ऑल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार करने की नौबत क्यों आई दिल्ली पुलिस ने बताया
ऑल्ट न्यूज के मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार करने की नौबत क्यों आई दिल्ली पुलिस ने बताया
Mohammed Zubair arrested: दिल्ली पुलिस ने फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को आईपीसी की धारा 153ए और 295ए के तहत दर्ज केस में गिरफ्तार किया है. पुलिस के सीनियर अधिकारी का दावा है कि जुबैर जांच के दौरान सवालों से बच रहे थे. उन्होंने न तो जांच के लिए जरूरी तकनीकी उपकरण मुहैया कराए और न ही जांच में सहयोग किया. इसके बाद उन्हें कस्टडी में लेना पड़ा.
नई दिल्लीः फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें रात को ही ड्यूटी मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से एक दिन की पुलिस हिरासत में स्पेशल सेल के हवाले कर दिया गया. अब दिल्ली पुलिस ने बताया है कि जुबैर की गिरफ्तारी की नौबत क्यों आई. दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, मोहम्मद जुबैर पुलिस जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और सवालों के जवाब देने से बच रहे थे. उन्होंने जांच के लिए तकनीकी उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराए. इसकी वजह से उन्हें पूछताछ के लिए कस्टडी में लेना पड़ा.
दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना) के तहत मामला दर्ज किया था. इसके बाद जुबैर को गिरफ्तार करके देर रात पटियाला हाउस कोर्ट के ड्यूटी मजिस्ट्रेट अजय नरवाल के बुराड़ी स्थित आवास पर पेश किया गया. जुबैर की तरफ से एडवोकेट सौतिक बनर्जी और कवलप्रीत ने कोर्ट के सामने आरोप लगाया कि ये एफआईआर जिस ट्वीट के आधार पर दर्ज की गई है, वह चार साल पुराना है. ऐसे में साफ है कि ये कार्रवाई बदले की भावना से की गई है. जुबैर के वकीलों ने आगे तर्क दिया कि वैसे भी इस मामले पर कार्रवाई करने की समयसीमा गुजर चुकी है. धारा 153ए और 295ए लगाने के पीछे कोई सामग्री नहीं दिखाई गई है. इसके अलावा सीआरपीसी की धारा 41ए के नोटिस देने की प्रक्रिया का भी उल्लंघन किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने इस साल जून में एक ट्विटर हैंडल से शिकायत मिलने के बाद जुबैर के खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तारी की है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जुबैर ने जानबूझकर धार्मिक भावनाओं का अपमान करने के इरादे से एक संदिग्ध तस्वीर ट्वीट की थी. पुलिस ने कहा कि इस तरह के ट्वीट्स को बार-बार रीट्वीट किया जा रहा था. ऐसा लग रहा था कि सोशल मीडिया यूजर्स की एक ब्रिगेड जानबूझकर अपमान करने के प्रोपेगैंडा में शामिल है. इसकी वजह से सांप्रदायिक सद्भाव प्रभावित होने और अमन चैन बनाए रखने की कोशिशों को खतरा हो गया था. पुलिस ने आगे कहा कि मामले की जांच के दौरान एक स्टेटस रिपोर्ट दी गई थी, जिसमें मोहम्मद जुबैर के ट्वीट को आपत्तिजनक नहीं पाया गया था. हालांकि उनके ट्वीट के बाद जो ट्वीट हुए, उनसे संदिग्ध और अपमानजनक ट्वीट्स की झड़ी लग गई. पुलिस ने बताया कि एफआईआर नंबर 194/20 की जांच के दौरान जुबैर से पहले पूछताछ की गई थी. वो जांच अब पूरी होने वाली है.
स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट के सीनियर अधिकारियों के अनुसार, जून में एक ट्विटर हैंडल से दिल्ली पुलिस को सतर्क किया गया था कि मोहम्मद जुबैर ने पहले एक आपत्तिजनक ट्वीट किया था, जिसे उनके फॉलोअर्स और अन्य यूजर्स ने फॉरवर्ड करते हुए फैलाया. इसकी वजह से डिबेट और नफरती ट्वीट्स की सीरीज शुरू हो गई. अधिकारियों ने बताया कि जुबैर से इस मामले में आईपीसी की धारा 153ए और 295ए के तहत दर्ज केस में पूछताछ की गई तो उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई.
पुलिस के मुताबिक, वह सवालों से बचते रहे. उन्होंने न तो जांच के लिए जरूरी तकनीकी उपकरण मुहैया कराए और न ही जांच में सहयोग किया. पुलिस ने यह भी कहा कि मोहम्मद जुबैर का आचरण संदिग्ध पाया गया था. जिसकी वजह से इस मामले में साजिश को उजागर करने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत महसूस हुई. इसी के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
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Tags: Delhi, Delhi policeFIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 13:45 IST