दिल्ली विधानसभा में मनीष सिसोदिया बोले हमारी सैलरी मार्केट वेल्यू के हिसाब से नहीं हो सकती लेकिन
दिल्ली विधानसभा में मनीष सिसोदिया बोले हमारी सैलरी मार्केट वेल्यू के हिसाब से नहीं हो सकती लेकिन
Delhi MLA Salary: मनीष सिसोदिया ने विधानसभा को बताया कि सैलरी को लेकर विशेष रवि की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी, जिसने देशभर के विधायकों की सैलरी का अध्ययन किया. इन्होंने बहुत बैलेंस्ड रिपोर्ट दी, लेकिन दुर्भाग्य मानिए कि 7 साल कमेटी की रिपोर्ट यहां से केंद्र तक घूमती रही. यह प्रपोजल पहली बार 2015 में पास हुआ था.
दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय मानसून सत्र के पहले दिन दिल्ली में मंत्रियों, विधायकों, चीफ व्हिप, स्पीकर/डिप्टी स्पीकर और LOP के लिए वेतन संशोधन विधयेक दिल्ली विधानसभा से पास हुआ. इस विधेयक पर बहस के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक कहावत है, उतना ही पैर उतने ही फैलाइए जितनी लम्बी चादर हो और मैं इस कहावत का विरोधी रहा हूं. आदमी को यह नहीं पढ़ाया जाना चाहिए, बल्कि यह पढ़ाया जाना चाहिए कि जरूरत से ज्यादा लम्बी चादर ले लो. मुझे लगता है कि उतनी सैलरी होनी चाहिए जितने की जरूरत हो. विधायक की सैलरी 12 हजार रुपए है, यह मजाक सा लगता है. सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान दिल्ली विधानसभा में विधायकों की सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसका समर्थन बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी किया.
मनीष सिसोदिया ने विधानसभा को बताया कि सैलरी को लेकर विशेष रवि की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी, जिसने देशभर के विधायकों की सैलरी का अध्ययन किया. इन्होंने बहुत बैलेंस्ड रिपोर्ट दी, लेकिन दुर्भाग्य मानिए कि 7 साल कमेटी की रिपोर्ट यहां से केंद्र तक घूमती रही. यह प्रपोजल पहली बार 2015 में पास हुआ, प्रस्ताव था सैलरी को 50 हजार करने का और उसी समय अखबारों में खबर छप गई कि दिल्ली के विधायकों की सैलरी 400 परसेंट बढ़ गई, लेकिन अब जबकि केंद्र ने 12 हजार से 30 हजार की बढ़ोतरी का प्रस्ताव मान लिया है. अभी के संदर्भ में हम इसे अच्छा ही कहेंगे. हम कॉरपोरेट में नहीं है और हमारी सैलरी मार्केट वेल्यू के हिसाब से नहीं हो सकती, लेकिन समाज सेवा के लिए पर्याप्त सैलरी होनी चाहिए. अमेरिका जैसे विदेशों में सैलरी देखिए, वो दुनियाभर से टैलेंट को अपने पास लाते हैं. हमारी सैलरी कॉरपोरेट के प्रॉफिट से नहीं आती है, जनता के टैक्स के पैसे से आती है, इसलिए हमें संतुष्ट होना चाहिए और जनता का इसके लिए धन्यवाद करना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने किया वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि 2015 में विधायकों की सैलरी बढ़ाने की बात जब आई थी तब मीडिया ने पूछा क्या राय है तो मैंने कहा था कि ये होना चाहिए. मैं प्रस्ताव का समर्थन करता हूं. दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि 1993 से जब से दिल्ली विधानसभा का गठन हुआ तब से 2011 तक 18 साल में 5 बार सैलेरी बढ़ी. यानी हर साढ़े तीन साल में विधायकों की सैलरी बढ़ी लेकिन अब 11 साल बाद बढ़ रही है.
दूसरे राज्यों की तुलना दिल्ली में कई गुना ज्यादा खर्च हैं: आप विधायक संजीव झा
आप विधायक संजीव झा ने कहा कि 2015 में हमने सैलरी-भत्ते में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन उस प्रस्ताव के अनुरूप नहीं बढ़ोतरी हुई. दूसरे राज्यों का देखें, तो तेलंगाना में 2.50 लाख, यूपी में 2.10 लाख और उत्तराखंड में 2.04 लाख विधायकों को वेतन-भत्ते मिलते हैं. दिल्ली में इन राज्यों की तुलना में कई गुना ज्यादा खर्च है. उसी खर्च के हिसाब से प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन जैसा दिल्ली के साथ होता रहा है, यह प्रस्ताव केंद्र की राजनीति की भेंट चढ़ गया. विधायकों को गाड़ी खरीदने पर 11 परसेंट इंटरेस्ट देना पड़ता है, जबकि मार्केट में सामान्य इंटरेस्ट रेट 6-7 परसेंट है. हम चाहते हैं कि इस इंटरेस्ट रेट को खत्म कर दिया जाए.
सैलरी ज्यादा होगी तो नहीं होगा भ्रष्टाचार: सौरभ भारद्वाज
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली पुलिस की भी सैलरी बढ़नी चाहिए उनमें भ्रष्टाचार ज्यादा है. सैलरी अच्छी होगी तो वे भ्रष्टाचार नहीं करेंगे वहीं उन्होंने कहा कि इटली में पीएम की सैलरी 8 लाख 69 हज़ार सैलरी मिलती है. पीएम का जिक्र सादगी के लिए आता है. लेकिन उसको भूखा नहीं मारा जाता. नीदरलैंड में पीएम की फ़ोटो चलती है वो इलेक्ट्रिक साईकल से चलते हैं. लेकिन वहां सैलरी अच्छी है. हमारी तरह ढोंग पर वे लोग विश्वास नहीं करते, मूल्य पर काम करते हैं.
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Tags: Arvind kejriwal, Delhi news, Manish sisodiaFIRST PUBLISHED : July 04, 2022, 14:46 IST