टेस्ट में 99 रन पर आउट हुए ये बैटर करियर में फिर कभी नहीं बना पाए शतक
टेस्ट में 99 रन पर आउट हुए ये बैटर करियर में फिर कभी नहीं बना पाए शतक
टेस्ट क्रिकेट में जहां जेसन गिलेस्पी, सकलैन मुश्ताक और हरभजन सिंह जैसे खालिस गेंदबाज शतक बना चुके हैं वहीं चेतन चौहान और माइक ब्रेयरली जैसे खाालिस बैटर के खाते में एक भी शतक नहीं है. असीम कमाल, रूसी सुरती और शेन वॉर्न जैसे कुछ खिलाड़ी टेस्ट में 99 रन के स्कोर पर आउट हुए, इसके बाद ये करियर में कभी इंटरनेशनल शतक नहीं बना सके.
नई दिल्ली. इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक बनाना हर खिलाड़ी की चाहत होती है.कई इसमें कामयाब होते हैं तो कई नाकाम. टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो जेसन गिलेस्पी, सकलैन मुश्ताक, अजित आगरकर,अनिल कुंबले और हरभजन सिंह जैसे विशेषज्ञ गेंदबाज भी शतक बना चुके हैं जबकि चेतन चौहान और माइक ब्रेयरली जैसे टॉप ऑर्डर बैट्समैन के करियर में एक भी शतक दर्ज नहीं है. कुछ खिलाड़ी तो टेस्ट क्रिकेट में 99 रन के दुर्भाग्यशाली स्कोर पर आउट होकर एक रन से शतक चूके हैं.
टेस्ट क्रिकेट में 99 के स्कोर पर आउट होने वाले बैटरों की संख्या अच्छी खासी है लेकिन इनमें कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो 99 के स्कोर पर आउट होने के बाद टेस्ट क्रिकेट में कभी 100 रनों के आंकड़े को नहीं छू पाए. इंटरनेशनल क्रिकेट में इनके करियर पर शतक के बगैर ही विराम लग गया.
नजर डालते हैं उन बैटरों पर जो टेस्ट में 99 रन पर आउट हुए और फिर कभी शतक नहीं बना सके..
नॉर्मन यार्डले : इंग्लैंड के नॉर्मन यॉर्डले (Norman Yardley) के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 27 शतकों के साथ 18 हजार से अधिक रन दर्ज हैं लेकिन वे टेस्ट क्रिकेट में कभी शतक नहीं बना सके. वर्ष 1938 से 1950 के बीच 16 टेस्ट में इंग्लैंड की कप्तानी करने वाले यॉर्डले मिडिल ऑर्डर के बैटर होने के साथ-साथ दाएं हाथ के बॉलर भी थे. 20 टेस्ट खेलने वाले यॉर्डले का टॉप स्कोर 99 रन रहा जो उन्होंने जून 1947 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था. अपनी कप्तानी वाले टेस्ट में 99 के स्कोर पर दक्षिण अफ्रीकी बॉलर ओसी डॉसन के शिकार बनने के बाद यॉर्डले कभी शतक नहीं बना सके.
जॉन बेक : न्यूजीलैंड के जॉन बेक (John Beck) ने 1953 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहानिसबर्ग में करियर का आगाज किया. इस सीरीज के अंतर्गत केपटाउन में खेले गए तीसरे टेस्ट में वे 99 रन बनाकर रन आउट हुए. तेजी से स्कोर बढ़ाने में माहिर बेक ने आठ टेस्ट के इंटरनेशनल करियर में तीन हाफ सेंचुरी बनाई लेकिन कभी शतक नहीं बना पाए.
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मकसूद अहमद : पाकिस्तान के मकसूद अहमद (Maqsood Ahmed) ने 1952 से 1955 के बीच 16 टेस्ट खेले. भारत के खिलाफ वर्ष 1955 के लाहौर टेस्ट में मकसूद चौथे नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे और 99 रन पर आउट हुए. लेग ब्रेक बॉलर सुभाष गुप्ते को स्टेप आउट करके मारने की कोशिश में उन्हें विकेटकीपर नरेंद्र तम्हाणे ने स्टंप किया. मकसूद का करियर शतक के बिना ही समाप्त हो गया.
रूसी सुरती : बाएं हाथ के बैटर और बॉलर रूसी सुरती (Rusi Surti) ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में छह शतकों की मदद से 8 हजार से अधिक रन बनाने के अलावा 284 विकेट लिए लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अपनी टेलैंट के अनुरूप सफलता हासिल नहीं कर सके. 26 टेस्ट में 9 हाफ सेंचुरी की मदद से 1263 रन बनाए और 42 विकेट लिए. मार्च 1968 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड टेस्ट की दूसरी पारी में शतक बनाने का मौका था लेकिन 99 रन बनाने के बाद तेज गेंदबाज गैरी बार्लेट के शिकार बन गए. आमतौर पर चौथे और पांचवें क्रम पर बैटिंग करने वाले पारसी क्रिकेटर सुरती टेस्ट क्रिकेट के किसी अर्धशतक को शतक में तब्दील नहीं कर सके.
