Earthquake: देश का 59 फीसदी इलाका भूकंप जोन में हिमालय के राज्यों सहित इन जगहों पर खतरा सबसे ज्यादा

Earthquake:भारत के भूकंपीय क्षेत्र के नक्शे के मुताबिक देश की लगभग 59 प्रतिशत भूमि मध्यम या गंभीर भूकंप के खतरे की चपेट में है. इससे ये भी साफ होता है कि देश के कुल 30.4 करोड़ घरों में से लगभग 95 प्रतिशत अलग-अलग क्षमता वाले भूकंप के खतरे की चपेट में आ सकते हैं.

Earthquake: देश का 59 फीसदी इलाका भूकंप जोन में हिमालय के राज्यों सहित इन जगहों पर खतरा सबसे ज्यादा
हाइलाइट्सदेश के भूकंपीय जोनिंग मैप में भूकंप के खतरे वाले इलाकों को 4 क्षेत्रों में बांटा गया है. देश का लगभग 11% क्षेत्र जोन V में, 18% जोन IV में, 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है.भारत मौजूदा समय में भूकंप के जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए जोन 1 का उपयोग नहीं करता है. नई दिल्ली. भारत के भूकंपीय क्षेत्र के नक्शे के मुताबिक देश की लगभग 59 प्रतिशत भूमि मध्यम या गंभीर भूकंप के खतरे की चपेट में है. इससे ये भी साफ होता है कि देश के कुल 30.4 करोड़ घरों में से लगभग 95 प्रतिशत अलग-अलग क्षमता वाले भूकंप के खतरे की चपेट में आ सकते हैं. देश के भूकंपीय जोनिंग मैप के अनुसार भूकंप के खतरे वाले इलाकों को चार भूकंपीय क्षेत्रों में बांटा गया है. जोन V भूकंपीय रूप से सबसे सक्रिय क्षेत्र है, जबकि जोन II सबसे कम है. देश का लगभग 11% क्षेत्र जोन V में, 18% जोन IV में, 30% जोन III में और शेष जोन II में आता है. भारत मौजूदा समय में भूकंप के जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए जोन 1 का उपयोग नहीं करता है. जोन 5 कश्मीर, पश्चिमी और मध्य हिमालय, उत्तर और मध्य बिहार, उत्तर-पूर्व भारतीय क्षेत्र, कच्छ का रण और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के इलारे शामिल हैं. इस इलाके में बड़े और विनाशकारी भूकंपों की आशंका लगातार बनी रहती है. जबकि जोन 4 में जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, भारत-गंगा के मैदानों के कुछ हिस्सों (उत्तरी पंजाब, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तराई, बिहार का एक बड़ा हिस्सा) , उत्तर बंगाल, सुंदरवन) और देश की राजधानी दिल्ली जोन 4 में आती है. महाराष्ट्र में पाटन क्षेत्र (कोयनानगर) भी जोन 4 में है. इस जोन में भी भूकंप से जानमाल के नुकसान का खतरा ज्यादा रहता है. Earthquake: नेपाल में 6.3 तीव्रता का भूकंप, 3 की मौत, दिल्ली तक महसूस किए गए तेज झटके जोन 3 में भूकंप का खतरा मध्यम स्तर का माना जाता है. इस जोन में चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और भुवनेश्वर जैसे कई मेगासिटी मौजूद हैं. जबकि जोन 2 में भूकंप का खतरा उससे भी कम होता है. इस इलाके में भूकंप से कम नुकसान का जोखिम होता है. त्रिची या थिरुचिरापल्ली, बुलंदशहर, मुरादाबाद, गोरखपुर और चंडीगढ़ जैसे शहर इस जोन में मौजूद हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Earthquake, Himalaya, MapFIRST PUBLISHED : November 09, 2022, 06:46 IST