क्‍या इंदिरा की भूल से करतारपुर हुआ दूर 53 साल बाद मिल गई वापसी की गारंटी

क्या करतारपुर पर पाकिस्तानी कब्जा कांग्रेस की ग़लती है? क्या 1971 में इंदिरा गांधी की एक भूल की वजह से करतारपुर भारत के हाथ से फिसल गया?

क्‍या इंदिरा की भूल से करतारपुर हुआ दूर 53 साल बाद मिल गई वापसी की गारंटी
नई दिल्ली. क्या करतारपुर पर पाकिस्तानी कब्जा कांग्रेस की ग़लती है? क्या 1971 में इंदिरा गांधी की एक भूल की वजह से करतारपुर भारत के हाथ से फिसल गया? ये सवाल इसलिए क्योंकि कल ही पीएम नरेंद्र मोदी ने सिखों की आस्था के केंद्र करतारपुर साहिब पर बड़ी बात कही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल पटियाला में पार्टी उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर के पक्ष में चुनावी सभा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 1971 में अगर वो सत्ता में होते तो करतारपुर कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हो पाता. करतारपुर साहिब का महत्व इसलिए है क्योंकि गुरु नानकदेव जी ने अपने जीवन के अंतिम 16 साल यहां बिताए थे. दिसंबर 1971 में 13 दिनों तक पाकिस्तान के साथ जंग चली थी, जिसमें पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था. उसमें 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया था. पाकिस्तानी जनरल नियाजी ने सरेंडर पत्र पर हस्ताक्षर किए थे. बांग्लादेश के जन्म के साथ ही पाकिस्तानी सैनिकों की रिहाई हो गई. 1972 में इंदिरा गांधी के साथ पाकिस्तान का शिमला समझौता हुआ. मगर उसमें करतारपुर साहिब को लेकर कोई बात नहीं हुई. जबकि 1947 में बंटवारे के बाद करतारपुर पाकिस्तान का हिस्सा बन गया था. उसे हासिल किया जा सकता था. नवंबर 2019 से पहले दूरबीन के जरिये करतारपुर के दर्शन होते थे. 2019 में कॉरिडोर खोलने पर भारत-पाकिस्तान में सहमति बनी. बिना वीजा के रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं के जाने पर सहमति बनी. करतारपुर साहिब सिख समुदाय की भावनाओं से जुड़ा है. अभी भी सिख समुदाय में बड़ा वर्ग ये चाहता है कि उनकी आस्था का केंद्र करतारपुर भारत में होना चाहिए था. इसी का जिक्र पीएम मोदी ने किया था. पुणे हिट एंड रन के ‘शहजादे’ पर मेहरबानी, सबूत मिटाने की फिराक में पुलिसवाले, कमिश्नर ने कहा- आपके 3 करतूत… डिफेंस एक्सपर्ट मानते हैं कि यही वो वक्त था जब भारत ने कूटनीतिक भूल कर दी थी. इस समझौते में भारत ने ऐसी शर्त नहीं रखी, जिससे पाकिस्तान कमजोर हो. इसी का जिक्र पीएम मोदी ने किया और कहा कि अगर 1971 के युद्ध में विजयी होने के बाद तत्कालीन कांग्रेस की सरकार पाकिस्तान पर दबाव डालती तो करतारपुर साहिब भारत का हिस्सा होता. सरेंडर की हालत में पाकिस्तान के पास शर्त मानने के सिवा और कोई रास्ता नहीं था. Tags: Kartarpur Corridor, Kartarpur Sahib, Pm narendra modi, PM Narendra Modi NewsFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 22:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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