शिरोमणि अकाली दल ने भंग किया संगठनात्मक ढांचा सुखबीर बादल बने रहेंगे पार्टी अध्यक्ष
शिरोमणि अकाली दल ने भंग किया संगठनात्मक ढांचा सुखबीर बादल बने रहेंगे पार्टी अध्यक्ष
पंजाब के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद संगरूर से पार्टी के नेता इकबाल सिंह झुंडा के नेतृत्व में 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने बाकी बदलावों के साथ साथ संगठन के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की भी सिफारिश की थी. कमेटी की रिपोर्ट पर विचार के बाद शिरोमणि अकाली दल ने कोर कमेटी समेत पार्टी की सभी समितियों और फ्रंटल संगठनों को भंग कर दिया है.
(एस. सिंह)
चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) कोर कमेटी ने संगठनात्मक ढांचे को भंग कर दिया है. कमेटी द्वारा झुंडा पैनल की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है. कोर कमेटी ने सुखबीर सिंह बादल को पार्टी में नए बदलाव लाने के लिए अधिकृत किया है. जाहिर है कि सुखबीर बादल ही संगठन के प्रधान बने रहेंगे. हालांकि पंजाब में पार्टी की अब तक की सबसे बुरी हार के कारणों का विश्लेषण करने के लिए गठित झुंडा कमेटी के सुझावों पर शिरोमणि अकाली दल चुप्पी साधे हुए है.
बादल को पद छोड़ने की सलाह दी थी
पंजाब के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद संगरूर से पार्टी के नेता इकबाल सिंह झुंडा के नेतृत्व में 13 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने संगठन के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की सिफारिश की थी. बादल, विशेष रूप से पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को पद छोड़ने के लिए कहा गया था. इसके अलावा एक परिवार-एक-टिकट फॉर्मूला अपनाने और अध्यक्ष पद के लिए दो साल का कार्यकाल निर्धारित करने की सिफारिश भी की गई थी.
एक दिन पहले हुई थी रिपोर्ट पर चर्चा
झुंडा समिति ने 2007 से 2012 और 2012 से 2017 तक सरकार में रहने के दौरान की घटनाओं का जिक्र करते हुए पंथ से माफी मांगने का भी सुझाव दिया. एक सदस्य का कहना है कि रिपोर्ट में हमने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन संदेश स्पष्ट है. झुंडा पैनल की रिपोर्ट पर एक दिन पहले शिअद की कोर कमेटी ने चर्चा की थी. उसके बाद संगठनात्मक ढांचे को भंग करने का कदम उठाया गया है. शिरोमणि अकाली दल की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कोर कमेटी समेत पार्टी की सभी समितियों और फ्रंटल संगठनों को भंग कर दिया है.
हार के बाद पार्टी का अस्तित्व खतरे में
विधानसभा चुनावों में हार के बाद मार्च में पार्टी के अंदर सुधार का सुझाव देने के लिए झुंडा पैनल का गठन किया गया था. इस चुनाव में पार्टी 117 सदस्यीय सदन में केवल तीन सीटें जीत पाई थी. इस हार ने शिअद के सामने अस्तित्व का संकट पैदा कर दिया है. इसके बाद संगरूर उपचुनाव में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. उसके उम्मीदवार की जमानत तक जब्त हो गई. पार्टी के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि उसकी मुख्य ताकत, पंथ और किसान, अन्य राजनीतिक दलों खासकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर बढ़ रहे हैं.
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Tags: Shiromani Akali Dal, Sukhbir BadalFIRST PUBLISHED : July 29, 2022, 15:32 IST