आतंकवाद के जरिये देश पर दबाव बनाया जा रहा हैः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “हमें दृढ़ रहने की जरूरत है और कोई समझौता नहीं होना चाहिए. इन आतंकियों को ब्लैक लिस्ट करना हमारे लिए स्वाभाविक है.

आतंकवाद के जरिये देश पर दबाव बनाया जा रहा हैः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा
हाइलाइट्सविदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद के जरिये देश पर दबाव बनाया जा रहा है लेकिन हमें दृढ़ रहना चाहिए. नई दिल्ली. केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जैसा कि भारत 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है, वहीं आतंकवाद को देश पर दबाव के साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन राष्ट्र को दृढ़ रहना चाहिए. यह बात उन्होंने up24x7news.com कन्नड़ को एक विशेष साक्षात्कार में बताया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “हमें दृढ़ रहने की जरूरत है और कोई समझौता नहीं होना चाहिए. इन आतंकियों को ब्लैक लिस्ट करना हमारे लिए स्वाभाविक है. जब अन्य देश इस प्रक्रिया में रुकावट पैदा करते हैं, तो यह उनके लिए सोचना है कि आतंकवाद की बात करते समय उनकी अपनी विश्वसनीयता के लिए इसका क्या मतलब है.” बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर ने यह बात चीन के संदर्भ में कहा, जिसने इस सप्ताह के शुरू में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान-आधारित आतंकवादियों को नामित करने के प्रस्ताव को रोक दिया था. बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के उप प्रमुख अब्दुल रऊफ अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया है. चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और अमेरिका द्वारा जेईएम नेता को नामित करने के संयुक्त प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी है, जो समूह के प्रमुख मसूद अजहर का छोटा भाई है.  संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय के अन्य सभी 14 सदस्य देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. अब्दुल रऊफ को एक वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के परिणामस्वरूप उस पर वैश्विक यात्रा प्रतिबंध लगाना होगा और साथ ही पाकिस्तान को उसकी संपत्ति को फ्रीज करने और हथियारों और संबंधित सामग्रियों तक उसकी पहुंच को काटने की आवश्यकता होगी. वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को यह झटका संयुक्त राष्ट्र में गलत नीति का परिणाम है तो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया के बड़े हिस्से का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व नहीं है. जहां चीन, रूस, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस वीटो शक्तियों के साथ स्थायी सदस्य हैं. हालांकि, विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार “एक देश को आगे बढ़ाने के लिए नहीं हैं. संयुक्त राष्ट्र का सुधार कुछ ऐसा है जिस पर सदस्यों को बहस करनी चाहिए और सहमत होना चाहिए. बातचीत की प्रक्रिया चल रही है. यह आसान नहीं है. ” ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: China, S JaishankarFIRST PUBLISHED : August 13, 2022, 17:33 IST