कैश लेकर बांटी थी नौकरी अब जेल में सड़ेंगे बड़े-बड़े अफसर
कैश लेकर बांटी थी नौकरी अब जेल में सड़ेंगे बड़े-बड़े अफसर
असम में एडीओ पर हुई नियुक्तियों में बड़ी धांधली सामने आने के बाद सरकार ने जांच कराई. अब असम पब्लिक सर्विस कमीशन चेयरमैन और 31 अन्य लोगों को जेल की सजा सुनाई गई है. इन लोगों ने पैसे लेकर नौकरियां बांटी थीं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी के बदले जमीन ली. ईडी पूरे मामले की छानबीन कर रही है. लेकिन ऐसा ही एक मामला असम में सामने आया है. जहां असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के तत्कालीन अध्यक्ष और 31 लोगों ने मिलकर युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ किया. पैसे लेकर नौकरियां बांटीं. अब अदालत ने इन सभी लोगों को दोषी करार दिया और सजा सुनाई है. इस फैसले से अन्य लोगों को शायद सबक मिले कि बच्चों की जिंदगी से खेलना कितना भारी पड़ सकता है.
मामला 2017 का है. असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार पॉल समेत कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. आरोप लगाया गया कि कृषि विकास अधिकारियों (एडीओ) की नियुक्ति में इन लोगों ने पैसे लेकर नौकरियां बांटीं. इससे काबिल कैंडिडेट को मौका नहीं मिला. पुलिस ने जांच की 44 लोगों की संलिप्तता पाई. इनमें असम लोक सेवा आयोग के चार सदस्य और एक कर्मचारी, तीन बिचौलिए और 36 अभ्यर्थी शामिल थे.
सबूतों के अभाव में 11 बरी
मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दीपांकर ठाकुरिया की अदालत में हुई. उन्होंने असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के तत्कालीन अध्यक्ष और 31 लोगों को मामले में दोषी पाया. सबूतों के अभाव में 11 अन्य को बरी कर दिया, जबकि एपीएससी की एक सदस्य बिनीता रयांझा सरकारी गवाह बन गईं. इसलिए वह बच गईं. बिनीता रयांझा ने ही इन लोगों की सारी पोल पट्टी खोलकर रख दी. कोर्ट में बता दिया किस तरह इन लोगों ने खेल किया. अंकों में हेरफेर की. बरी होने वालों में एपीएससी के एक कर्मचारी, तीन बिचौलियों और सात अभ्यर्थी शामिल हैं.
सजा पर फैसला आज…
न्यायाधीश ने कहा कि दोषियों को कितनी सजा दी जाएगी, इस पर फैसला बाद में लिया जाएगा. उन्होंने तुरंत सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया, जिसके बाद सभी 32 दोषियों को गुवाहाटी सेंट्रल जेल भेज दिया गया. जज ने ये भी कहा कि जिन 7 उम्मीदवारों को बरी किया गया है, वे भी बेदाग नहीं थे, लेकिन उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए उन्हें संदेह का लाभ मिला है. नौकरी पाने में असफल रहे एक अभ्यर्थी ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पैसे लेकर अन्य अभ्यर्थियों के अंक बढ़ा दिए गए. न्यायाधीश ने कहा कि पूरी साक्षात्कार प्रक्रिया एक मजाक थी.
Tags: Government job, Govt Jobs, Job and career, Job news, Job SearchFIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 21:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed