सरकार के खिलाफ PAC के जवानों का विद्रोह BSF ने कहा सेना ने चला दी गोलियां

PAC Agitation: कुंभ में ड्यूटी का पता लगते ही पीएसी के जवान भडक उठे. उन्‍हें लगा कि इस ड्यूटी के जरिए उन्‍हें अपमानित किया जा रहा है. नतीजा यह हुआ कि पीएएसी के जवानों ने विद्रोह कर दिया और सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन करने लगे. इन हिंसक जवानों को काबू करने के लिए पहले सेना और फिर बीएसएफ को बुलाया गया. क्‍या था पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे...

सरकार के खिलाफ PAC के जवानों का विद्रोह BSF ने कहा सेना ने चला दी गोलियां
Revolt of PAC Jawans: कुंभ में ड्यूटी की खबर आते ही उत्‍तर प्रदेश के प्रांतीय सशस्‍त्र बल पीएसी (प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबुलरी) के जवानों का गुस्‍सा दिल-ओ- दिमाग से होते हुए मुंह तक पहुंच गया. जवानों ने अपना गुस्‍सा खुलकर अपने आला अफसरों से बयां करना शुरू किया, लेकिन अफसरों ने हमेशा की तरफ जवानों की बातों को नजरअंदाज कर उन्‍हें ड्यूटी पर ध्‍यान देने का फरमान सुना दिया. लेकिन, इस बार पीएसी के भीतर का माहौल थोड़ा बदला हुआ था. सरकार और अफसरों की बेरुखी से नाराज पीएसी के जवान बगावत पर उतर आए. बगावत की शुरूआत 21 मई 1973 को पीएसी की तीन बटालियन ने मेरठ से की. बागी हुए पीएसी के इन जवानों ने सरकार का कोई भी आदेश मानने से इंकार कर दिया और सड़क पर आकर हिंसक प्रदर्शन करने लगे. जल्‍द ही बरेली और आगरा में तैनात पीएसी के जवान भी इस बगावत में शामिल हो गए. और देखते ही देखते, उसने साथ चली हिंसा की आग को लखनऊ तक पहुंच गई. यह भी पढ़ें: आमने-सामने आए BSF और दिल्‍ली पुलिस, गोली चलाने के लिए तैयार थे जवान, तभी.. 36 घंटे तक मचा रहा ‘गदर’… गृहमंत्री आवास का गेट तोड़ने की कोशिश कर रहे दिल्‍ली पुलिस के जवानों पर बीएसएफ ने अपनी राइफलें तान दी. बीएसएफ के रुख को देख दिल्‍ली पुलिस के जवानों ने पीछे हटने में ही अपनी भलाई समझी. इसके बाद, दिल्‍ली पुलिस के हजारों पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया गया. क्‍या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें. सरकारी इमारतों को पीएसी के जवानों ने किया आग के हवाले साथ ही, हमेशा अनुशासन में रहने वाले जवान अच्‍छी सेलरी, कार्य की बेहतर परिस्थितियों और मान्‍यता की मांग को लेकर इस कदर हिंसक हो गए कि उनके सामने जो आया, उसे फूंकते चले गए. पुलिस स्‍टेशनों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संपत्तियों पर लगातार हमले किए गए और उन्‍हें आग के हवाले कर दिया गया. हालात उस वक्‍त अधिक बिगड़ गए, जब इन जवानों के साथ मिलकर लखनऊ विश्‍वविद्यायल के कुछ छात्र नेताओं ने अपनी राजनीति चमकानी चाही. उस समय, लखनऊ विश्‍वविद्यालय का परिसर एक युद्ध के मैदान में तब्‍दील हो चुका था. विद्रोहियों ने विश्‍वविद्यालय की तमाम इमारतों को आग के हवाले कर दिया था. जगह जगह विद्रोहियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें चल रहीं थीं. हालात अब काबू से बाहर चुके थे. उत्‍तर प्रदेश पुलिस तमाम कोशिशों के बावजूद इन विद्रोही पुलिस कर्मियों पर काबू नहीं पा पा रहे थे. आखिर में, क्रेंद सरकार ने हस्‍तक्षेप करते हुए केंद्रीय बलों को उत्‍तर प्रदेश भेजने का फैसला ले लिया. यह भी पढ़ें: सीमा पार से ‘दुश्‍मन’ को बुला ‘घर’ में दी पनाह, मकसद के खातिर 5 साल किया इंतजार, फिर… फाख्‍ता हुए सभी के होश… जॉनी ने सिर्फ एक लाख रुपए के लिए ‘दुश्‍मन’ को न केवल गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कराई, बल्कि साजिश को अंजाम देने के लिए हर कदम पर उसका साथ दिया. गनीमत रहीं कि वह अपनी साजिश में सफल होता, इससे पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. क्‍या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें. सेना की गोली से हताहत हुए पीएसी के कई विद्रोही जवान गृह मंत्रालय के तरफ से बॉर्डर सिक्‍योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के तत्‍कालीन महानिदेशक केएफ रुस्तमजी को स्थिति संभालने का निर्देश दिया गया. केएफ रुस्‍तमजी के पास उस समय सिर्फ दो ही बटालियन उपलब्‍ध थी, लिहाजा उन्‍होंने गृह मंत्रालय को बताया कि इस काम के लिए सीमा से कम से कम 20 बटालियन हटानी होगी. चूंकि, उस वक्‍त इतना इंतजार नहीं किया जा सकता था, लिहाजा भारतीय सेना को आगे बढ़कर स्थिति से निपटने के लिए कहा गया. सेना के सामने आने के बाद स्थिति सुधरने की जगह बिगड़ने लगीं. हालात यहां तक पहुंच गए कि सेना को कई जगह पर गोलियां चलानी पड़ गईं, जिसमें कुछ विद्रोही जवानों की जान भी चली गई. बिगड़ते हालात को देखते हुए सेना को गोली न चलाने के निर्देश दिए गए. अब तक बीएसएफ की बटालियन्‍स भी उत्‍तर प्रदेश पहुंचने लगी थीं. बीएसएफ ने बेहतर रणनीति के तहत पीएसी की बटालियन को घेरना शुरू किया और विद्रोही जवानों को सरेंडर के लिए मजबूर कर दिया. यह भी पढ़ें: एयरपोर्ट पर स्‍पेशल सिक्‍योरिटी चेक के लिए रहे तैयार, बोर्डिंग से पहले फिर हो सकती है तलाशी, जानें पूरा मामला… अब बोर्डिंग से पहले आपको अपनी जैकेट-सूज निकालने पड़ सकते हैं. ऐसा आपको एसएलपीसी की वजह से करना पड़ेगा. क्‍या है एसएलपीसी और क्‍यों पड़ी इसकी जरूरत, जानने के लिए क्लिक करें. बीएसएफ ने आकर संभाले हालात, विद्रोहियों ने किया सरेंडर गनीमत रही कि बीएसएफ, भारतीय सेना और स्‍थानीय पुलिस के संयुक्‍त प्रयासों के चलते जल्‍द ही स्थिति काबू में आने लगी. कुछ ही दिनों की कोशिश के बाद सुरक्षाबलों ने सभी विद्रोही पीएसी जवानों को सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया. इस ऑपरेशन में बीएसएफ के लेफ्टिनेंट कर्नल आर पी बस्सी ने चतुराई से और बिना हिंसा का सहारा लिए ऑपरेशन पूरा करने के लिए खास तौर पर सराहा गया. Tags: Agra news, BSF, Indian army, Lucknow news, Meerut news, UP news, UP policeFIRST PUBLISHED : December 11, 2024, 13:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed