यहां फ्री में मिलती है पशुओं को नई जिंदगी! ऑपरेशन से लेकर इलाज तक सब मुफ्त

Free Medical Treatment: बोटाड में पशुपालकों के लिए मुफ्त चिकित्सा और ऑपरेशन सेवाएं प्रदान कर रहा है. यह केंद्र 76 गांवों में पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रहा है, जहां करुणा एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध है.

यहां फ्री में मिलती है पशुओं को नई जिंदगी! ऑपरेशन से लेकर इलाज तक सब मुफ्त
बोटाड: गुजरात के बोटाड जिले के गढ़ा में स्थित सरकारी पशु चिकित्सा केंद्र पशुपालकों के लिए एक बड़ी मदद बनकर उभरा है. कृषि के साथ ही कई किसान अब पशुपालन का व्यवसाय भी कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो रही है. पशुपालन के माध्यम से मुनाफा कमाने के लिए स्वस्थ पशुओं का होना आवश्यक है, खासकर दूध उत्पादन में. गौरतलब है कि स्वस्थ पशुओं के अभाव में दूध उत्पादन में कमी हो सकती है, जिससे किसानों की आय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. जैसे मनुष्यों के लिए अस्पताल की आवश्यकता होती है, वैसे ही पशुओं के इलाज के लिए भी अस्पताल आवश्यक हैं. गढ़ा में स्थापित सरकारी पशु चिकित्सा केंद्र इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मुफ्त उपचार और ऑपरेशन की सुविधा गढ़ा पशु चिकित्सा केंद्र के डॉक्टर जे.डी. मकवाना ने बताया कि इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य पशुओं को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. यहां पर पशुओं के इलाज और छोटे ऑपरेशनों के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, जिससे किसान बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने पशुओं का इलाज करवा सकते हैं. हर प्रकार की चिकित्सा सेवाएं इस केंद्र में मुफ्त में दी जाती हैं, चाहे वह कोई सामान्य बीमारी हो या ऑपरेशन की आवश्यकता हो. 76 गांवों तक पहुंच गढ़ा तालुका में कुल 76 गांव हैं, जो इस पशु चिकित्सा केंद्र की सेवाओं से लाभान्वित हो रहे हैं. इस क्षेत्र में पशुपालकों के लिए गढ़ा केंद्र एकमात्र सहारा नहीं है; इसके तहत चार उप-पशु अस्पताल भी आते हैं, जो निंतापम, धासा, उगामेड़ी और भीमदाद जैसे आसपास के गांवों में स्थित हैं. इन सब केंद्रों के माध्यम से पशुपालकों को संपूर्ण तालुका में एक सुलभ और विश्वसनीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध होती है. भगवान ने आंखें नहीं, लेकिन दी छठी इंद्री! बनासकांठा की इन सूरदास गायों की कहानी जानिए पशुपालकों के लिए एक वरदान गढ़ा का यह पशु चिकित्सा केंद्र पशुपालकों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. यहां मुफ्त में पशुओं का इलाज और ऑपरेशन किया जाता है, जिससे उनके इलाज का बोझ पशुपालकों पर नहीं पड़ता है. इसके अतिरिक्त, केंद्र में ‘करुणा पशु एंबुलेंस सेवा’ भी उपलब्ध है, जो पशुओं की सेवा में तत्पर रहती है. यह एंबुलेंस सेवा किसी भी इमरजेंसी में पशुपालकों की सहायता करती है और 76 गांवों के पशुपालक इसका लाभ उठा रहे हैं. Tags: Local18, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 15:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed