उम्मीदवारों को मतदाता सूची भेजने पर चुनाव आयोग के करोड़ों खर्च याचिका दाखिल होते ही सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
उम्मीदवारों को मतदाता सूची भेजने पर चुनाव आयोग के करोड़ों खर्च याचिका दाखिल होते ही सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
Election candidate voter list expenses: सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियमावली 1960 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य से जवाब मांगा है. इन नियमों के तहत निर्वाचन आयोग चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को मतदाता सूची की दो प्रतियां प्रदान करने के लिए बाध्य होता है. इस पर करोड़ों रुपए व्यय होता है.
हाइलाइट्सपिछले चुनाव में निर्वाचन आयोग ने 47,84,38,000 रुपये किए खर्चभारी भरकम खर्च और बड़ी मात्रा में कागज के उपयोग से बचने विकल्प तैयार करें
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियमावली 1960 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और अन्य से जवाब मांगा है. इन नियमों के तहत निर्वाचन आयोग चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को मतदाता सूची की दो प्रतियां प्रदान करने के लिए बाध्य होता है.
दो अधिवक्ताओं की ओर से दाखिल जनहित याचिका में भारी भरकम खर्च और बड़ी मात्रा में कागज के उपयोग से बचने के लिए एक विकल्प पेश करने की मांग भी गई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि मतदाता सूची की छपाई और इन्हें चुनाव लड़ रहे मान्यता प्राप्त दलों के उम्मीदवारों तक पहुंचाने के लिए देश को लगभग 47,84 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ा है.
पिछले चुनाव में निर्वाचन आयोग ने 47,84,38,000 रुपये किए खर्च
प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियमावली 1960 के नियम 11 ‘सी’ और 22 ‘सी’ को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र व मुख्य निर्वाचन आयुक्त को नोटिस जारी किया है. पीठ ने कहा, ‘इन नियमों की शर्तों के अनुसार निर्वाचन आयोग चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार को मतदाता सूची की दो प्रतियां प्रदान करने के लिए बाध्य है, जिन्हें नियमों के अनुसार एक प्रतीक के तौर सौंपा जाता है. साथ ही इन नियमों के पर चलते हुए पिछले चुनाव में निर्वाचन आयोग ने 47,84,38,000 रुपये खर्च किए थे.’
भारी भरकम खर्च और बड़ी मात्रा में कागज के उपयोग से बचने विकल्प तैयार करें
पीठ ने कहा- ‘इसलिए इन नियमों की वैधता को चुनौती दी गई है और अन्य बातों के साथ साथ यह भी कहा गया है कि भारी भरकम खर्च के साथ साथ बड़ी मात्रा में कागज के उपयोग से बचने के लिए एक विकल्प तैयार किया जाए. मामले पर 28 नवंबर 2022 को सुनवाई होगी. शीर्ष अदालत अधिवक्ता हरज्ञान सिंह गहलोत और संजना गहलोत की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियमावली 1960 के नियम 11 ‘सी’ और 22 ‘सी’ को चुनौती दी गई है.
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Tags: Election commission, New Delhi news, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : October 25, 2022, 16:10 IST