क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष होगा जी-23 में पहले से ही घमासान
क्या कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष होगा जी-23 में पहले से ही घमासान
election of congress president: कांग्रेस में असंतुष्टों का समूह यानी जी-23 के नेताओं के दबाव के कारण पार्टी अध्यक्ष पद का चुनाव कराने के लिए मजबूर हुआ है. अब जी-23 के नेता इस चुनाव को लेकर पहले से उत्सुक हैं. हालांकि जी-23 में शामिल कुछ नेताओं ने चुनाव की निष्पक्षता पर अभी से सवाल उठाए हैं.
नई दिल्ली. पार्टी के अंदर असंतुष्टों का समूह जी 23 के नेताओं का दबाव और एक के बाद एक बड़े नेताओं के पार्टी से इस्तीफे ने कांग्रेस को अध्यक्ष पद पर चुनाव कराने के लिए मजबूर होना पड़ा है. रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के चुनाव के लिए तारीख की घोषणा कर दी है. नोटिफिकेशन के मुताबिक 22 सितंबर को चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होगी और 17 अक्टूबर को चुनाव होगा. अगर मतदान कराने की नौबत आई तो 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. जी-23 के बाकी बचे नेताओं की नई दिल्ली में जल्द बैठक होने वाली है जिसमें चुनाव लड़ने के फैसले पर विचार किया जाएगा.
हालांकि चुनाव की निष्पक्षता पर अभी से जी-23 के नेता सवाल उठा रहे हैं. एचटी की खबर के मुताबिक जी-23 के एक अहम नेता ने बताया कि हमें यह देखना होगा कि यह चुनाव वास्तविक होता है या फिर पहले की तरह दिखावटी. उन्होंने कहा, “पहले तो हम वोटर लिस्ट से बाहर कर दिए जाएंगे. इसलिए अगर कुछ खास वोटरों का समूह चुनाव में भाग लेता है तो चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं है.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नोमिनेशन कल्चर और यस मैन कल्चर का जाना बहुत जरूरी है.
जी-23 कांग्रेस के अंदर असंतुष्टों का समूह है जिसमें कई पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद शामिल हैं. हालांकि इसके प्रमुख नेता गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद इसकी संख्या में कमी आई है. जी-23 समूह के नेताओं ने 2020 में कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में बड़े बदलाव की मांग की थी. जी-23 के एक नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में पार्टी संगठन में निचले स्तर पर मतदाता सूची और चुनाव प्रक्रिया का मुद्दा उठाया था.
कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए जहां पार्टी का एक वर्ग वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को कांग्रेस की बागडोर फिर से संभालने की वकालत कर रहा है, वहीं इस बार संभावना है कि कांग्रेस का पहला परिवार अपने लिए हमेशा खड़े रहने वाले किसी वफादार को चुन सकता है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने कहा, “दो साल पहले हमने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आंतरिक लोकतंत्र की मांग की थी. इसलिए हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. आंतरिक लोकतंत्र पार्टी के भीतर जीवंतता का प्रतीक है. पार्टी लगातार हार का सामना कर रही है. आंतरिक चुनाव नहीं होने के कारण सभी स्तरों पर मनोनीत पदाधिकारी निर्णय लेते रहे हैं. “
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Tags: Congress, Congress President, Election, Rahul gandhi, Sonia GandhiFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 08:22 IST