दुनिया का आठवां अजूबा बदलेगा किस्मत J&K के अफसर बोले- कुछ दिनों का है इंतजार
दुनिया का आठवां अजूबा बदलेगा किस्मत J&K के अफसर बोले- कुछ दिनों का है इंतजार
आने वाले दिनों में रियासी की किस्मत बदलने वाली है. और, इस इलाके की किस्मत को बदलने में सबसे अहम भूमिका अदा करेगा दुनिया का वह आठवां अजूबा, जिसे चिनाब ब्रिज के ऊपर तैयार किया गया है. कैसे होगा यह सब, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Jammu & Kashmir: शिवखोड़ी से वैष्णो देवी जा रही श्रद्धालुओं से भरी बस में आतंकी हमले के बाद जम्मू और कश्मीर का रियासी इलाका बीते दिनों खासी सुर्खियों में रहा. चिनाब नदी के किनारे बसा जम्मू रीजन का यह रियासी इलाका एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. इस बार यह वजह न केवल अच्छी है, बल्कि हर भारतीय को गर्व का अहसास कराने वाली है.
दरअसल, यहां पर बात अपना पूरा आकार ले चुके दुनिया के उस आठवें अजूबे की हो रही है, जो आने वाले दिनों में न केवल रियासी में रहने वाले लोगों की, बल्कि जम्मू और कश्मीर में रहने वाले हर बाशिंदे की किस्मत बदलने वाला है. इस आठवें अजूबे पर तरक्की की रेल दौड़ते ही कन्याकुमारी से श्रीनगर को जोड़ने का सपना लगभग अपने आखिरी पड़ाव तक पहुंच जाएगा.
चलिए, सस्पेंस खोलते हैं और आपको बबाते हैं, दुनिया के इस आठवें अजूवे के बारे में. दअरसल, दुनिया का यह आठवां अजूबा है रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच चिनाब ब्रिज पर तैयार हुआ दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज. यह रेलवे ब्रिज चिनाब नदी से करीब 359 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया है. इस ब्रिज पर भारतीय रेलवे ने अपने सफल ट्रायल शुरू कर दिए हैं. यह भी पढ़ें: बेस्ट ऑफ लक.. सुरक्षा एजेंसियों की बीच मची अफरा-तफरी, कैंसिल हुई फ्लाइट, एयरलाइन सहित यात्रियों को लगी मोटी चपत… आईजीआई एयरपोर्ट पर सिर्फ एक ई-मेल की वजह से पूरी रात न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए, बल्कि एयरलाइंस और यात्रियों के लिए भी जद्दोजहद भरी रही. इस लंबी जद्दोजहद के वजह से टोरंटो जाने वाली एक फ्लाइट को कैंसिल भी करना पड़ गया. क्या था पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
रियासी के डिप्टी कमिश्नर विशेष महाजन के अनुसार, रियासी में रहने वाले हर वाशिंदे को उस दिन का इंतजार है, जब रेलवे ब्रिज से रामबन जिले में संगलदान और रियासी के बीच ट्रेनों का आवागमन शुरू होगा. चिनाब ब्रिज आधुनिक दुनिया का एक इंजीनियरिंग चमत्कार है. जिस दिन इस चिनाब ब्रिज को पार पहली बार ट्रेन रियासी पहुंचेगी, वह दिन जिले में रहने वाले हर वाशिंदे के लिए बड़ा बदलाव लाने वाला दिन होगा.
डीसी विशेष महाजन के अनुसार, हमारे इंजीनियरों ने एक चमत्कार कर दुनिया का आठवां अजूबा तैयार किया है. इस ब्रिज अद्भुत की ताकत हम सभी गर्व की अनभूति कराती है. उल्लेखनीय है कि बॉर्डर प्रोजेक्ट के तहत, सबसे पहले 2009 में बारामुला से काजीगुंड-बारामूला के बीच 118 किमी लंबी रेल सेवा शुरू की गई थी. इसके बाद जून 2013 में बनिहाल से काजीगुंड से बीच रेलवे सेक्शन शुरू किया गया था. यह भी पढ़ें: पति के साथ… तो बदला लेने के लिए पत्नी ने फेंका ऐसा ‘दाना’, लार टकपकाते भागे चले आए गुनहगार, और फिर… पति के साथ हुई वारदात का पता चलने के बाद पत्नी ने ठान लिया कि वह गुनहगारों को अंजाम तक पहुंचाने के बाद ही दम लेगी. इसके बाद, पत्नी ने एक ऐसा जाल बुला, जिसमें गुनहगार खुद-ब-खुद आकर फंस गए. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
इस रेलवे सेक्शन के शुरू होते ही बनियाल से बारामूला के बीच सीधी रेल सेवा उपब्ध हो गई थी. जुलाई 2014 में ऊधमपुर से कटरा के बीच रेल सेवा शुरू होते ही कन्याकुमारी से कटरा के बीच सीधी ट्रेन का सपना पूरा हो गया था. इसके बाद, फरवरी 2024 में बनिहाल से संगलदान के बीच रेलवे सेवा शुरू की गई थी. चिनाब ब्रिज पर ट्रेन दौड़ते ही संगलदान से बारामूला के बीच सीधी ट्रेन का सपना भी पूरा हो जाएगा.
Tags: Indian railway, Jammu and kashmirFIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 09:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed