सत्येंद्र जैन मामले में LNJP अस्पताल प्रशासन क्यों सवालों के घेरे में ED का आरोप- मशीन बंद हाथ में कैनुला नहीं और पत्नी कमरे में कैसे थीं मौजूद
सत्येंद्र जैन मामले में LNJP अस्पताल प्रशासन क्यों सवालों के घेरे में ED का आरोप- मशीन बंद हाथ में कैनुला नहीं और पत्नी कमरे में कैसे थीं मौजूद
ईडी (ED) ने अपनी याचिका में अदालत से कहा है कि एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) दिल्ली सरकार के कंट्रोल में आता है. इसलिए ऐसी संभावना है कि सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) के मेडिकल रिपोर्ट में छेड़छाड़ की जाए. कोरोना काल के शुरुआती दिनों में साल 2020 में इस अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर के तौर पर डॉ सुरेश कुमार (Dr Suresh Kumar) की नियुक्ति हुई थी. जैन उस समय दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे.
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार के अधीन आने वाला लोक नायक अस्पताल (LNJP) एक बार फिर से चर्चा में है. इस बार अस्पताल प्रशासन पर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (ED) ने बड़ा सवाल खड़ा किया है. बीते मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाई कोर्ट (High Court) से अनुरोध किया है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की चिकित्सा जांच दिल्ली सरकार के अधीन लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के बजाए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), राम मनोहर लोहिया (RML) या सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में कराई जाए. ईडी ने आशंका जताई है कि एलएनजेपी अस्पताल में बनाई गई रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ संभव है.
ईडी ने अपनी याचिका में अदालत से कहा है कि एलएनजेपी अस्पताल दिल्ली सरकार के कंट्रोल में आता है. इसलिए ऐसी संभावना है कि जैन के मेडिकल रिपोर्ट में छेड़छाड़ की जाए. बता दें कि यह अस्पताल दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल है. कोरोना काल में इस अस्पताल को कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था. कोरोना काल में ही इस अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर के तौर पर डॉ सुरेश कुमार की नियुक्ति हुई थी. जैन उस समय दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे. जैन के स्वास्थ्य मंत्री रहते इस अस्पताल में कई तरह के बदलाव किए गए थे. अब ईडी ने अदालत से आग्रह किया है कि जैन को एलएनजेपी अस्पताल प्रशासन बीमारी के नाम पर बार-बार भर्ती कर न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डाल रही है.
ईडी ने अदालत से जैन का इलाज दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों में से किसी एक अस्पताल में कराने की अर्जी लगा दी है.
एलएनजेपी अस्पताल प्रशासन क्यों है सवालों के घेरे में?
गौरतलब है कि न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद जैन अब तक दो बार एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हुए हैं. जैन को सबसे पहले जीबी पंत अस्पताल में भर्ती के लिए लाया गया था, लेकिन पंत में किसी कारण भर्ती नहीं किया जा सका. एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने पहली बार जैन को मेडिसिन वार्ड में भर्ती किया था, उस समय जैन को कमर दर्द की शिकायत थी.
क्यों जैन बार-बार एलएनजेपी में भर्ती होते हैं?
मेडिसिन वार्ड में कुछ दिनों तक भर्ती रहने के बाद जैन को डिस्चार्ज कर दिया गया था. डिस्चार्ज होने के कुछ ही दिनों के बाद जैन एक बार फिर से एलएनजेपी अस्पताल लाए गए. इस बार अस्पताल प्रशासन ने जैन को न्यूरो वार्ड में भर्ती किया. ईडी सूत्रों की मानें तो अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने अपने प्रभाव के दम पर जुनियर डॉक्टरों से इलाज करा कर जैन को न्यूरो वार्ड में भर्ती करवाया. इसके साथ ही डॉ सुरेश कुमार जैन का इलाज सीनियर डॉक्टरों से न कर जूनियर डॉक्टरों से करा रहे हैं ताकि मेडिकल रिपोर्ट को प्रभावित किया जा सके.
एलएनजेपी अस्पताल जांच एजेंसियों के रडार पर आ गई है.
जैन को किस तरह सुविधा मिल रही है?
इस बात की भनक जैसी ही जांच एजेंसी को लगी तो ईडी जैन का इलाज किसी दूसरे अस्पताल में कराने का फैसला किया. मंगलवार को ईडी ने अदालत से जैन का इलाज दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों में से किसी एक अस्पताल में कराने की अर्जी लगा दी है. ईडी की यह याचिका मंगलवार को न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई, लेकिन इस पर फिलहाल अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी है.
ईडी ने अदालत का रुख क्यों किया?
आपको बता दें कि जांच एजेंसी ने अदालत में दावा किया है कि कुछ दिन पहले मामले के जांच अधिकारी (आईओ) एलएनजेपी अस्पताल गए थे तो उन्होंने पाया कि जैन मरीज के बिस्तर पर सो रहे थे, लेकिन उनके हाथ में कोई कैनुला नहीं थी. साथ ही मरीज के स्वास्थ्य की निगरानी करने वाली मशीन भी बंद थी. जैन की पत्नी भी उस समय उनके साथ थी. ईडी सूत्रों की मानें तो जैन मोबाइल पर आराम से बात कर रहे थे.
दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को आक्सीजन के स्तर में कमी की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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ईडी ने एलएनजेपी अस्पताल पर कई तरह के आरोप लगाए हैं. यह अस्पताल पहले से भी सीबीआई के रडार पर है. कोरोना काल में करोड़ों रुपये की वेंटिलेटर सहित कई तरह के उपकरणों की खरीद को लेकर अस्पताल प्रशासन की भूमिका की जांच चल रही है. रामलीला मैदान में कोविड उपकरणों की खरीद, कोरोना काल में अस्पताल में हुई नुयिक्तियों और घटिया खाना देने सहित कई मामलों को लेकर एजेंसी ने अस्पताल प्रशासन से रिपोर्ट तलब किया है.
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Tags: CBI investigation, DELHI HIGH COURT, Directorate of Enforcement, ED, LNJP Hospital, Satyendra jainFIRST PUBLISHED : July 27, 2022, 13:00 IST