बज गई खतरे घंटी! खत्म हो जाएंगे इंसान जमीन से सूख रहा है पानी लेकिन कैसे
बज गई खतरे घंटी! खत्म हो जाएंगे इंसान जमीन से सूख रहा है पानी लेकिन कैसे
लगता है इंसानों के जीवन पर खतरा आने वाला है. हम ऐसा सुनते आ रहे हैं कि आने वाला विश्वयुद्ध पानी के लिए ही होगा, ऐसा सही भी लग रहा है. क्योंकि पिछले तीन दशकों में धरती के जमीन वाले हिस्से से पानी सूख रहा है. इसमें भारत का भी 40% हिस्सा है.
नई दिल्ली: धरती पर इंसानों को बुद्धिमान प्रजाति माना जाता है, लेकिन ऐसा लगता है कि मानव के अस्तित्व पर खतरा आ रहा है. एक रिपोर्ट की मानें को जमीन पर पानी लगातार सूख रहा है. रिपोर्ट में लिखा है कि पिछले तीन दशकों में पूरी दुनिया के 43 लाख वर्ग किलोमीटर तका जमीन सूख गया है. यानी कि इतना जमीन सूखा है जितने में भारत बार में समा सकता है. वहीं, आलम है यह कि भारत का 40% भाग सूखे की मार झेल रहा है. यह रिपोर्ट कोई और नहीं संयुक्त राष्ट्र ने जारी किया है.
इस बीच, चौंकाने वाली खबर आ रही है कि इन तीन दशकों में शुष्क भूमि पर रहने वाले लोगों की रॉकेट की रफ्तार से दोगुनी होकर 2.3 बिलियन हो गई है. स्टडी के एक मॉडल से पता चलता है कि धरती सबसे खराब जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रही है. आने वाले समय यानी कि 2100 तक 5 अरब लोग शुष्क भूमि पर रहने को मजबूर हो सकते हैं. वहीं, जैसे-जैसे पृथ्वी गर्म होती जाएगी, वैसे-वैसे और अधिक ‘अचानक से सूखी’ मिट्टी पौधों को सुखा कर भस्म कर देगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि “अरबों लोगों को जलवायु परिवर्तन से संबंधित शुष्कता और रेगिस्तानीकरण में वृद्धि से अपने जीवन और आजीविका के लिए और भी अधिक खतरों का सामना करना पड़ रहा है.” पानी सूखने की प्रवृत्ति से विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में यूरोप का लगभग 96%, पश्चिमी अमेरिका के कुछ हिस्से ब्राज़ील, एशिया और मध्य अफ्रीका शामिल हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दक्षिण सूडान और तंजानिया में भूमि सूख रहा है जबकि चीन एक बहुत बड़ा हिस्सा हरियाली भूमि से शुष्क भूमि में बदल रही है.
दुनिया के लगभग आधे शुष्क भूमि निवासी एशिया और अफ्रीका में रहते हैं. सबसे घनी आबादी वाले शुष्क क्षेत्र कैलिफोर्निया, मिस्र, पूर्वी और उत्तरी पाकिस्तान, भारत के बड़े हिस्से और पूर्वोत्तर चीन में हैं. अगर सबसे ज्यादा ग्रीनहाउस गैस वाले क्षेत्रों में अमेरिका टॉप पर है. उसके बाद सेंट्रल मैक्सिको, उत्तरी वेनेजुएला, उत्तरपूर्वी ब्राजील, दक्षिणपूर्वी अर्जेंटीना, भूमध्यसागरीय क्षेत्र, काला सागर तट, दक्षिणी अफ्रीका के बड़े हिस्से और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में शुष्क भूमि विस्तार का पूर्वानुमान है.
FIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 14:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed