भारत की श्रीलंका से तुलना करना गलत पड़ोसी देश की स्थिति को लेकर भारत चिंतित: एस जयशंकर
भारत की श्रीलंका से तुलना करना गलत पड़ोसी देश की स्थिति को लेकर भारत चिंतित: एस जयशंकर
सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह मामला करीबी पड़ोसी से संबंधित है और इसके काफी करीब होने के कारण हम स्वाभाविक रूप से परिणामों को लेकर चिंतित हैं. श्रीलंका को लेकर कई गलत तुलनाएं हो रही हैं और कुछ लोग पूछ रहे हैं कि क्या ऐसी स्थिति भारत में आ सकती है. एस जयशंकर ने इसे गलत तुलना बताया है.
हाइलाइट्सश्रीलंका की स्थिति को लेकर भारत चिंतित. भारत की श्रीलंका से तुलना करना गलत. श्रीलंका में पिछले कई महीनों से देश में जरूरी सामान और फ्यूल की किल्लत बनी हुई है.
नई दिल्ली. केद्र सरकार ने श्रीलंका संकट को लेकर आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संबोधित किया. विदेश मंत्री ने सर्वदलीय बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीलंका बहुत गंभीर संकट का सामना कर रहा है और स्वाभाविक रूप से भारत इसको लेकर काफी चिंतित है. उन्होंने साथ ही भारत में ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होने की आशंका संबंधी बयानों को सिरे से खारिज कर दिया है.
सरकार द्वारा श्रीलंका संकट को लेकर बुलाई सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रारंभिक टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जिस कारण से हमने आप सभी से सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध किया है, वह यह है कि यह एक बहुत गंभीर संकट है और श्रीलंका में जो हम देख रहे हैं, वह कई मायने में अभूतपूर्व स्थिति है.
भारत की श्रीलंका से तुलना गलत
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि यह मामला करीबी पड़ोसी से संबंधित है और इसके काफी करीब होने के कारण हम स्वाभाविक रूप से परिणामों को लेकर चिंतित हैं. श्रीलंका को लेकर कई गलत तुलनाएं हो रही हैं और कुछ लोग पूछ रहे हैं कि क्या ऐसी स्थिति भारत में आ सकती है. एस जयशंकर ने इसे गलत तुलना बताया है.
सर्वदलीय बैठक में कई नेता शामिल
सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे. बैठक में कांग्रेस के पी चिदंबरम, मणिकम टैगोर, राकांपा के शरद पवार, द्रमुक के टी आर बालू और एम एम अब्दुल्ला, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तेलंगाना राष्ट्र समिति के केशव राव, बहुजन समाज पार्टी के रीतेश पांडे, वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी और एमडीएमके के वाइको आदि ने हिस्सा लिया.
श्रीलंका पिछले सात दशकों में सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण फूड, फ्यूल, मेडिसिन सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है. सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद आर्थिक संकट से उपजे हालातों ने देश में एक राजनीतिक संकट को भी जन्म दिया है. एक्टिंग प्रेसिडेंट रानिल विक्रमसिंघे ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है.
संसद के मॉनसून सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान तमिलनाडु के दलों द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने भारत से श्रीलंका के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी.
जरूरी सामान और फ्यूल की किल्लत बनी हुई
जानकारों के अनुसार पड़ोसी देश श्रीलंका को करीब 2.2 करोड़ की अपनी आबादी की बुनियादी जरूरतें पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में पांच अरब डॉलर की जरूरत होगी. पिछले कई महीनों से देश में जरूरी सामान और फ्यूल की किल्लत बनी हुई है.
रविवार को यहां सरकार विरोधी प्रदर्शन के 100 दिन पूरे हो गए. इन प्रदर्शनों की शुरुआत नौ अप्रैल को हुई थी. प्रदर्शनों के बाद गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा. राजपक्षे श्रीलंका छोड़कर बुधवार को मालदीव गए और फिर बृहस्पतिवार को सिंगापुर पहुंचे. उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफा दिया था.
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Tags: All Party Meeting, External Affairs Minister S Jaishankar, Ministry of External AffairsFIRST PUBLISHED : July 19, 2022, 19:52 IST