…तो पेशे में कमी है CJI कानूनी शिक्षा व्यवस्था में चाहते हैं बड़ा बदलाव
…तो पेशे में कमी है CJI कानूनी शिक्षा व्यवस्था में चाहते हैं बड़ा बदलाव
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने राम मनोहर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपनी बात रखी. सीजेआई मा मानना है कि कानूनी की पढ़ाई को क्षेत्रीय भाषाओ में भी पढ़ाया जाना चाहिए.
हाइलाइट्स सीजेआई चंद्रचूड़ कानून की पढ़ाई में एक बड़ा परिवर्तन चाहते हैं. सीजेआई ने RMNLU में एक समारोह के दौरान खुलकर अपनी बात रखी. चंद्रचूड़ कानून की शिक्षा को आने वाली पीढ़ी के वकीलों के लिए और आसान बनाना चाहते हैं
नई दिल्ली. देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ कानून की पढ़ाई के पेशे में एक बदलाव चाहते हैं. सीजेआई का मानना है कि इस छोटे से बदलाव से कानून की पढ़ाई काफी सार्थक हो जाएगी और इससे अदालतों के कामकाज में भी मदद मिलेगी. उन्होंने एक सार्वजनिक समारोह के दौरान कहा कि कानूनी की पढ़ाई को क्षेत्रीय भाषा में छात्रों के लिए उपलब्ध कराना वक्त की डिमांड है.
सीजेआई चंद्रचूड़ शनिवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग ले रहे थे. इस मौके पर उन्होंने कहा, “मैं अक्सर देश भर के शिक्षाविदों के साथ चर्चा करता हूं कि कानून को सरल भाषा में कैसे पढ़ाया जा सकता है. अगर हम आम जनता को कानून के सिद्धांतों को सरल शब्दों में नहीं समझा सकते हैं, तो कानूनी पेशे और कानूनी शिक्षा में कमी है.”
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सीजेआई ने कहा, “कानूनी पढ़ाने में हमें क्षेत्रीय भाषाओं पर भी विचार करना चाहिए और मेरा मानना है कि RMNLU (राम मनोहर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी) को हिंदी में एलएलबी पाठ्यक्रम शुरू करना चाहिए. हमारे विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय मुद्दों से संबंधित कानून भी पढ़ाए जाने चाहिए.” उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति जमीन से संबंधित समस्या लेकर विश्वविद्यालय के कानूनी सहायता केंद्र में आता है और छात्र खसरा और खतौनी जैसे शब्दों को नहीं समझता है, तो वे उसकी मदद कैसे कर पाएंगे? “इसलिए छात्रों को जमीन से संबंधित क्षेत्रीय कानूनों के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए.”
डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में बताया कि न्याय प्रक्रिया को आम लोगों के लिए अधिक सरल बनाने के लिए अंग्रेजी में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का भारत के संविधान में मान्यता प्राप्त विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है ताकि लोगों को फैसलों को समझने में आसानी हो.
Tags: DY Chandrachud, Hindi news, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 18:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed