जम्मू-कश्मीर में नए युग की शुरुआत बाहरी राज्यों के विद्यार्थी भी कर सकेगें डॉक्टरी की पढाई
जम्मू-कश्मीर में नए युग की शुरुआत बाहरी राज्यों के विद्यार्थी भी कर सकेगें डॉक्टरी की पढाई
Medical Course Admission In Jammu and Kashmir: धारा 370 होने के चलते पहले जम्मू कश्मीर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 15 और पीजी में 50 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटे में नहीं देते थे, इस कारण यहां के मेडिकल कॉलेजो में दूसरे राज्यों के विद्यार्थी पढाई नहीं कर सकते थे.
जम्मू-कश्मीर. जम्मू-कश्मीर अब एक नए आयाम की ओर बढ़ता जा रहा है. ताजा घटनाक्रम मेडिकल की पढाई को लेकर है. दरअसल जम्मू-कश्मीर में अब बाहरी राज्यों के विद्यार्थी भी डॉक्टरी की पढ़ाई कर सकेंगे. धारा 370 हटने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है. जम्मू कशमीर में मेडिकल कॉलेजों में अब देश भर से विद्यार्थी दाखिला ले सकेगें और एमबीबीएस, एमडी, डीएनबी कोर्स कर डॉक्टर बन सकेगें. सरकार के इस फैसले से स्थानीय डॉक्टर तो खुश हैं हीं वो युवा जो डॉक्टीर की पढाई कर रहे हैं वो काफी ऊत्साहित हैं.
जम्मू-कशमीर के राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू और अन्य कॉलेजों में अब बाहरी राज्यों के विद्यार्थी दाखिला ले रहे हैं. पहली बार यहां के कॉलेजों में एमबीबीएस, पीजी,और डीएनबी के दाखिले शुरु हो चुके हैं. 150 सीटें एमबीबीएस, डीएनबी की 44 सीटें और 200 पीजी की सीटों पर छात्र पढाई करेगें. सेवानिवृत डाक्टर ओपी शर्मा ने बताया कि सरकार का ये कदम बहुत सराहनीय है. इससे हमारे यहां के छात्रों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा साथ ही हमें एक-दूसरे राज्य की संस्कृति को भी जानने का अवसर मिलेगा. डॉक्टर शर्मा ने कहा कि धारा 370 हटने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू कशमीर को एक अलग पहचान दे दी है.
विकास की बात करें तो यहां पर इतने दशकों के बाद आधिकांश इलाके सड़क मार्ग से जुड़ गए हैं और कई प्रोजेक्ट जो वर्षो से लबिंत पढे थे बह अब पूरा होने लगे हैं. धारा 370 होने के चलते पहले जम्मू कश्मीर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 15 और पीजी में 50 प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटे में नहीं देते थे. इस कारण न तो यहां के मेडिकल कॉलेजो में दूसरे राज्यों के विद्यार्थी पढाई कर सकते थे. धारा 370 हटने के बाद भी अखिल भारतीय कोटे में सीटें शामिल करने का विरोध होता रहा लेकिन इस बार जम्मू कश्मीर सरकार ने सीटें शामिल करने को हरी झंडी दे दी है.
अब ये पहला मौका होगा कि जम्मू कशमीर में डॉक्टरी की पढाई करने का मौका बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों को मिलेगा. आंकड़ों के अनुसार जम्मू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 180 सीटों में से 27 पर बाहरी राज्यों के छात्र पढाई करेंगे. पीजी की 198 सीटों में से 99 सीटों पर बाहरी राज्यों के छात्र पढाई करेगें. श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में भी यही स्थिति होग. अन्य मेडकिल कॉलेजो जिसमें कठुआ मेडिकल कॉलेज, राजौरी मेडिकल कॉलेज, डोडा, बारामुला और अनंतनाग मेडिकल कॉलेज हैं में 15-15 छात्र बाहरी राज्यों को होगें. डाक्टर गौरव महाजन ( सर्जन) ने न्यूज 18 को बताया कि ये एक अच्छा कदम है कि अब बाहरी राज्यों के छात्र यहा पर डॉक्टरी की पढाई करेंगे.
इस पूरे मामले पर भाजपा नेता एवं जम्मू कशमीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री डा निर्मल सिंह ने न्यूज 18 को बताया कि मोदी सरकार जम्मू-कशमीर में एक विजन लेकर काम कर रही है ताकि सभी का विकास एक समान हो. जो पहले की सरकारों ने यहां पर कुछ लोगों को नजरअदांज किया था अब ऊनके दिन भी बदलने लगे हैं. दूरदराज के रहने बाले युवाओं को नई नई योजनाओ के साथ जोड़ा जा रहा है, वहीं मेडिकल कॉलेजों में अब बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों के आने से काफी कुछ बदलेगा. छात्र एक दूसरे को जानेगें और पढाई करेगें. ये सब मोदी सरकार के कार्यकाल मे ही सभंव हो पाया है.
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Tags: Jammu and kashmir, Jammu and kashmir breaking news, Jammu kashmir news, Medical StudentsFIRST PUBLISHED : October 29, 2022, 14:01 IST