SC के फैसले की आख‍िरी लाइन केजरीवाल को अंतर‍िम जमानत तो म‍िल गई पर

Arvind Kejriwal Interim Bail:सुप्रीम कोर्ट ने अरव‍िंद केजरीवाल को जमानत देते हुए ईडी को कहा क‍ि जो तथ्य आरोपी के पक्ष में जाते है, उन पर भी जांच अधिकारी को गौर करना चाहिए. PMLA के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी के अधिकार का इस्तेमाल अधिकारी अपनी मनमर्जी के मुताबिक नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईडी की ओर से दर्ज केस और गिरफ्तारी के आकंड़ों से ये सवाल उठता है कि क्या गिरफ्तारी को लेकर ईडी की कोई अपनी पॉलिसी भी है.

SC के फैसले की आख‍िरी लाइन केजरीवाल को अंतर‍िम जमानत तो म‍िल गई पर
नई द‍िल्‍ली. अरव‍िंद केजरीवाल को भले की सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राहत म‍िलती द‍िख रही हो. पर सुप्रीम कोर्ट के 64 पन्‍नों के फैसले की एक लाइन आने वाले समय में केजरीवाल की मुश्‍क‍िलें बढ़ा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के मामले में अपने फैसले में कहा क‍ि ईडी मनी लॉन्ड्रिंग केस में किसी शख्श की गिरफ्तारी करते वक्‍त उन तथ्यों/ सबूतों को नजरअंदाज नहीं कर सकती है जो आरोपी पक्ष में जाते हो. कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी को इस बात की इजाजत नहीं दी जा सकती कि वो सबूतों को लेकर ‘सलेक्टिव’ हो. ये नहीं हो सकता कि अधिकारी सिर्फ मेटरियल के आधार पर फैसला ले जो आरोपी को केस में फंसाने वाला हो. सुप्रीम कोर्ट ने अरव‍िंद केजरीवाल को जमानत देते हुए ईडी को कहा क‍ि जो तथ्य आरोपी के पक्ष में जाते है, उन पर भी जांच अधिकारी को गौर करना चाहिए. PMLA के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तारी के अधिकार का इस्तेमाल अधिकारी अपनी मनमर्जी के मुताबिक नहीं कर सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ईडी की ओर से दर्ज केस और गिरफ्तारी के आकंड़ों से ये सवाल उठता है कि क्या गिरफ्तारी को लेकर ईडी की कोई अपनी पॉलिसी भी है. कोर्ट ने कहा है कि ईडी को सभी आरोपियों के लिए ‘एक समान रवैया’ रखना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने आख‍िरी लाइन पर क्‍या कहा? सुप्रीम कोर्ट के फैसले में एक आखिरी लाइन में जजों ने ऐसी बात ल‍िख दी है ज‍िसको लेकर न‍िचली अदालत या हाईकोर्ट कोई फैसला लेती है तो देश की सबसे बड़ी अदालत के द‍िए आदेश पर रोक लग सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतर‍िम जमानत देने वाले आदेश की आखिरी लाइन में साफ किया है कि इस फैसले में की गई कोर्ट की टिप्पणियों का इस केस /आरोप को लेकर कोर्ट की राय न माना जाए. कोर्ट ने साफ किया है कि अगर केजरीवाल की नियमित जमानत (regular bail) का सवाल कहीं पेंडिंग है तो जज इस फैसले से प्रभावित हुए बगैर अपने पास उपलब्ध तथ्यों/ सबूतों के आधार पर उस पर फैसला लेंगे. केजरीवाल को लेकर क्‍या हाईकोर्ट का आदेश? आपको बता दें क‍ि सुप्रीम कोर्ट की ये टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ईडी के केस में केजरीवाल की नियमित जमानत का मसला अभी दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है. हाई कोर्ट को तय करना है कि निचली अदालत से मिली केजरीवाल की जमानत को बरकरार रखा जाए या रद्द किया जाए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, हाईकोर्ट के जज स्वतंत्र है. वो चाहे तो निचली अदालत से मिली नियमित जमानत वाले फैसले को बरकरार रखें या रद्द करें. जरूरी बात ये होगी कि अगर हाईकोर्ट ईडी मामले में नियमित जमानत को रद्द कर देता है तो फिर आज सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत का कोई औचित्य नहीं रहेगा. Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 18:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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