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मार्टिन मोक्सोन : इंग्लैंड के मार्टिन मोक्सोन (Martyn Moxon) भी उन बैटरों में शामिल हैं जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रनों का अंबार (317 मैचों में 45 शतकों की मदद से 21161रन) लगाने के बावजूद टेस्ट में शतक नहीं लगा सके. उनका इंटरनेशनल करियर 10 टेस्ट और 8 वनडे तक ही सीमित रहा. वर्ष 1985 से 1989 तक इंग्लैंड के लिए खेले मोक्सोन ने टेस्ट का टॉप स्कोर फरवरी 1988 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में बनाया. ओपनर की हैसियत से उतरे मोक्सोंन को 99 रन के स्कोर पर तेज गेंदबाज इवान चेटफील्ड की गेंद पर जैफ क्रो ने कैच किया. टेस्ट में तीन और वनडे में एक अर्धशतक के साथ करियर पर विराम लग गया.
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दीपक पटेल : भारतीय मूल के दीपक पटेल (Dipak Patel) 1987 से 1997 के बीच न्यूजीलैंड के लिए 37 टेस्ट और 75 वनडे खेले. ऑफ ब्रेक बॉलिंग के अलावा उपयोगी बैटर भी थे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 26 शतकों के साथ 15 हजार से अधिक रन बनाए लेकिन टेस्ट में 5 और वनडे में एक अर्धशतक ही बना सके. जनवरी 1992 में इंग्लैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च टेस्ट में 99 के स्कोर पर रन आउट होकर शतक गंवाया. इसके बाद तीन अर्धशतक और बनाए लेकिन किसी को शतक में तब्दील नहीं कर पाए. बिना किसी शतक के इंटरनेशनल करियर खत्म हुआ.
शेन वॉर्न : दाएं हाथ के लेग ब्रेक बॉलर शेन वॉर्न (Shane warne) को विश्व के महानतम स्पिनर्स में शुमार किया जाता है.145 टेस्ट में 708 विकेट हासिल किए. टेस्ट क्रिकेट में वॉर्न से ज्यादा विकेट श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800) के ही नाम पर हैं. 194 वनडे में भी 293 विकेट हासिल किए. निचले क्रम के भी ठीकठाक बैटर वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में 12 और वनडे में एक अर्धशतक लगाया लेकिन टेस्ट में शतक बनाने का अरमान पूरा नहीं हो सका. नवंबर 2001 में न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च टेस्ट में 99 रन पर स्पिनर डेनियल वेटोरी के शिकार बने. इंटरनेशनल क्रिकेट में शतक बनाने की हसरत अधूरी रह गई.
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आसिम कमाल : पाकिस्तान के आसिम कमाल (Asim Kamal) की बैटिंग टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से ‘सूट’ करती थी. विकेट पर लंगर डालकर खेलने के लिए मशहूर थे. मिडिल ऑर्डर के बैटर कमाल के पास डेब्यू टेस्ट में ही शतक बनाकर ‘कमाल’ करने का मौका था लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लाहौर में हुए टेस्ट में 99 रन (246 गेंद, 11 चौके व एक छक्का) बनाने के आंद्रे नेल की गेंद पर बोल्ड हो गए. 12 टेस्ट के करियर में 37.73 के औसत से 717 रन बनाए जिसमें आठ अर्धशतक थे लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट के किसी अर्धशतक को शतक में नहीं बदल सके.
मिचेल स्टॉर्क : टेस्ट क्रिकेट में 99 रन पर आउट होने वाले आखिरी बैटर ऑस्ट्रेलिया के मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) हैं. हालांकि 34 साल के स्टार्क अभी भी इंटरनेशनल क्रिकेट में सक्रिय हैं और उनके पास टेस्ट क्रिकेट के अपने 99 रन के स्कोर को बेहतर करने का मौका है. स्टॉर्क अब तक 89 टेस्ट, 121 वनडे और 60 टी20I खेल चुके हैं, इसमें से टेस्ट में 10 और वनडे में एक हाफ सेंचुरी वे बना चुके हैं. टेस्ट में अपना सर्वोच्च स्कोर (99 रन) उन्होंने मार्च 2013 में भारत के खिलाफ मोहाली में बनाया था लेकिन ईशांत शर्मा की गेंद पर आउट होने के कारण एक रन से शतक चूक गए.
Tags: Cricket, Mitchell Starc, Shane warne, Test cricketFIRST PUBLISHED : May 7, 2024, 07:52 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed