पुलिस भर्ती: शॉर्टकट बना मौत की वजह! जानिए जिंदगी की रेस क्यों हारे 12 नौजवान
पुलिस भर्ती: शॉर्टकट बना मौत की वजह! जानिए जिंदगी की रेस क्यों हारे 12 नौजवान
झारखंड पुलिस भर्ती की दौड़ के दौरान नौजवानों की मौत से जुड़े सवालों का जवाब खोजने के दौरान एक ऐसा सच सामने आया है, जो वाकई में सभी को डराने वाला है. क्या है यह सच... जानने के लिए पढ़ें आगे...
Jharkhand Police Bharti News: झारखंड पुलिस में भर्ती होने के लिए 10 किमी की दौड़ लगा रहे 12 नौजवान अपनी जिंदगी की रेस हार गए. दौड़ के बीच गश खाकर गिरे ये 12 नौजवान दोबारा खड़े नहीं हो सके. इन नौजवानों की मौत के बाद यह सवाल लगातार बना हुआ है कि आखिर इनकी मौत की असल वजह क्या है? क्या 60 मिनट में 10 किमी लंबी दौड़ की वजह से इनकी जान गई या फिर इसकी कोई दूसरी वजह है. फिलहाल, इन मौतों को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि हार्ट फेल होने की वजह से इन 12 नौजवानों की मौत हो हुई है.
वहीं, इन नौजवानों की मौत से जुड़े तमाम सवालों के जवाब की तलाश के बीच एक ऐसा सच सामने आया है, जो हर किसी को डराने वाला है. केंद्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भर्ती से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, तय समय में दौड़ पूरी करने के लिए नौजवानों में स्टेरॉयड का प्रचलन तेजी से बढ़ा है. नौजवानों को लगता है कि वह स्टेरॉयड की मदद से वह अपनी दौड़ को बेहद आसानी से पार सकेंगे. उन्होंने बताया कि स्टेरॉयड के प्रभाव से नौजवानों का स्टेमिना तो बढ़ जाता है, लेकिन उनके हार्ट और लंग्स का कोऑर्डिनेशन बिगड़ जाता है.
वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, कोऑर्डिनेशन बिगड़ने की वजह से न केवल हार्ट, बल्कि मल्टीऑर्गन फेल होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे मामलों में अक्सर पीड़ित की मौत भी हो जाती है. चूंकि, पुलिस या सेंट्रल फोर्स में दौड़ से पहले अभ्यर्थियों का डोप टेस्ट नहीं होता है, लिहाजा वह किसी तरह स्टेरॉयड का टेबलेट या इंजेक्शन लेकर आए हैं, पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है. उन्होंने बताया कि फोर्स में भर्ती की तैयारी करने वाले नौजवानों को समझना होगा कि स्टेरॉयड का सेवन उनकी क्षमता तो बढ़ा देंगे, लेकिन वह जिंदगी की रेस हार जाएंगे. यह भी पढ़ें: एयरपोर्ट पर पार्क की थी कार, पार्किंग का बिल देख आया चक्कर, गाड़ी की हालत देख उड़ गए होश… दिल्ली एयरपोर्ट पर कार पार्किंग चार्ज के नाम पर एक यात्री से इतने रुपए वसूल लिए गए, जितने रुपयों में आप लखनऊ का रिटर्न टिकट खरीद लें. मामला यही पर खत्म नहीं होता, वह जब अपनी कार के पास पहुंचा तो उसके हाल देखकर उसके होश उड़ गए. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
हार्ट और लग्स के बीच कैसे होता है कोऑर्डिनेशन?
फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मनोज शर्मा के अनुसार, दौड़ने के समय किसी भी व्यक्ति को अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होती है. जैसे-जैसे आपकी दूरी बढ़ती जाएगी, आपके हार्ट को अधिक ऑक्सीजन की जरूरत होगी. जब आपका लंग ऑक्सीजन की आपूर्ति को पूरी नहीं कर पाएगा, तब आपको थकान महसूस होना शुरू हो जाएगा. जैसे ही आप कुछ देर आराम करेंगे, लग्स से हार्ट में ऑक्सीजन की सप्लाई फिर सामान्य हो जाएगी. वहीं जब आप स्टेरॉयड का सेवन करते हैं तो आपको थकान महसूस नहीं होगी. इस बीच, ऑक्सीजन की आपूर्ति पूरी न होने की वजह से हार्ट फेल हो सकता है. यह भी पढ़ें: दिल्ली पुलिस को मिला था सीक्रेट इंटेल, घेराबंदी कर शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन, लंबी कवायद के बाद युवती हुई अरेस्ट… एक सीक्रेट इंटेल के आधार पर दिल्ली पुलिस की एएटीएस ने दक्षिण दिल्ली के दक्षिणपुरी एक्टेंशन एरिया में छिपी एक युवती को गिरफ्तार किया है. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
क्या आर्थिक हालत भी है मौत के लिए जिम्मेदार?
केंद्रीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भर्ती से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इन मौतों के पीछे अप्रत्यक्ष तौर पर अभ्यर्थियों की आर्थिक हालत भी जिम्मेदार है. दरअसल, भर्ती में शामिल होने के लिए ये नौजवान एक दिन पहले अपने सेंटर पर पहुंचने की कोशिश करते हैं. सेंटर पर पहुंचने के बाद उनके पास न ही सोने का कोई ठिकाना होता है और न ही खाने का कोई खास प्रबंध. ज्यादातर अभ्यर्थी अपने साथ खाने का जो सामान लेकर आते हैं, वही खाकर फुटपाथ या समीप के ग्राउंड में सो जाते हैं. जिसके चलते उनकी नींद भी अच्छी तरह से पूरी नहीं होती. कई बार लंबी थकान और भूख के साथ धूप में दौड़ते समय उन्हें डिहाइड्रेशन हो जाता है और वह गश खाकर गिर जाते हैं. समय पर उन्हें इलाज नहीं मिला, तो उनकी जान भी जा सकती है.
Tags: Bihar Jharkhand News, Jharkhand news, Jobs newsFIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 13:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed