ईडी का छापा खराब सेहत गुलाम नबी का पार्टी छोड़ना : गांधी परिवार के लिए संकट की घड़ी
ईडी का छापा खराब सेहत गुलाम नबी का पार्टी छोड़ना : गांधी परिवार के लिए संकट की घड़ी
Congress Gandhi Family गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए हैं, जहां से वापस नहीं आया जा सकता. उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व के लिए परोक्ष तौर पर अपने प्रतिनिधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है.
हाइलाइट्सगुलाम नबी आजाद ने करीब पांच दशकों के बाद कांग्रेस को अलविदा कह दिया.आजाद ने दावा किया कि कांग्रेस अब 'समग्र रूप से नष्ट हो चुका है'.आजाद ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व आतंरिक चुनाव के नाम पर 'धोखा दे रहा है.'
नई दिल्ली. कांग्रेस नेतृत्व को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालने की जरूरत है क्योंकि अनुभवी और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजादा ने पार्टी से इस्तीफा देकर देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल को बहुत बड़ा झटका दिया है. हाल के दिनों में कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार और सुनील जाखड़ के बाहर होने के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी और खराब स्वास्थ्य… कांग्रेस के मामलों के शीर्ष पर रहने वाले गांधी परिवार के लिए बुरी खबर की कोई कमी नहीं है.
दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने त्याग पत्र में पार्टी को बर्बाद करने के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि अध्यक्ष पद के लिए वह ऐसे व्यक्ति को चुनेंगे जो बस कठपुतली बनकर रहे और पर्दे के पीछे सारे निर्णय वह खुद ही लें. आजाद ने आरोप लगाया कि 2020 में पार्टी में सुधार की मांग करने वाले जी-23 नेताओं को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गाली दी गई, अपमानित किया गया और बदनाम किया गया.
सोनिया गांधी की खराब सेहत
2019 में राहुल गांधी के पद छोड़ने के बाद कांग्रेस की बागडोर संभाल रहीं सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से बीमारी से जूझ रही हैं. वे इस महीने दूसरी बार कोविड-19 से संक्रमित पाई गई थीं. इससे पहले 75 वर्षीय सोनिया को जून में कोरोना पॉजिटिव होने पर कोविड से संबंधित मुद्दों के लिए इलाज कराना पड़ा था. इसके अलावा, वे मेडिकल जांच के लिए विदेश यात्रा करने को तैयार हैं. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनके साथ होंगे. कांग्रेस ने यात्रा की कोई विशेष तारीख या उन स्थानों का खुलासा नहीं किया है, जहां वे जाएंगी.
इस बीच, राहुल गांधी की लगातार विदेश यात्राओं में भी गोपनीयता बरती गई है. जुलाई में, कांग्रेस की एक महत्वपूर्ण बैठक को छोड़ पूर्व पार्टी प्रमुख एक ‘व्यक्तिगत विदेश यात्रा’ के लिए रवाना हो गए. यह बैठक ‘भारत जोड़ो’ यात्रा और कांग्रेस के आंतरिक चुनावों की तैयारी शुरू करने के लिए बुलाई गई थी.
नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की छापेमारी
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने 23 जून को सोनिया और राहुल गांधी को तलब किया था. देश भर में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध के बीच दोनों नेताओं से 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई. ईडी ने धनशोधन मामले की जांच के तहत बीते 2 अगस्त को दिल्ली के आईटीओ के नजदीक बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित कांग्रेस के स्वामित्व वाले ‘नेशनल हेराल्ड’ समाचार पत्र के मुख्यालय और 11 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी. नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) करती है और इस कंपनी की हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास है. नेशनल हेराल्ड एजेएल के नाम से पंजीकृत है.
ईडी द्वारा पिछले साल धनशोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नए सिरे से आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के बाद सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ का कदम उठाया गया. ईडी ने यह मामला निचली अदालत द्वारा आयकर विभाग की ओर से यंग इंडियान के खिलाफ की गई जांच पर संज्ञान लेने के बाद दर्ज किया. आयकर विभाग ने वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की निजी आपराधिक शिकायत पर जांच की थी. सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों में शामिल हैं और बहुमत हिस्सेदारी उनके पास है. सोनिया गांधी के पास भी राहुल गांधी के बराबर यंग इंडियन में 38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
युवा और वरिष्ठ नेताओं का कांग्रेस छोड़ना
यहां तक कि जब कांग्रेस ने एकजुट मोर्चा बनाने की कोशिश की और राजनीतिक प्रतिशोध का रोना रोया, तो साफ हो गया था कि कुछ बुरा होने वाला है और हुआ भी. मई में अनुभवी वकील और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया. इसके साथ सिब्बल प्रभावी रूप से ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन जैसे कांग्रेस छोड़ने वाले नेताओं की एक लंबी सूची में शामिल हो गए. सिंह, सुष्मिता देव, सुनील जाखड़ और हार्दिक पटेल, जैसे नेताओं ने पार्टी की जमीनी स्तर पर उपस्थिति की कमी से लेकर उसके नेतृत्व की खामियों तक के कारणों का हवाला देते हुए कांग्रेस का साथ छोड़ दिया. गुलाम नबी आजाद के शुक्रवार को पार्टी से बाहर निकलने के साथ ही ’23 के समूह’ या ‘जी 23’ का औपचारिक रूप से अंत हो गया.
गुलाम नबी आजाद ने दिया कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया. पहले से ही संकट में घिरी कांग्रेस को आजाद के इस्तीफे से एक और झटका लगा है. इससे पहले भी कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में कहा कि वह ‘भारी मन’ से यह कदम उठा रहे हैं. पार्टी में बदलाव की मांग करने वाले जी-23 समूह में शामिल आजाद ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को संचालित कर रहे कुछ लोगों द्वारा नियंत्रित कांग्रेस ने भारत के लिए हितकारी मुद्दों की खातिर लड़ने की इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है.
‘जी23 नेताओं को अपमानित किया गया’
उन्होंने पत्र में कहा कि पार्टी नेतृत्व को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ निकालनी चाहिए थी. आजाद ने कहा कि पार्टी की कमजोरियों पर ध्यान दिलाने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को अपशब्द कहे गए, उन्हें अपमानित किया गया और नीचा दिखाया गया. उन्होंने कांग्रेस से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी में किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं कराए गए. आजाद ने कहा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए हैं, जहां से वापस नहीं आया जा सकता. उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व के लिए परोक्ष तौर पर अपने प्रतिनिधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है.
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Tags: Congress, Ghulam nabi azad, Rahul gandhi, Sonia GandhiFIRST PUBLISHED : August 27, 2022, 05:30 IST