धर्म संसद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को 2 सितंबर तक समर्पण करने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण से जुड़े हरिद्वार धर्म संसद मामले के आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी को सोमवार को दो सितंबर तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. पहले वसीम रिजवी के नाम से जाने जाने वाले त्यागी फिलहाल चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने चिकित्सकीय आधार पर पहले दी गई जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया.

धर्म संसद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को 2 सितंबर तक समर्पण करने का निर्देश दिया
हाइलाइट्सहरिद्वार धर्म संसद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई किया. आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी को सुप्रीम कोर्ट ने 2 सितंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया है. पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक हिंदू संतों द्वारा हरिद्वार में मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने की बात कही गई थी. नई दिल्ली.  सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण से जुड़े हरिद्वार धर्म संसद मामले के आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी को सोमवार को दो सितंबर तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया. पहले वसीम रिजवी के नाम से जाने जाने वाले त्यागी फिलहाल चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं. न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने चिकित्सकीय आधार पर पहले दी गई जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि वह त्यागी द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर नौ सितंबर को विचार करेगी. पीठ ने त्यागी के वकील से कहा, ‘उन्हें राहत देने का कोई कारण नहीं है. उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं. उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कहें.’ शीर्ष अदालत ने 17 मई को त्यागी को चिकित्सकीय आधार पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दी थी और उन्हें यह हलफनामा देने का निर्देश दिया था कि वह कोई घृणा भाषण नहीं देंगे तथा न ही इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल या सोशल मीडिया पर कोई बयान देंगे. इस साल मार्च में उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद त्यागी ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. ज्वालापुर-हरिद्वार निवासी नदीम अली की शिकायत पर इस साल दो जनवरी को हरिद्वार कोतवाली में त्यागी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पिछले साल 17 से 19 दिसंबर तक हिंदू संतों द्वारा हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में शामिल लोगों ने मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी बातें कहीं. अली ने अपनी शिकायत में कहा था कि कुरान और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भी आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया तथा ये भड़काऊ बयान बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. उन्होंने आरोप लगाया था कि ये वीडियो त्यागी, यति नरसिंहानंद और अन्य लोगों द्वारा प्रसारित किए गए. अली की शिकायत पर नरसिंहानंद गिरि, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण के साथ ही स्वामी प्रबोधानंद गिरि और जितेंद्र नारायण पर घृणा भाषण देने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Haridwar Assembly, Supreme court of indiaFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 20:03 IST