंने मिल कर इस अभियान को तैयार किया है. वैसे तो भारत का इसरो सैटेलाइट लॉन्चिंग में एक्सपर्ट है और वह कई देशों के सैटेलाइट लॉन्च करता आ रहा है. लेकिन यूरोपीय स्पेस एजेंसी भी खुद अपने सैटेलाइट लॉन्च करती रही है. ऐसे में सवाल ये है कि ईसा को क्या जरूरत पड़ी और ये क्या है मिशन? आइए जानते हैं ऐसे ही सवालों के जवाब! 14 देशों की हिस्सेदारी! प्रोबा 3 यूरोपीय स्पेस एजेंसी का अभियान है जिसमें इस समय कुल 14 देशों की भूमिका है जिसमें कनाडा के अलावा यूरोप के 13 देश शामिल हैं.  यह PROBA उपग्रहों की सीरीज का हिस्सा है. इस मिशन में एक दोहरी जांच तकनीकी प्रदर्शन मिशन है. इसका मकसद उच्च स्तर की सटीकता हासिल करते हुए वैज्ञानिक कोरोनोग्राफी हासिल करना है. क्या करेगा प्रोबा 3? प्रोबा सीरीज में नई स्पेसक्राट तकनीकों के परीक्षण भी किए जाते हैं. लेकिन प्रोबा 3 दो सैटेलाइट वाला अभियान है जो स्पेस में आर्टिफिशियल सूर्य ग्रह जैसी स्थिति बनाएगा जिससे टेलीस्कोप सूर्य का अध्ययन कर सके. कोरोनेग्राफी के जरिए प्रोबा 3 सूर्य के बारे में वह सारी जानकारी हासिल कर सकेगा, जो समान्य तौर पर सूर्य की तेज रोशनी की वजह से हासिल नहीं की जा सकती हैं. प्रोबा 3 के हिस्से इस महीने की शुरुआत में बेल्जियम से भारत पहुंचे हैं जिन्हें तैयार कर 4 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा. (तस्वीर: @ESA_Tech) कब होगी इसकी लॉन्चिंग? प्रोबा 3 भारत के प्रक्षेपण केंद्र पर इसी महीने की शुरुआत में पहुंचा है और हाल ही में उसने इससे संबंधित कई टेस्ट पास किए हैं जिसमें पाया गया है कि अभियान का हर कल पुर्जा सही सलामत है और यूरोप से अपने सफर के दौरान इसमें किसी तरह के कोई खामी नहीं आई है. यह लॉन्चिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है. अब इसरो इसे अगले महीने की 4 तारीख को लॉन्च के लिए तैयार कर रहा है. कहां से हो लॉन्चिंग? प्रोबा सीरीज के पहले मिशन प्रोबा 1 के बाद यह पहली बार है कि भारत से ईएसए मिशन लॉन्च किया जा रहा है. आमतौर पर जब भी कोई सैटेलाइट स्पेस में लॉन्च किया जाता है, जबकि कि खास जरूरत ना हो उसे पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने के लिए पृथ्वी की भूमध्य रेखा के पास से लॉन्च किया जाता है. यही वजह है कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी अमेरिकी महाद्वीप के पास फ्रेंच गुआना के पास से अपने अभियान लॉन्च करती है. वहीं भारत का श्रीहरिकोटा वह स्थान है जहां से वह अपने और अन्य व्यवसायिक सैटेलाइट लॉन्च करता है. भारत के श्रीहरिकोटा से ही आगामी 4 दिसंबर को प्रोबा 3 की लॉन्चिंग होगी. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons) यूरोप में लॉन्चिंग क्यों नहीं यूरोपीय देश भूमध्य रेखा से काफी दूर पड़ते हैं. ऐसे में हम देखते हैं कि एजेंसी का कोई भी उपग्रह यूरोप से लॉन्च नहीं किया जाता है. उसे लॉन्चिंग के लिए  भूमध्य रेखा के पास ले जाया जाता है इसके लिए एजेंसी के लिहाज से सबसे मुफीद जगह फ्रेंच गुआना है ही. बेल्जियम से सैटेलाइट फ्रेच गुआना या फिर भारत, लागत के लिहाज से दोनों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होगा. यह भी पढ़ें: Explainer: कहां से आया था हमारा चांद? साइंटिस्ट्स की नई थ्योरी ने सभी को हैरत में डाला! तो फिर भारत से क्यों की जा रही है लॉन्चिंग भारत से लॉन्चिंग का एक ही कारण नजर आता है और वजह है लागत! भारत दुनिया के कई देशों को सस्ते में लॉन्चिंग मुहैया कराता है, वह एक साथ बीसियों सैटेलाइट लॉन्च करता रहा है  जिससे लॉन्चिंग लागत बहुत कम हो जाती है. 4 दिसंबर को भी इसरो PSLV-XL प्रोबा 3 अभियान के दो सैटेलाइट के साथ कई सैटेलाइट लॉन्च करेगा. ऐसे में साफ है कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी अपनी लागत बचा रही है. जबकि इस मामले में साफ तौर पर जानकारी नहीं दी गई है. Tags: Bizarre news, Science, Science facts, Science news, Shocking news, Space knowledge, Space news, Space Science, Weird newsFIRST PUBLISHED : November 16, 2024, 15:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed