समूह ने बदली महिलाओं की तकदीर! यह काम कर घर बैठे कर रही बंपर कमाई

फर्रुखाबाद के उगरपुर निवासी पिंकी देवी ने बताया कि सिलाई कढ़ाई का कार्य वह बचपन से ही करती आ रही हैं. लेकिन शादी के बाद वह घर पर रहती थी और कुछ कार्य की तलाश में थी. तभी गांव में पहुंचे आजीविका मिशन से जुड़े देवेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि यह योजना काफी खास है.

समूह ने बदली महिलाओं की तकदीर! यह काम कर घर बैठे कर रही बंपर कमाई
सत्यम कटियार/फर्रुखाबाद: बदलते वक्त में अब महिलाएं सभी क्षेत्रों में स्वावलंबी बन रही है. जी हां फर्रुखाबाद की महिलाएं अब स्वयं सहायता समूह बनाकर न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार रही हैं, बल्कि गांव की कई महिलाओं को इस योजना से जोड़कर उन्हें घर पर रहकर आमदनी का जरिया प्रदान कर रही हैं. फर्रुखाबाद के उगरपुर निवासी पिंकी देवी ने बताया कि सिलाई कढ़ाई का कार्य वह बचपन से ही करती आ रही हैं. लेकिन शादी के बाद वह घर पर रहती थी और कुछ कार्य की तलाश में थी. तभी गांव में पहुंचे आजीविका मिशन से जुड़े देवेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि यह योजना काफी खास है. आप शिक्षित और समझदार हैं. आप गांव की महिलाओं के लिए भी काफी कुछ लाभ के तरीके ईजाद कर सकती हैं. इसी को लेकर पिंकी देवी ने आजीविका मिशन के तहत 10 महिलाओं के सहयोग से ज्योति महिला स्वयं सहायता समूह बनाया और इसके जरिए सरकार द्वारा मिली निधि से सिलाई मशीन खरीदी और घर पर ही महिला टेलर की दुकान खोल दी. आज वह 2 वर्ष से लगातार घर पर रहकर ही अच्छी खासी कमाई कर रहीं हैं. लोन की है सुविधा पिंकी देवी ने बताया कि जो भी महिलाएं गांव में कोई भी रोजगार करना चाहती हैं. इसके लिए सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह को निधि दी जाती है. जिसके जरिए रोजगार सृजन करके कमाई को बढ़ाया जाता है. वहीं समय-समय पर न्यूनतम दर पर ब्याज को महिलाएं जमा करती रहती हैं. इस योजना के जरिए सैकड़ों महिलाएं लाभ कमा रही हैं. जिससे घर पर कमाई का जरिया भी मिला है और अब अपनी आर्थिक स्थिति को भी सही कर लिया है. अब वह आत्मनिर्भर बन गई हैं. ऐसे होता है कार्य स्वयं सहायता समूह से जुड़ी पिंकी देवी ने बताया कि उन्होंने बाजार से एक सिलाई मशीन खरीदी. उसके बाद घर पर ही महिलाओं के वस्त्रों को अच्छे तरीके से बनाना शुरू किया. वहीं जब ग्राहकों को इनकी कारीगरी पसंद आ रही है, तो गांव के साथ क्षेत्र के कई ग्राहक इनके पास पहुंचने लगे. समय के साथ समूह वाली यह दीदी मशहूर हो गई हैं. अब गांव के लोग कपड़े सिलवाने के लिए शहर न जाकर गांव में ही सिलाई का कार्य कराते हैं. इस समय पिंकी देवी साड़ियों के फाल के साथ-साथ लहंगा, ब्लाउज, सलवार सूट, फ्रॉक, बच्चों की ड्रेस और पार्टियों के वस्त्र तैयार करती हैं. एक दिन में 4 से 5 जोड़ी वस्त्र तैयार हो रहे हैं. इससे इन्हें घर बैठे ही अच्छी खासी कमाई हो रही. . Tags: Hindi news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 13:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed