वही आरोपी वही गवाह! गबन के केस पर ठनका कोर्ट का माथा ED को लगा दी फटकार

ईडी ने 18.8 करोड़ रुपये के गबन मामले में आठ लोगों को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी. तब ईडी ने मांगेलाल सुनील अग्रवाल को गवाह के तौर पर पेश किया. फिर बाद में एजेंसी ने उसी को बतौर आरोपी कठघरे में खड़ा कर दिया.

वही आरोपी वही गवाह! गबन के केस पर ठनका कोर्ट का माथा ED को लगा दी फटकार
नई दिल्ली. दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को कड़ी फटकार लगाई. दरअसल ईडी ने एक शख्स को मनी लॉन्ड्रिंग केस में पहले तो गवाह बनाया और बाद में उसे ही आरोपी के रूप में कटघरे में खड़ा कर दिया. ईडी के इस कदम पर अदालत काफी भड़क गया. अदालती मामलों की खबरें देने वाली वेबसाइट बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरज मोरे ने आरोपी को जमानत देते हुए कहा, ‘मौजूदा मामले में, एक बहुत ही अप्रिय स्थिति है, जिसमें एक जांच अधिकारी ने आवेदक को गवाह के तौर पर पेश करने का विकल्प चुना और दूसरे ने रिकॉर्ड पर उपलब्ध उसी सबूत के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया. इन हालात में यह साफ है कि जांच अधिकारियों में से एक गलत है और या तो उसने कानून से परे कारणों के आधार पर काम किया.’ क्या है पूरा मामला दरअसल मांगेलाल सुनील अग्रवाल को 18.8 करोड़ रुपये के कथित गबन से जुड़े मामले में कोर्ट ने बेल दे दी. एजेंसी ने अक्टूबर 2022 में इस केस में आठ लोगों को आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी. अग्रवाल को तब गवाह के तौर पर पेश किया गया था. फिर इस साल अगस्त में एजेंसी ने अग्रवाल को आरोपी के तौर पर नामित करते हुए एक और चार्जशीट दाखिल की. कोर्ट ने कहा कि ऐसी असंगतियां ‘परेशान करने वाली’ हैं. अदालत ने ईडी निदेशक को दोनों जांच अधिकारियों के खिलाफ जांच करने को कहा. कोर्ट ने इसके साथ ही एजेंसी को एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया, जिसमें किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का फैसला करते समय उसके अधिकारियों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में बताया गया हो. कोर्ट ने कहा, ‘जांच रिपोर्ट आज से एक महीने के भीतर दाखिल की जानी चाहिए, जिसमें यह पता लगाया जाए कि क्या उनमें से किसी ने अपने कर्तव्यों में कोई गलती की है और दोषी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है. अगर दोनों के विपरीत विचार न्यायोचित पाए जाते हैं, हालांकि यह सामान्य ज्ञान के अनुकूल नहीं है, तो यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि इस अप्रिय स्थिति के साथ कैसे सामंजस्य स्थापित किया जाए.’ Tags: Delhi Court, Enforcement directorateFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 10:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed