हिंदी साहित्य के शिखर पर विश्वनाथ प्रसाद शताब्दी सम्मान से होंगे सम्मानित

प्रोफेसर तिवारी का हिंदी साहित्य में योगदान किसी प्रकाशस्तंभ से कम नहीं है. साहित्य अकादमी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है

हिंदी साहित्य के शिखर पर विश्वनाथ प्रसाद  शताब्दी सम्मान से होंगे सम्मानित
गोरखपुर: हिंदी साहित्य के विख्यात विद्वान और साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष, पद्म श्री प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी को एक और प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा जाएगा. इस बार उन्हें इंदौर की श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति द्वारा शताब्दी सम्मान प्रदान किया जाएगा. यह सम्मान समिति की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘वीणा” के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया जा रहा है. 22 सितंबर को होने वाले इस विशेष कार्यक्रम में 84 वर्षीय प्रोफेसर तिवारी को 1 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किए जाएंगे. महात्मा गांधी द्वारा 1910 में स्थापित इस समिति ने हिंदी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले साहित्यकारों को हर वर्ष सम्मानित करने की परंपरा बनाई है. इस वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर प्रोफेसर तिवारी को इस सम्मान के लिए चुना गया है, जो हिंदी साहित्य के सबसे सम्मानित नामों में से एक हैं. साहित्यिक धरोहर प्रोफेसर तिवारी का हिंदी साहित्य में योगदान किसी प्रकाशस्तंभ से कम नहीं है. साहित्य अकादमी में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जहाँ उन्होंने 2008 में संयोजक, 2010 में उपाध्यक्ष और 2013 से 2017 तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. उनके कार्यकाल के दौरान हिंदी साहित्य ने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण प्रगति की और नई ऊंचाइयों को छुआ. सम्मानों की फेहरिस्त प्रोफेसर तिवारी को पहले भी कई प्रमुख सम्मान प्राप्त हो चुके हैं. इनमें शामिल हैं- पद्म श्री (2023), बिहार का सर्वोच्च राज्य भाषा सम्मान, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद शिखर सम्मान (2020-21), ज्ञानपीठ का मूर्ति देवी सम्मान (2019), उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण (2000) और साहित्य गौरव सम्मान (2007). हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान प्रोफेसर तिवारी के लेखन, आलोचना और साहित्यिक योगदान ने उन्हें हिंदी साहित्य में अद्वितीय स्थान दिलाया है. उनके कार्यों ने न केवल हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का कार्य भी किया है. शताब्दी सम्मान उन्हें उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया जा रहा है, जो हिंदी साहित्य में उनकी अमूल्य भूमिका को और अधिक उजागर करता है. Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 15:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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