इस जिले के कुत्ते हैं खतरनाक 250 से ज्यादा लोग हो चुके हैं इनके शिकार

Chitrakoot: अगर अस्पतालों में आंकड़ों की बात की जाए तो आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ माहीने में करीब ढाई सौ लोगों को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार अभी तक बना लिया है और वह लोग यहां एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवा रहे हैं...

इस जिले के कुत्ते हैं खतरनाक 250 से ज्यादा लोग हो चुके हैं इनके शिकार
रिपोर्ट- विकाश कुमार बांदा: अभी तक आपने किसानों के खेत को उजाड़ देने वाले जानवरों के आतंक के बारे में तो खूब सुना होगा. लेकिन अब बदलते दौड़ के साथ कुत्तों का आतंक भी बढ़ता जा रहा है. और वह अपना कहर अब ऐसे भरपा रहे हैं कि अब लोग कुत्तों से डरे और सहमे हुए हैं. यूपी के बांदा शहर में हर गलियों में खूंखार कुत्तों का आतंक इस समय बढ़ता जा रहा है.जो इस टाइम अक्सर सड़क, गलियों से गुजरने वाले बच्चों महिलाओं और अपरिचित लोगों पर हमला कर उनको काट देते हैं. जिससे अब बांदा जिले के लोग कुत्तों के नाम से ही सा में और डरे हुए हैं. खूंखार है इस जिले के कुत्ते हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड के बांदा जिले की जहां खूंखार कुत्तों का आतंक इतना ज्यादा है कि लोगों को आप गलियों या सड़कों पर कुत्ते नजर आते हैं.तो लोग उनसे कई मीटर की दूरी बनाकर सड़क को पार करते हैं. अगर इसके मुख्य कारण की बात की जाए तो यह आवारा कुत्ते आने जाने वाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.और अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों को इन्होंने अपना शिकार बनाकर उनको काट लिया है. अगर अकेले शहर की बात की जाए तो शहर के अंदर लगभग 10,000 से ज्यादा कुत्ते आवारा घूम रहे हैं. अब 250 से ज्यादा लोग खूंखार कुत्तों की चपेट में अगर अस्पतालों में आंकड़ों की बात की जाए तो आंकड़ों के मुताबिक डेढ़ माहीने में करीब ढाई सौ लोगों को आवारा कुत्तों ने अपना शिकार अभी तक बना लिया है और वह लोग यहां एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवा रहे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्र की बात की जाए तो कुत्ते के काटने के बाद इंजेक्शन लगवाने के बजाय वह लोग झाड़ फुक पर ज्यादा विश्वास कर उनको झाड़ फूंक से ही ठीक करवा रहे हैं.इस तरह देखा जाए तो प्रतिदिन लगभग 30 से 35 लोग आवारा और खूंखार कुत्तों शिकार बन रहे है. अधिशासी अधिकारी ने दी जानकारी वही इस संबंध में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी नीलम चौधरी का कहना है कि शहर के आवारा कुत्तों पकड़ने के लिए हमारे पास ना तो कोई निर्देश है और ना ही हमारे पास किसी तरह के संसाधन फिर भी शहर के पालतू कुत्तों के पंजीयन के लिए जल्दी कार्रवाई की जाएगी. जिससे यह पता लगाया जाएगा कि कितने पालतू और कितने आवारा कुत्ते हमारे शहर में मौजूद है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 09:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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