दिल्‍ली महिला आयोग में मचा क्‍लेश अब मेंबर वंदना सिंह ने फोड़ा लैटर बम

स्‍वाति मालीवाल के दिल्‍ली महिला आयोग से जाने के बाद अब क्‍लेश मच गया है. आयोग की सदस्‍य दो फाड़ हो गई हैं. जहां वंदना सिंह ने स्‍वाति मालीवाल की तरफदारी करते हुए लैटर लिखा है वहीं अन्‍य दो सदस्‍यों पर आम आदमी पार्टी की प्रवक्‍ता होने का आरोप लगाया है.

दिल्‍ली महिला आयोग में मचा क्‍लेश अब मेंबर वंदना सिंह ने फोड़ा लैटर बम
दिल्‍ली महिला आयोग में स्‍वाति मालीवाल के इस्‍तीफे के बाद से कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. आयोग को लेकर मंगलवार को ही स्‍वाति मालीवाल की ओर से दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र के बाद अब आयोग की सदस्‍य वंदना सिंह ने भी एक लैटर बम फोड़ दिया है. वंदना के इस पत्र से साफ है कि आयोग के सदस्‍यों में भी कलह पैदा हो गई है. डीसीडब्ल्यू सदस्य वंदना सिंह ने अपनी सहयोगी सदस्‍यों फिरदौस और किरण नेगी को पत्र लिखकर उन पर दिल्ली महिला आयोग में स्‍वतंत्र रूप से काम करने के बजाय आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता के रूप में कार्य करने का आरोप लगाया है. ये भी पढ़ें  स्‍वाति मालीवाल को आई CM अरविंद केजरीवाल की याद, 4 पेज का लैटर लिखकर मांगा जवाब वंदना सिंह ने डीसीडब्ल्यू की अन्य दो मेंबर्स किरन नेगी और फिरदौस खान की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने पूर्व डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल के बारे में अपने पत्र में गलत जानकारी और राजनीतिक झूठ फैलाए हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वाति मालीवाल के नेतृत्व में, डीसीडब्ल्यू ने बड़े स्तर पर सफलता प्राप्त की, जिसमें 1.7 लाख से अधिक शिकायतों का निपटारा, 181 महिला हेल्पलाइन के माध्यम से 41 लाख से अधिक कॉल प्राप्त करना, और हजारों बचाव अभियानों, अदालत की सुनवाइयों, और परामर्श सत्रों का आयोजन किया गया. मालीवाल के अथक और निष्पक्ष प्रयासों के बावजूद, आयोग अब दिल्ली सरकार से महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें नेतृत्व की रिक्तियां, रोके गए फंड, और 181 महिला हेल्पलाइन का निलंबन करना शामिल है. वंदना सिंह ने पिछले छह महीनों से 700 से अधिक काउंसलरों, वकीलों, और कर्मचारियों के वेतन की लंबित लंबित मांग को उजागर किया. इसमें बलात्कार, तेजाब हमले और कैंसर से पीड़ित उत्तरजीवियों का समूह भी शामिल है, जो बिना वेतन के दयनीय स्थितियों में काम कर रहे हैं. वंदना सिंह ने खुलासा किया कि पूर्व अध्यक्ष ने 2 जुलाई, 2024 को मुख्यमंत्री का ध्यान इन मुद्दों की ओर आकर्षित किया था. हालांकि, इसके बजाय किरन नेगी और फिरदौस खान ने अपने राजनीतिक हितों को प्राथमिकता दी. सिंह ने यह भी खुलासा किया कि उन्हें भी आप सरकार द्वारा मालीवाल के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए दबाव डाला गया था, जिसके बदले में आयोग में विस्तार और वेतन जारी करने की पेशकश की गई थी, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. उन्होंने इस समय में आयोग के 700 कर्मचारियों, काउंसलरों और वकीलों के साथ खड़े होने की आवश्यकता पर जोर दिया. वंदना सिंह ने दोनों सदस्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने आयोग की समस्याओं के लिए माननीय उपराज्यपाल को दोषी ठहराया, जबकि दिल्ली सरकार ने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने इस दावे का खंडन किया कि 181 महिला हेल्पलाइन उपराज्यपाल द्वारा फंड जारी न करने के कारण रुकी थी, यह बताते हुए कि डब्ल्यूसीडी मंत्री कैलाश गहलौत ने स्वयं घोषणा की थी कि हेल्पलाइन अब डब्ल्यूसीडी द्वारा संचालित की जाएगी. वंदना सिंह ने कहा कि मालीवाल के मार्गदर्शन में हेल्पलाइन ने कम से कम कॉल ड्रॉप्स और ज्यादा रोजाना बढ़ी हुई शिकायत वॉल्यूम के साथ प्रभावशाली परिणाम प्राप्त किए थे. दिल्ली सरकार का दिल्ली महिला आयोग से परामर्श किए बिना 181 हेल्पलाइन को वापस लेने का निर्णय गैरजिम्मेदाराना था और इससे 45 काउंसलरों की नौकरियां चली गईं. उन्होंने मोबाइल हेल्पलाइन प्रोग्राम की प्रभारी किरण नेगी से आग्रह किया कि 181 महिला हेल्पलाइन को बंद करने से मोबाइल हेल्पलाइन प्रोग्राम पर भी प्रभाव पड़ेगा. सिंह ने अफसोस जताया कि नेगी और फिरदौस ने अपने टीम के समर्थन के बजाय राजनीतिक हितों को चुना. वंदना सिंह ने यह भी खुलासा किया कि किरन नेगी और फिरदौस खान ने आयोग की समस्याओं के लिए गलत तरीके से माननीय उपराज्यपाल को दोषी ठहराया, बजाय इसके कि वे निर्वाचित दिल्ली सरकार को इस ओर ध्यान दिलाए. यहां तक कि अगर यह सत्य होता, तो भी उन्होंने सवाल किया कि दिल्ली सरकार ने आयोग के कर्मचारियों की सुरक्षा और वेतन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं. यह असंभव है कि डब्ल्यूसीडी विभाग में सभी गलत काम बिना दिल्ली सरकार की संलिप्तता के हो रहे हैं। यदि ऐसा है, तो दिल्ली सरकार ने कथित गलत काम करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? वंदना सिंह ने 1.5 वर्षों से खाली नई अध्यक्ष या दलित सदस्य की नियुक्ति में दिल्ली सरकार की विफलता की निंदा की, इसे आयोग को कमजोर करने का प्रयास बताया. उन्होंने अपने सहयोगियों से मालीवाल के नेतृत्व में डीसीडब्ल्यू के साथ स्थापित सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया. उन्होंने उनसे राजनीति छोड़कर इस समय आयोग और उसके कर्मचारियों के साथ खड़े होने का आग्रह किया. Tags: Aam aadmi party, Arvind kejriwal, Delhi Commission for Women, Swati MaliwalFIRST PUBLISHED : July 3, 2024, 18:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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