पापा मैं आपकी काजल कब्र में बेटी की लाश! फिर दरवाजे पर खड़ी लड़की कौन

गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ जंगल से पिछले दिनों बालू में दबी हुई क्षत-विक्षत लाश मिली थी, जिसकी पहचान काजल बानो के रूप में कर उसके घरवालों ने अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं काजल बानो 15 दिन बाद जिंदा लौट आयी.

पापा मैं आपकी काजल कब्र में बेटी की लाश! फिर दरवाजे पर खड़ी लड़की कौन
चंदन कुमार कश्यप/गढ़वाः वैसे तो फिल्मों में ही ऐसा होता है कि मरा हुआ वापस लौट आए. लेकिन असलियत में ये मुमकिन नहीं है. लेकिन ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, झारखंड के गढ़वा जिले से… घरवालों ने अपनी ‘बेटी’ का अंतिम संस्कार कर दिया. लेकिन करीब 15 दिन बाद ही बेटी सही सलामत घर के दरवाजे पर खड़ी थी. दरअसल, यह पूरा मामला गलतफहमी का है. पुलिस ने एक महिला का अज्ञात शव बरामद किया था, जिसके बाद एक दम्पति ने अपनी बेटी की लाश के होने का दावा किया और मुस्लिम विधि-विधान से दाह संस्कार भी कर दिया. लेकिन लड़की ज़ब अचानक घर पहुंची तो सभी के होश उड़ गए. गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ जंगल से पिछले दिनों बालू में दबी हुई क्षत-विक्षत लाश मिली थी, जिसकी पहचान काजल बानो के रूप में कर उसके घरवालों ने अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं काजल बानो 15 दिन बाद जिंदा लौट आयी. जानकारी के अनुसार पिछले दिनों भंडरिया थाना क्षेत्र के चिरैयाटांड़ के जंगल से बालू में दफन किये गए एक युवती का शव भंडरिया पुलिस ने बरामद किया था. शव की पहचान भंडरिया निवासी असगर अली ने अपनी बेटी काजल बानो के रूप में की थी. वहीं शव की शिनाख्त होने के बाद उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया. बताया गया कि अंतिम संस्कार के 10 दिन बाद बेंगलुरु से काजल बानो अपने घर लौट गयी. तब जाकर परिजनों के आंखों से आंसू छलक पड़े. बताया गया कि छह माह पहले काजल किसी बात की नाराजगी को लेकर भंडरिया के जोगियामठ मेले में जाने की बात कहकर बेंगलुरु चली गयी थी. वहां किसी कंपनी में अपने सहेलियों के साथ काम कर रही थी. अचानक घर से चले जाने और बेटी के बारे में किसी प्रकार की जानकारी नही मिलने के बाद काजल के पिता असगर ने भंडरिया थाने में गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी. इसी बीच भंडरिया पुलिस को चिरैयाटांड़ के जंगल से एक अज्ञात शव की जानकारी मिली. जिसके बाद असगर ने शव के अंगों पर चिन्ह के माध्यम से उसने अपनी बेटी काजल के रूप में पहचान की थी. इसी बीच पुलिस को काजल के बेंगलुरु में होने की जानकारी मिली. जिसके बाद उसे भंडरिया बुलाया गया. वहीं प्रशासनिक प्रकिया के बाद पुलिस ने काजल को उसके घरवालों को सौंप दिया. घर पहुंची काजल ने बताया, ‘कुछ दिन पहले जब मैं बेंगलुरु में काम कर रही थी. तो वहां कुछ दिनों तक रोज शाम को मुझे अजीब सा महसूस होता था. वहीं शारीरिक कष्ट होने लगता था.’ काजल ने बताया कि जब उसे इस पूरे मामले की जानकारी मिली. तब उसे यह समझ में आने लगा कि यहां मेरा अंतिम संस्कार की प्रक्रिया हो रही थी. इसी कारण उसे बेंगलुरु में अजीब महसूस होता था. इधर सवाल यह है कि 15 मई को चिरैयाटांड़ के जंगल से बरामद किया गया, शव किसका है? यह गुत्थी अब उलझ गयी. बरामद शव भी अज्ञात युवती का था, जिसकी पहचान करना भंडरिया पुलिस के लिये चुनौती से कम नही है. हालांकि भंडरिया थाना प्रभारी चंदन कुमार ने कहा कि उसकी भी पहचान जल्द हो जायेगी. पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है. Tags: Crime News, Jharkhand newsFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 10:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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