यूपी में यहां है भगवान राम की बहन शांता का मंदिर जानिए मान्यता
यूपी में यहां है भगवान राम की बहन शांता का मंदिर जानिए मान्यता
Shanata Temple in Shringinari: मंदिर के पुजारी LOCAL 18 से बातचीत में बताते हैं कि जब राजा दशरथ ने यज्ञ के लिए श्रृंगी ऋषि से निवेदन किया तब ऋषि ने मखौड़ा धाम पर यज्ञ करने का फैसला किया परंतु अविवाहित ऋषि से यह यज्ञ अपूर्ण हो जाता, इसीलिए राजा दशरथ ने अपनी बेटी शांता का विवाह श्रृंगी ऋषि से कर दिया.
बस्ती: भगवान श्रीराम की बहन शांता के बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन उनका उल्लेख पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि मां शांता की तपोस्थली जनपद के परशुरामपुर ब्लॉक के श्रृंगीनारी में स्थित है, जहां उनकी प्रतिमा ऋषि श्रृंगी के साथ स्थापित है. ऋषि श्रृंगी, जिन्हें ऋषि विभण्डक का पुत्र माना जाता है. ऋषि श्रृंगी ने राजा दशरथ की संतान की कामना के लिए पुत्र कामेष्टि यज्ञ का आयोजन किया था. यह यज्ञ अयोध्या से लगभग 39 किमी पूर्व स्थित मखौड़ा धाम में हुआ था.
मंदिर के पुजारी ने क्या कहा
मंदिर के पुजारी LOCAL 18 से बातचीत में बताया कि जब राजा दशरथ ने यज्ञ के लिए श्रृंगी ऋषि से निवेदन किया तब ऋषि ने मखौड़ा धाम पर यज्ञ करने का फैसला किया. परंतु अविवाहित ऋषि से यह यज्ञ अपूर्ण हो जाता. इसीलिए राजा दशरथ ने अपनी बेटी शांता का विवाह श्रृंगी ऋषि से कर दिया. विवाह के उपरांत पुत्रेष्ठ यज्ञ संपन्न हुआ. उसके बाद माता शांता और श्रृंगी ऋषि कुछ दिन मखौड़ा धाम में बिताने के बाद अपने आश्रम श्रृंगी नारी लौट गए.
मेले का आयोजन कब होता है
श्रृंगी नारी में आषाढ़ माह के अंतिम मंगलवार को बुढ़वा मंगल का मेला लगता है. इस दिन माताजी को पूड़ी और हलवा का भोग अर्पित किया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन त्रेतायुग में मखौड़ा धाम में पुत्रेष्टि यज्ञ का समापन हुआ था, जिसके बाद राजा दशरथ को श्रीराम सहित चार पुत्रों की प्राप्ति हुई. शांता माता ने इस यज्ञ के दौरान 45 दिनों तक शक्ति की आराधना की थी. यज्ञ के बाद ऋषि श्रृंग ने शांता को अपने साथ ले जाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं गईं और वर्तमान मंदिर में पिण्डी के रूप में समा गईं.
लगता है भक्तों का जमावड़ा
श्रृंगी ऋषि द्वारा बनाए गए श्रृंगीनारी धाम में प्रतिदिन हजारों भक्तों का जमावड़ा लगता है. मान्यता है जिस भी व्यक्ति की शादी या उसको पुत्र की प्राप्ति न हो रही हो, तो यहां पर पूजन अर्चन करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामना पूरी होती है.मन्दिर के पुजारी ने बताया कि यह धाम भगवान राम की बहन शांता देवी के नाम पर है, जो श्रृंगी ऋषि की अर्धांगिनी थी. यहां पर प्रतिदिन लोकल लोगों के साथ ही उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के लोग आते हैं. साथ ही साथ बिहार, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान सहित पूरे देश से लोग दर्शन पूजन के लिए आते हैं.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 13:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed