जवाब तैयार लेकिनसिसोदिया की बेल पर चल रही थी सुनवाईED ने चली ऐसी चाल कि
जवाब तैयार लेकिनसिसोदिया की बेल पर चल रही थी सुनवाईED ने चली ऐसी चाल कि
manish sisodia bail big news:सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एएसजी के जवाब पर आपत्ति जताई कहा कि इनका जवाब चौंकाने वाला है. ईडी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. सोमवार 5 अगस्त तक मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ईडी ने जो दलील दी उसके बाद कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त तक टाल दी है.
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी.आर.गवई और जस्टिस के.वी विश्वनाथन की बेंच ने की. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि हमारा जवाब तैयार है लेकिन उसमें कुछ प्रारंभिक आपत्तियां हैं. उसे सुधार करना है. सिसोदिया की सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली दूसरी याचिका है. उसी आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती है.
सिंघवी ने दी क्या दलीलें?
सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एएसजी के जवाब पर आपत्ति जताई कहा कि इनका जवाब चौंकाने वाला है. ईडी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. सोमवार 5 अगस्त तक मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है. दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह कहते हुए जमानत मांगी है कि वह 16 महीने से हिरासत में हैं और पिछले साल अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा था.
सिसोदिया ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में अपनी जमानत याचिकाओं को फिर से शुरू करने की मांग करते हुए एक आवेदन भी दायर किया है. आप नेता को अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने उन्हें पिछले साल 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से उपजे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. उन्होंने पिछले साल 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में क्या कहा था?
सिसोदिया की याचिका में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश हुए लॉ ऑफिसर ने 4 जून को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि मुख्य आबकारी नीति मामले और संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में क्रमशः आरोप पत्र और अभियोजन शिकायत 3 जुलाई को या उससे पहले दायर की जाएगी. अभियोजन शिकायत ईडी के लिए आरोप पत्र के समकक्ष है. 4 जून को शीर्ष अदालत ने दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था. इसने कहा था कि ईडी और सीबीआई द्वारा इन मामलों में क्रमशः अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दायर करने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाओं को फिर से दाखिल कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस तरह की जमानत याचिका दायर होने की स्थिति में, उस पर उसके गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा, जैसा कि इस अदालत ने 30 अक्टूबर, 2023 के अपने आदेश में पहले ही कहा है.
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है जमानत याचिका
सिसोदिया ने इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के 21 मई के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था. उन्होंने हाईकोर्ट में एक ट्रायल कोर्ट के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें दोनों मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था. पिछले साल 30 अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने उन्हें दोनों मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि थोक शराब डीलरों को 338 करोड़ रुपये के ‘अप्रत्याशित लाभ’ के आरोप को सबूतों द्वारा “अस्थायी रूप से समर्थित” किया गया था.
नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए, शीर्ष अदालत ने सिसोदिया को परिस्थितियों में बदलाव होने या मुकदमे के लंबे समय तक चलने पर राहत के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता दी थी.
Tags: Abhishek Manu Singhvi, Delhi liquor scam, Manish sisodiaFIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 16:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed