कांग्रेस मेरी खानदानी पार्टी मौका मिला क्या ममता को झटका देंगे टीएमसी नेता

Abhijit Mukherjee News: अभिजीत मुखर्जी ने बतौर कांग्रेस उम्मीदवार 2012 में जंगीपुर लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जीत हासिल की थी. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सीपीआई मुजफ्फर हुसैन को कड़े मुकाबले में 2,536 मतों से हराया था. हालांकि, बाद में वे टीएमसी में शामिल हो गए.

कांग्रेस मेरी खानदानी पार्टी मौका मिला क्या ममता को झटका देंगे टीएमसी नेता
नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने संकेत दिया है कि वे वापस कांग्रेस में लौट सकते हैं. उन्होंने न्यूज़18 के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन के साथ ही रायबरेली और वायनाड में राहुल गांधी की जीत पर अपनी राय रखी. प्रियंका गांधी के वायनाड सीट से उपचुनाव लड़ने, ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और बंगाल में कांग्रेस की स्थिति को लेकर भी मुखर्जी ने टिप्पणी की. कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में क्यों गए? सवाल के जवाब में अभिजीत मुखर्जी ने इसे निजी मामला बताया और कहा कि यह राजनीति में नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा, “जिस तरीके से मेरे साथ वहां बर्ताव किया गया, वो सही नहीं था. मैं किसी का नाम नहीं ले रहा. आज़ादी के बाद कांग्रेस ज़ीरो पर आ गई, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. ममता दीदी और उनके भतीजे ने बुलाया तो लगा कि ये भी कांग्रेस घराना ही है.” क्या अधीर रंजन चौधरी की वजह से टीएमसी गए थे? मुखर्जी ने कहा, “अधीर रंजन चौधरी जब कांग्रेस में नहीं थे, तब भी कांग्रेस बहरामपुर सीट जीतती थी. जब अधीर रंजन चौधरी जिला अध्यक्ष थे तब भी बहरामपुर कांग्रेस जीती थी.” उन्होंने कहा कि बंगाल में कांग्रेस के माकपा के साथ जाने को किसी भी कांग्रेसी ने मंजूर नहीं किया. आम मतदाता ने भी इसे स्वीकार नहीं किया और अब ये दो बार हो गया है. मेरा ऐसा मानना है कि बंगाल में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती तो 3 से 4 सीट निकाल लेती. टीएमसी के साथ गठबंधन होता, तो इससे भी ज़्यादा मिलता.” अगर कांग्रेस जाने का न्योता मिलता है तो आप कांग्रेस जाना चाहेंगे? अभिजीत मुखर्जी ने कहा, “ये मेरी ख़ानदानी पार्टी है, मैं एक स्वतंत्रता सेनानी का पोता हूं. कांग्रेस की आज़ादी देखकर आया हूं, तो स्वाभाविक है कि एक कांग्रेसी ही समझ सकता है. हमें मज़बूत विपक्ष भी चाहिए.” उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “मैं भाजपा में नहीं जाऊंगा, वैसे भी वो मुझे क्यों ही बुलाएंगे.” ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकली, राहुल गांधी की रणनीति और राजनीति में कैसे बदलाव देखते हैं? इसके जवाब में अभिजीत मुखर्जी ने कहा, “यही तो चाहिए था, बाबूजी भी चाहते थे कि जाति, धर्म और भाषा से परे होकर ये करना चाहिए. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कांग्रेस के हित में एक नई लहर पैदा हुई है. इससे कांग्रेस ज़िंदा होगी. चुनाव में जीतने के बाद अब राहुल गांधी को फिर से कश्मीर से कन्याकुमारी यात्रा करनी चाहिए, अगर मुझे मौक़ा मिला, तो मैं भी साथ पैदल चलूंगा.” प्रियंका गांधी के वायनाड से उम्मीदवारी पर अभिजीत मुखर्जी ने कहा, “यह सबसे बेहतर व्यवस्था और परिस्थिति है. हमें रायबरेली सीट भी चाहिए और वायनाड की सीट भी चाहिए.” उन्होंने अमेठी और रायबरेली जीतने को कांग्रेस के लिए टर्निंग प्वॉइंट बताया. उन्होंने कहा, “अखबार में पढ़ा कि प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, स्वाभाविक है कि वे जीतेंगीं. और यह साबित करेगा के गांधी परिवार देश में कहीं भी जीत सकते हैं. देश के किसी भी कोने में चले जाओ, आपको एक दो कांग्रेसी मिल ही जाएगा.” शर्मिष्ठा मुखर्जी की लिखी किताब से पैदा विवादों पर अभिजीत ने कुछ बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “मैं उस पर ज़्यादा नहीं बोलूंगा, डैडी अब है नहीं और मैं कहूंगा कि डैडी नहीं हैं, तो किताब पब्लिश नहीं होता तो अच्छा होता.” Tags: BJP, Congress, Mamata banerjee, Trinamool congressFIRST PUBLISHED : June 18, 2024, 16:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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