किसी स्कूल में नहीं पढ़ाए जाते हैं ये 10 विषय नौकरी के लिए हैं बहुत जरूरी

School Education, Life Skills: इंडियन स्कूल एजुकेशन सिस्टम अन्य देशों से काफी अलग है. यहां प्ले ग्रुप से शुरू हुई पढ़ाई 12वीं पास करके ही खत्म होती है. इसमें लगभग 13 सालों का समय लगता है. लेकिन इन 13 सालों में भी बच्चों को कुछ ऐसी लाइफ स्किल्स नहीं सिखाई जाती हैं, जो उन्हें आगे जाकर सबसे ज्यादा काम आने वाली हैं.

किसी स्कूल में नहीं पढ़ाए जाते हैं ये 10 विषय नौकरी के लिए हैं बहुत जरूरी
नई दिल्ली (School Education, Life Skills). भारत के हर स्कूल में इंग्लिश, हिंदी, मैथ, साइंस (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी), सोशल साइंस (हिस्ट्री, सिविक्स, ज्योग्राफी), इकोनॉमिक्स, होम साइंस, संस्कृत जैसे बहुत सारे विषय पढ़ाए जाते हैं. इनके अलावा कई तरह की विदेशी भाषाएं भी आज-कल के स्कूल सिलेबस का अहम हिस्सा हैं. पीटी यानी फिजिकल ट्रेनिंग को भी गेम्स और योग के तौर पर वरीयता दी जाती है. इतने समृद्ध स्कूल सिलेबस में भी लाइफ स्किल्स को शामिल नहीं किया गया है. ऐसी कई लाइफ स्किल्स हैं, जो जिंदगीभर बहुत काम आती हैं. कुछ से जिंदगी जीना आसान हो जाता है तो कुछ नौकरी या बिजनेस करने के काम आती हैं. अगर इनके बारे में स्कूल के दिनों से ही पढ़ाना शुरू कर दिया जाए तो जिंदगी को बहुत आसान बनाया जा सकता है. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूल शिक्षा में कई बदलाव किए जा रहे हैं. हो सकता है कि आने वाली पीढ़ियों को कम उम्र से ही इस तरह की लाइफ स्किल्स सिखा दी जाएं, जिनसे उन्हें करियर बनाने में भी मदद मिल सके. School Syllabus in India: स्कूल सिलेबस से नदारद हैं ये विषय भारतीय स्कूल सिलेबस अन्य देशों की तुलना में बहुत बैलेंस्ड है (Indian School Syllabus). इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल, दोनों पर फोकस किया जाता है. लेकिन लाइफ स्किल्स सिखाने के मामले में हम लोग फिलहाल पीछे हैं. जानिए कुछ ऐसी लाइफ स्किल्स (Life Skills for Students), जिन्हें स्कूल सिलेबस में किसी न किसी फॉर्मेट में शामिल करने की बहुत जरूरत है. 1- पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance)- इससे बच्चों को पॉकेट मनी को मैनेज करने से लेकर भविष्य में मिलने वाली सैलरी और इन्वेस्टमेंट तक, सबका हिसाब रखने में मदद मिलेगी. 2- इंटरपर्सनल स्किल्स (Interpersonal Skills)- पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में ग्रोथ के लिए कम्युनिकेशन, सहानुभूति (Empathy) और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स में माहिर होना जरूरी है. यह भी पढ़ें- गजब! आइंस्टीन से भी तेज चलता है इस 10 साल के बच्चे का दिमाग 3- पर्सनल ब्रांडिंग (Personal Branding)- आने वाला जमाना इसी पर निर्भर है. आप खुद को कितनी अच्छी तरह से प्रेजेंट करते हैं, यह कई क्षेत्रों में बहुत काम आता है. 4- टाइम मैनेजमेंट (Time Management)- स्कूलों में इसकी बात सिर्फ परीक्षाओं के समय की जाती है. अगर बच्चों को टाइम मैनेजमेंट के फायदे बता दिए जाएं तो उनकी तरक्की की कोई तुलना नहीं है. 5- एंत्रप्रेन्योरशिप (Entrepreneurship)- इन दिनों उद्यमिता पर बहुत फोकस किया जा रहा है. ज्यादातर लोग स्टार्टअप में करियर बना रहे हैं. उन्हें स्कूल लेवल से ही इसकी जानकारी होनी चाहिए. 6- सर्वाइवल (Survival)- असल जिंदगी में सर्वाइव कर पाना बहुत मुश्किल है. स्कूलों में जॉब हंटिंग, फाइनेंस मैनेज करना, खाना पकाना, सफाई करना जैसे बेसिक स्किल्स सिखाए जाने चाहिए. 7- स्ट्रेस मैनेजमेंट (Stress Management)- कम उम्र से ही बच्चे डिप्रेशन और एंग्जायटी के बुरे दौर से गुजरने लगे हैं. स्कूलों में थेरपी के फायदे और तनाव को मैनेज करने के तरीके बताए जाने चाहिए. 8- डिसीजन मेकिंग (Decision Making)- आज क्या पहनना है, क्या खाना है से लेकर कहां नौकरी करनी है और किससे शादी करनी है तक हर मिनट हम कई फैसले लेते हैं. यह भी एक स्किल है. यह भी पढ़ें- दिसंबर में होगी छुट्टियों की भरमार, 10 दिन से ज्यादा बंद रहेंगे स्कूल 9- क्रिएटिव प्रॉब्लम सॉल्विंग (Creative Problem Solving)- समस्याएं हर किसी की जिंदगी में आती हैं, स्कूल लाइफ से ही इनसे दो-चार होना पड़ता है. ऐसे में इनसे डील करने के तरीके भी पता होने चाहिए. 10- सेल्फ अवेयरनेस (Self Awareness)- बच्चा पढ़ाई में होशियार है लेकिन इमोशनली इंटेलिजेंट नहीं है तो उसे बहुत समस्याएं आ सकती हैं. इसमें खुद के साथ ही दूसरों को समझने की ट्रेनिंग भी देनी चाहिए. Tags: School education, School Education Department, School syllabusFIRST PUBLISHED : December 3, 2024, 06:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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