Kashmir Solution Petition: कश्मीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पर ठोका जुर्माना सख्त चेतावनी भी दी
Kashmir Solution Petition: कश्मीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले पर ठोका जुर्माना सख्त चेतावनी भी दी
Kashmir Solution Petition: कश्मीर विवाद (Kashmir Dispute) के समाधान के लिए मनमोहन सिंह-परवेज मुशर्रफ के चार सूत्री फॉर्मूले को लागू करने की मांग को लेकर लगाई गई पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख अख्तियार किया है. जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले में याचिकाकर्ता केमिकल इंजीनियर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. कोर्ट ने कहा कि वह दायर याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है. वह फालतू बातों से भरी हुई है.
नई दिल्ली. गैर जरूरी और बेवजह की जनहित याचिकाओं (PIL) को लगाने वालों पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बेहद सख्त है. ताजा मामला कश्मीर विवाद (Kashmir Dispute) के समाधान के लिए मनमोहन सिंह-परवेज मुशर्रफ के चार सूत्री फॉर्मूले को लागू करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका से जुड़ा है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने इस मामले में याचिकाकर्ता केमिकल इंजीनियर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने कहा कि वह दायर याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में आज ‘सुपर सोमवार’, CAA सहित 200 से ज्यादा याचिकाओं पर होगी सुनवाई
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में दायर पीआईएल के जरिए याचिकाकर्ता ने रेखांकित किया कि समस्या का सैन्य समाधान नहीं हो सकता है. देशपांडे ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Dr. Manmohan Singh) और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) द्वारा तैयार किए गए तथाकथित चार सूत्रीय फार्मूले के अमल का समर्थन किया. इस फॉर्मूले में स्वायत्तता, संयुक्त नियंत्रण, विसैन्यीकरण और बगैर बाड़ वाली सीमा की समस्या का समाधान आदि शामिल है. याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि इन मसलों पर आगे बातचीत की जा सकती है.
इस मामले पर शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि अदालत नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है और यह याचिका ‘प्रचार हित याचिका’ के रूप में अधिक प्रतीत होती है. पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ता के वकील को सूचित कर रही है कि इस तरह की याचिकाओं से अदालत का समय बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाएगी.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ प्रभाकर वी देशपांडे के देश की विदेश नीति और रक्षा तंत्र पर असर डालने वाले इस तरह के सुझावों से इतनी नाराज हो गई कि उन्होंने उनकी जनहित याचिका में की गई हास्यास्पद प्रार्थना को निकाल दिया. . . कश्मीर मुद्दे/समस्या को हल करने के लिए परवेज मुशर्रफ-मनमोहन सिंह फार्मूले को लागू करने के लिए प्रतिवादी प्राधिकरण/भारत सरकार पर एक रिट/आदेश या निर्देश.”
पीठ ने कहा, “याचिका फालतू बातों से भरी हुई है, जो किसी भी स्थिति में न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर है. उदाहरण के लिए याचिका का पैराग्राफ 4(vi) नीचे निकाला गया है:
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में जिक्र करते हुए इस तरह का हास्यास्पद सुझाव दिया- ‘रक्षा व्यय पर बचाए गए धन के साथ एक साल में जम्मू-कश्मीर की सारी संपत्ति खरीद ली. . .- भारत एक साल में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में सभी सूचीबद्ध कंपनियों को खरीद सकता है. भारत सालभर में बांग्लादेश स्टॉक एक्सचेंज में सभी सूचीबद्ध कंपनियों को खरीद सकता है. भारत 15 साल में पाकिस्तान की सारी संपत्ति खरीद सकता है. भारत बांग्लादेश की पूरी संपत्ति 20 साल में खरीद सकता है.
भारत 40 सालों में 50 इस्लामिक देशों के स्टॉक एक्सचेंजों में सभी सूचीबद्ध कंपनियों को खरीद सकता है. भारत 80 सालों में 100 देशों के स्टॉक एक्सचेंजों में सभी सूचीबद्ध कंपनियों को खरीद सकता है. भारत पाक, बांग्लादेश, जम्मू-कश्मीर और 100 से ज्यादा देशों के स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कंपनियों की सारी संपत्ति 100 से अधिक सालों में खरीद सकता है.’
डबल बेंच ने चेतावनी देते हुए कहा कि “बेशक, हम आपकी बात सुनेंगे, लेकिन हम आपको नोटिस दे रहे हैं कि हम जुर्माना लगाएंगे.” याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता अरूप बनर्जी ने कहा कि देश ने पिछले 70 सालों में कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ ‘ढाई युद्ध’ लड़े, लेकिन कोई समाधान आज तक नहीं निकला है. पीठ ने कुछ मिनटों की सुनवाई के बाद कहा कि वह याचिका पर विचार करने की इच्छुक नहीं है. पीठ ने याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. इस मामले पर अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की थी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Jammu and kashmir, PIL, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : September 12, 2022, 08:31 IST