50 सालों में पहली बार जमीन से निकला चक्रवाती तूफान गुजरात में आएगा जलजला

1891 के बाद से अब तक चार मौके पर साइक्लोन आसना जैसे चक्रवाती तूफान आ चुके हैं. दरअसल, इसकी बात इसलिए हो रही है कि यह साइक्लोन भू-भाग (जमीन) पर उपजा और उसके बाद समुंद्र की ओर बढ़ा, लेकिन चक्रवाती तूफान के साथ इसके उलट होता है. आसना से पहला 1944, 1964 और 1976 में आया था.

50 सालों में पहली बार जमीन से निकला चक्रवाती तूफान गुजरात में आएगा जलजला
अहमदाबाद. गुजरात में पिछले कई दिनों से मूसलाधार बारिश की वजह से आसमान से आफत बरस रही है. मानों राज्य में जल प्रलय आ गई हो, बाढ़ की वजह से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. लेकिन, आईएमडी ने शुक्रवार को बताया की कच्छ की खाड़ी में जमीन वाले भाग के पास एक साइक्लोन के उत्पन्न होने की जानकारी दी. इस साइक्लोन/चक्रवात का नाम आसना (ASNA) रखा है. इसका नाम पाकिस्तान ने दिया है. लगभग 49 साल के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि कोई साइक्लोन तटीय इलाकों में डेवलप होकर समुद्र की ओर बढ़ा है. मौसम विभाग ने बताया कि इस साइक्लोन से कोई खतरा नहीं है. वह तट से समुद्र की ओर बढ़ गया है. आईएमडी के अनुसार साइक्लोन आसना से पहले और वर्ष 1891 और 2023 के बीच अगस्त के दौरान अरब सागर में ऐसे केवल तीन (1944, 1964 और 1976) साइक्लोनी तूफान आए. आखिरी बार ऐसा साइक्लोन 1976 में ओडिशा की तट उत्पन्न हुआ था. जो पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और अरब सागर में प्रवेश कर गया. 1944 में आया साइक्लोन अरब सागर के तट का पास काफी तबाही लाया था. वहीं, 1964 में आया साइक्लोन गुजरात के तट पर जेवलप हुआ और वहीं पर खत्म हो गया था. दुर्लभ घटना अहमदाबाद में आईएमडी के वैज्ञानिक और हेड अशोक कुमार दास ने इस घटना की दुर्लभता के बारे में बाताया है. उन्होंने कहा, ‘यह एक दुर्लभ घटना है. पिछली बार ऐसा कुछ 1976 में हुआ था, जब ज़मीन पर एक दबाव बना, साइक्लोन में बदल गया और फिर समुद्र की ओर बढ़ गया. आमतौर पर, यह इसके विपरीत होता है.’ तट से दूर जा रहा है आईएमडी ने बताया कि गुजरात के कच्छ के पास और पाकिस्तान तथा पूर्वोत्तर अरब सागर के आसपास के क्षेत्रों के ऊपर बना ‘गहरे दबाव’ की वजह से बना साइक्लोन पश्चिम की ओर 6 km/hr की स्पीड से अरब सागर में चला गया है. इस साइक्लोन आसना का नाम पाकिस्तान ने दिया था. यह अगले दो दिनों तक भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर लगभग पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का माहौल डिप डिप्रेशन एक कम दबाव की स्थिति है जिसमें हवा की गति 52 किमी प्रति घंटे से 61 किमी प्रति घंटे तक होती है, जबकि साइक्लोन में हवा की गति 63 किमी प्रति घंटे और 87 किमी प्रति घंटे के बीच होती है. किसी कम दबाव प्रणाली के साइक्लोन में बदलने के लिए समुद्र की सतह का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक होना आवश्यक है. अगर देखा जाए तो बंगाल की खाड़ी में समुद्र की सतह का तापमान 28-30 डिग्री सेल्सियस है. अरब सागर में यह लगभग 27-28 डिग्री सेल्सियस है. यानी कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में साइक्लोन के लिए आदर्श परिस्थिति बनी हुई है. (PTI इनपुट) Tags: Cyclone updates, IMD forecastFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 09:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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