खुद से उगने वाला यह फल बिकता है काफी महंगा सब्जी के लिए होती है खूब डिमांड
खुद से उगने वाला यह फल बिकता है काफी महंगा सब्जी के लिए होती है खूब डिमांड
Kakroda or Kantola: चित्रकूट पाठा क्षेत्र के जंगलों में पड़ोरा फल काफी पाया जाता है. जिसका सेवन यहां के लोग सब्जी के तौर में करते है. हालांकि इस फल को कई जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है. कुछ जगहों पर इसे काकोड़ा या कंटोला नाम से भी जाना जाता है.
रिपोर्ट- विकाश कुमार
चित्रकूट: बुंदेलखंड का चित्रकूट पाठा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है जो प्राकृतिक की सुंदरता से हरा भरा है. नदी, जंगल और पहाड़ यहां सब कुछ पाए जाते हैं. इन जंगलों में कई ऐसी चीजें भी पाई जाती हैं जो आज के समय में लोगों के लिए बहुत उपयोगी और औषधीय महत्व की हैं. बाजार में उनकी अच्छी खासी डिमांड भी है. इन्हीं में से एक पड़ोरा का फल है. यह फल जंगलों में बहुत पाया जाता है. हालांकि, अब कई किसान इसकी खेती भी करने लगे हैं. यह बाजार में काफी महंगे दामों में बिकता है और इसकी अच्छी खासी डिमांड भी रहती है.
हम बात कर रहे हैं चित्रकूट पाठा क्षेत्र के जंगलों में पाए जाने वाले पड़ोरा फल की है. जिसका सेवन लोग सब्जी के तौर पर करते है. हालांकि, इस फल को कई जगहों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है. कुछ जगहों पर इसे काकोड़ा और कंटोला के नाम से भी जाना जाता है. इसकी सब्जी की बात की जाए तो इसकी सब्जी भी काफी स्वादिष्ट बनती है जो लोगों को खाने में खूब पसंद आती है.
बाजारों में है इसकी अच्छी डिमांड
पड़ोरा फल की बात की जाए तो बाजार में इसकी अच्छी खासी डिमांड रहती. सबसे अच्छी बात ये है कि स्वास्थ्य के लिए इसका सेवन बहुत फायदेमंद है. इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं इसीलिए काफी महंगे दामों में बिकने के बाद भी इसकी डिमांड बहुत अच्छी है. बाजार में आते ही लोग इसे खरीदना शुरू कर देते हैं. ये बाजार में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग दामों में उपलब्धता के आधार पर बिकता है. चित्रकूट में यह फल 200 से 300 रुपए किलो बिक रहा है. अगर अन्य जिलों की बात करें तो कहीं 400 से 500 रुपए किलो तक भी लोगों को यह फल मिल रहा है.
आदिवासी से लेकर अन्य लोग भी करते है इसका सेवन
आपको बता दें कि आज भी इस जंगली फल को आदिवासी लोग सुबह से ही जंगलों में तोड़ने के लिए निकल जाते हैं और इसको लाकर बाजारों में बेच देते हैं. इससे कुछ पैसे मिल जाते हैं औऱ वह अपने घरों में भी सब्जी के तौर पर इस फल का सेवन कर लेते हैं. बाजारों में बिकने वाले इस फल को अन्य लोग बाजारों से खरीद कर अपने घर में ले जाते हैं और इसकी सब्जियां बनाकर इसका आनंद लेते हैं.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 21:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed