IIT Bombay: आईआईटी बॉम्बे के प्रतिष्ठित टेकफेस्ट का 28वां संस्करण मंगलवार को भव्यता के साथ शुरू हुआ. अत्याधुनिक तकनीक और इनोवेशन के प्रदर्शन ने बड़ी संख्या में दर्शकों को आकर्षित किया है. हालांकि, इस कार्यक्रम के दौरान हुई एक घटना ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी और बड़े स्तर पर लोगों के बीच बहस छेड़ दी है.
टेकफेस्ट में भाग लेने आए आईआईआईटी चेन्नई के दो छात्रों में से एक ने Reddit पर अपने साथी छात्र के बीमार होने के दौरान हुई परेशानियों को शेयर किया है. छात्र ने बताया कि उसके दोस्त को 104°F बुखार था और कमजोरी के चलते उसे तत्काल इलाज की आवश्यकता थी. मदद की उम्मीद में वे आईआईटी बॉम्बे कैंपस के अस्पताल गए.
हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों ने उनकी मदद करने के बजाय पहले उनकी पहचान पूछी. जब यह स्पष्ट हुआ कि वे आईआईटी बॉम्बे के छात्र नहीं हैं, तो उन्हें इलाज देने से मना कर दिया गया. छात्र के अनुसार डॉक्टर ने उनसे आईआईटी बॉम्बे का पंजीकरण नंबर और पहचान पत्र मांगा. जब उन्होंने स्पष्ट किया कि वे आईआईआईटी चेन्नई से हैं, तो डॉक्टर नाराज हो गए और उन्हें किसी बाहरी अस्पताल जाने की सलाह दी.
डॉक्टर ने कथित तौर पर कहा कि यह अस्पताल केवल आईआईटी बॉम्बे के छात्रों और स्टाफ के लिए है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डॉक्टर ने आगे कहा कि बाहरी लोगों का इलाज करना मेरी जिम्मेदारी नहीं है. छात्र ने इस रवैये पर निराशा जताई और कहा कि डॉक्टरों का पहला कर्तव्य मरीज की मदद करना होना चाहिए, न कि उनकी पृष्ठभूमि पर सवाल उठाना.
छात्र की पोस्ट ने तेजी से ध्यान आकर्षित किया और इस मामले पर Reddit पर कई यूजर्स ने अपनी राय साझा की. कई यूजर्स ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आईआईटी बॉम्बे की नीति पर सवाल उठाए. उनका मानना था कि टेकफेस्ट जैसे बड़े आयोजन में भाग लेने वाले बाहरी छात्रों के लिए मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए. वहीं, कुछ लोगों ने संस्थान के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि कैंपस का अस्पताल केवल आईआईटी बॉम्बे के छात्रों, स्टाफ और फैकल्टी के लिए बनाया गया है.
एक यूजर्स ने इसे सेना की कैंटीन की तुलना में समझाते हुए लिखा कि जैसे सेना की कैंटीन सिर्फ सेना के कर्मियों के लिए है, वैसे ही यह अस्पताल भी सिर्फ आईआईटी बॉम्बे के निवासियों के लिए है. कई लोगों ने टेकफेस्ट की आयोजन टीम को जिम्मेदार ठहराया, यह कहते हुए कि बाहरी प्रतिभागियों के लिए आपातकालीन मेडिकल सर्विस का प्रबंधन उनका दायित्व था.
कुछ यूजर्स ने डॉक्टर के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा कि मरीज की स्थिति गंभीर थी और मदद करने से इनकार करना अमानवीय था. वहीं, अन्य ने यह तर्क दिया कि डॉक्टर शायद केवल आईआईटी बॉम्बे के निवासियों की सेवा करने के अपने प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे.
ये भी पढ़ें…
10वीं में 74% अंक, गटर किनारे बेची सब्जियां, फिर BPSC क्रैक करके ऐसे बनीं अफसर
झारखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं परीक्षा की डेटशीट जारी, इस Direct Link से करें चेक
Tags: Education news, Iit, IIT BombayFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 17:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed