जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय वोटर का मुद्दा फारूक अब्दुल्ला ने बुलाई सभी दलों की बैठक
जम्मू-कश्मीर में गैर-स्थानीय वोटर का मुद्दा फारूक अब्दुल्ला ने बुलाई सभी दलों की बैठक
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सोमवार को श्रीनगर में अपने आवास पर जम्मू-कश्मीर में "गैर-स्थानीय लोगों को मतदाताओं के रूप में शामिल करने" के संबंध में एक सर्वदलीय बैठक बुलाया है. नेशनल कांफ्रेंस ने केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिरदेश कुमार द्वारा संशोधित सूची में मतदाताओं को जोड़ने से संबंधित टिप्पणी के बाद बैठक बुलाई थी, जिसके बाद से हीं क्षेत्रीय दलों में हड़कंप मच गया था.
हाइलाइट्सगैर स्थानीय भी जम्मू-कश्मीर में कर सकते हैं मताधिकार. फारुख अब्दुल्ला ने "गैर-स्थानीय लोगों को मतदाताओं के रूप में शामिल करने" के संबंध में सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
जम्मू-कश्मीर. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला सोमवार को श्रीनगर में अपने आवास पर जम्मू-कश्मीर में “गैर-स्थानीय लोगों को मतदाताओं के रूप में शामिल करने” के संबंध में एक सर्वदलीय बैठक बुलाया है. नेशनल कांफ्रेंस ने केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिरदेश कुमार द्वारा संशोधित सूची में मतदाताओं को जोड़ने से संबंधित टिप्पणी के बाद बैठक बुलाई थी, जिसके बाद से हीं क्षेत्रीय दलों में हड़कंप मच गया था.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट करते हुए लिखा, “विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता ‘जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के पंजीकरण’ के संबंध में एक सर्वदलीय बैठक के लिए श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला के आवास पर पहुंचे हैं” वहीं एएनआई ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता एएम सागर के हवाले से कहा, “हम देखेंगे कि सभी पार्टियां इस कानून के बारे में क्या सोचती हैं.”
हालांकि, जम्मू और कश्मीर में “गैर-स्थानीय लोगों को मतदाताओं के रूप में शामिल करने” के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने के लिए नेकां और पीडीपी के प्रयासों को एक झटका लगा क्योंकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने खुद को इस मीटिंग से बाहर कर लिया है.
मीडिया से बात करते हुए लोन ने कहा, “अगर यह प्रयास (सर्वदलीय बैठक) गंभीर होता, तो इसे मीडिया की निगाह में नहीं रखा जाता। अगर यह गंभीर होता तो हमारी मीटिंग हो जाती और आपको (मीडिया) इसके बारे में पता भी नहीं चलता. मैं फारूक अब्दुल्ला की राजनीति से सहमत नहीं हूं लेकिन उनके लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है” उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक पार्टी-समूह में सिर्फ अपनी ताकत प्रदर्शन के लिए थी और मैं इसका हिस्सा नहीं बनना चाहता था.
उन्होंने कहा, “एक महिला (महबूबा मुफ्ती) एक सर्वदलीय बैठक बुलाती है और दूसरी इसके लिए (फोन) कॉल करती है. ये बताओ हम और कितना दिखावा कर सकते हैं? हम चौबीसों घंटे एक-दूसरे को राजनीतिक रूप से गाली देते हैं. मैंने कल उन्हें गालियां दी हैं, एक दिन पहले उन्होंने ऐसा किया था. हम कब तक यह दिखावा कर सकते हैं कि सब कुछ ठीक ठाक है?”
उन्होंने आगे महबूबा मुफ़्ती को टारगेट करते हुआ कहा, “वे अपनी (खोई हुई) जमीनी ताकत को वापस पाने के लिए बेताब हैं, सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए डिक्टेट जारी करती हैं ….उन्हें मालूम होना चाहिए कि महाराज हरी सिंह के युग बीते हुए लंबा अरसा हो गया है.”
केंद्रशासित प्रदेश के प्रमुख चुनाव आयुक्त हिरदेश कुमार ने कहा कि राज्य में आर्टिकल 370 हटने के बाद से पहली बार चुनाव होने जा रहा है, मतदाता सूची में संशोधन के बाद और बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख अतिरिक्त मतदाता मिलने की संभावना है.
सरकार का स्पष्टीकरण:
शनिवार को, सरकार ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि मतदाता सूची में संशोधन के बाद 25 लाख से अधिक मतदाताओं के शामिल होने की रिपोर्ट “गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा” है. स्पष्टीकरण में कहा गया है कि कश्मीरी प्रवासियों को “उनके नामांकन के स्थान पर या पोस्टल बैलेट के माध्यम से या जम्मू, उधमपुर, दिल्ली, आदि में विशेष रूप से स्थापित मतदान केंद्रों के माध्यम से मतदान का विकल्प दिया जाता रहेगा.”
स्पष्टीकरण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुफ्ती ने ट्वीट किया, “डीआईपीआर द्वारा जारी ‘स्पष्टीकरण’ मुख्य चुनाव अधिकारी द्वारा दिए गए बयान मौन समर्थन देता है. उनका बयान गैर स्थानीय लोगों को सामूहिक रूप से वोट देने की शक्ति दिए जाने के बारे में हमारी आशंकाओं को दूर नहीं करता है. फिर भी जम्मू-कश्मीर के लोगों को बेदखल करने के लिए सरकार की अलग राजनीति है.
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Tags: Jammu kashmirFIRST PUBLISHED : August 22, 2022, 17:54 IST